संभाग के सभी अभियोजन अधिकारियों ने लिया भाग
एससीएसटी वर्ग के न्याय का मार्ग बने अभियोजन अधिकारी - पुरूषोत्तम सिंह
अनूपपुर। म.प्र. लोक अभियोजन ने ऑनलाईन वेबीनार के माध्यम से एससीएसीटी एक्ट विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन पुरूषोत्तम शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदौर प्राणेश कुमार प्राण ने मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में तथा डीपीओ आजाक जबलपुर एवं डीपीओ अजाक इंदौर अनिता शुक्ला ने विशेषज्ञ के रूप में व्याख्यान दिया। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी शहडोल नवीन कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा म.प्र. राज्य समन्वयक एसीएसटी एक्टडीडीपी धार त्रिलोकचंद्र बिल्लौरे द्वारा तैयार की गई तथा कार्यक्रम का संचालन डीपीओ धार संजय मीना द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में म.प्र. लोक अभियोजन विभाग के 600 से अधिक अभियोजन अधिकारी सम्मिलित हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुरूषोत्तम शर्मा ने अपने उदबोधन में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में बताया तथा अपने अनुभव सभी के साथ साझा किए। आपने दलितों को उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के विषय में विस्तार से बताया। भारतीय संविधान, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारणद्ध अधिनियम 1989 के विषय में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि दलित हमारे समाज के अभिन्न अंग है। अब समय आ गया है कि जब हम उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडे। दलितों पर हो रहे अत्याचार पर चिंतित होते हुए उन्होने कहा कि दलित पर अत्याचार करने वालों को सख्त से सख्त सजा कराने की आवश्यकता है, जिससे समाज में व्याप्त कुप्रथा का अंत किया जा सके।
वर्तमान में म.प्र. के प्रत्येक जिले मे विशेष न्यायालयों का गठन किया गया है। म.प्र. में एससीएसटी एक्ट की 21158 प्रकरण लंबित है। म.प्र. के जिला होशंगाबाद, खंडवा, मुरैना, सतना, सिवनी, उज्जैन व विदिशा के विशेष न्यायालय में उप संचालक अभियोजन रेग्यूलर कैडर से संचालन किया जा रहा है तथा शेष जिलों में में जीपी व एजीपी द्वारा संचालन किया जा रहा है। आपने यह भी बताया कि शेष जिलों में विशेष न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या अधिक होने से रेग्यूलर कैडर के अधिकारियों द्वारा पैरवी कराने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए त्रिलोक चंद्र बिल्लौरे को संपूर्ण राज्य हेतु एसीएसटी एक्ट के प्रकरणों के प्रभावी निराकरण हेतु राज्य समन्यवयक नियुक्त किया गया है। श्री शर्मा ने अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि श्री बिल्लौरे के नेतृत्व में म.प्र. के अभियोजन अधिकारी, एससीएसटी एक्ट के प्रकरणों में अपराधियों को अधिक से अधिक सजा से दंडित कराकर एक सभ्य समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
एससीएसटी अपराधियेां पर अंकुश लगाने का काम अभियोजन का है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदौर प्राणेश कुमार प्राण ने अपने व्याख्यान में एससीएसटी एक्ट के प्रकरणों के प्रभावी अभियोजन संचालन के विषय में बताया। श्री प्राण ने बताया कि एससीएसटी एक्ट के अपराध का विचारण किस तरह किया जाना चाहिए, जिससे दोषियों को अधिकतम सजा कराई जा सके। उन्होंने भारतीय संविधान के अंतर्गत दलितों को प्राप्त अधिकार एवं एससीएसटी एक्ट के महत्वपूर्ण प्रावधानों की प्रक्रिया संबंधी संपूर्ण जानकारी शिक्षणार्थियों से साझा की। डीपीओ अजाक जबलपुर संदीप पांडेय एवं डीपीओ अजाक इंदौर अनिता शुक्ला ने एससीएसटी के प्रकरणों के किए गए अभियोजन संचालन के बारे में बताया साथ ही उन्होने अपने अनुभव सभी शिक्षणार्थी से साझा किए। उक्त कार्यशाला में शहडोल से जिला अभियोजन अधिकारी विश्वजीत पटेल, अनूपपुर जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी, उमरिया जिला अभियोजन अधिकारी अर्चना रानी मरावी सहित संभाग के सभी अभियोजन अधिकारियों ने भाग लिया।
अनूपपुर अभियोजन मीडिया प्रभारी ओर एससी एसटी अपराधों के जिला समन्वयक राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि जिला अनुपपुर में इन अपराधो में पैरवी लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा की जा रही है, जिला अनुपपुर में इस वर्ग के कुल 171 मामले विचारधीन है, जिनमे अधिक से अधिक मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।