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दुष्कर्म एवं अपहरण के आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं १०-१० हजार का अर्थदंड

बुधवार, 14 मार्च 2018

/ by News Anuppur
अनूपपुर। विशेष न्यायाधीश रवि कुमार नायक  अनूपपुर द्वारा अपने विशेष प्रकरण क्रमांक ०६/२०१६ शासन बनाम संतोषी बाई वगैरह के प्रकरण में १३ मार्च को निर्णय पारित करते हुए आरोपी संतोषी बाई पति उत्तम प्रसाद निवासी ग्राम किरगी एवं सुषमा उर्फ सुखमत गोड़ पति सुदामा प्रसाद राजोरिया निवासी ग्राम परासरी बंगला, जिला सागर को प्रत्येक आरोपी को अपराध धारा ३६६ भादवि में १० वर्ष का सश्रम कारावास एवं १० हजार रूपए अर्थदंड व धारा ३७६ (२), १०९ भादवि सहपठित धारा ७/१७ लैगिंग अपराध से बालको का संरक्षण अधिनियम में १० वर्ष का सश्रम कारावास एवं १० हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है एवं आरोपी कमला प्रसाद जायसवाल पिता रामप्रसाद जायसवाल निवासी ग्राम धरमदास अनूपपुर को धारा ३६६ क भादवि एवं सहपठित धारा ३ (२)(५) एसअीएससी एक्ट में आजीवन कारावास एवं १० हजार रूपए के अर्थदंड एवं धारा ३७० (४)भादवि में आजीवन कारावास   एवं १० हजार रूपए के अर्थदंड, अभियुक्त सुदामा पिता रामेश्वर प्रसाद राजोरिया एवं रामेश्वर प्रसाद पिता कन्हैयालाल राजोरिया निवासी ग्राम परासरी बंगला जिला सागर म.प्र. को धारा ३६६ भादवि एवं सह पठित धारा ३ (२)(५) एसटीएससी एक्ट में ७ वर्ष का सश्रम कारावास एवं ५ हजार रूपए अर्थदंड एवं धारा ६ लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम २०१२ तथा धारा ३७६ (२)/१०९ भादवि एवं सहपठित धारा ३(२)(५) एसटीएससी एक्ट में प्रत्येक अभियुक्त को आजीवन सश्रम कारावास एवं १० हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है तथा आरोपी विजय उर्फ बृजेश पिता रामेश्वर प्रसाद राजोरिया निवासी ग्राम परासरी बंगला जिला सागर एवं श्याम बिहारी पिता बाल मुकुंद निटोरिया निवासी ग्राम गढ़ौली जिला सागर को धारा ३७० (क)(१) भादवि सहपठित धारा ३(२)(५) एसटीएससी एक्ट में ७ वर्ष का सश्रम कारावास एवं ५ हजार रूपए अर्थदंड एवं धारा ६ लैंगिक अपराधो से बालको के संरक्षण अधिनियम २०१२ तथा धारा ३७६ (२)/१०९ भादवि एवं सहपठित धरा ३(२)(५) एसअीएससी एक्ट में प्रत्येक अभियुक्त को आजीवन सश्रम कारावास एवं १० हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। विशेष लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि घटना ७ अक्टूबर को दिन के समय फरियादी अपने घर सियाराटोला/मझगवां से ग्राम बघर्रा जाने के लिए निकली थी और वापस नही आने पर उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता नवल सिंह द्वारा थाना राजेन्द्रग्राम में लिखाई गई, जिस पर थाना राजेन्द्रग्राम ने अपराध क्रमांक १३५/२०१५ धारा ३६३ के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जाकर फरियादी के दस्तयाबी होने पर उक्त आरोपीगण के विरूद्ध उक्त अपराध धाराओ के तहत अपराध की विवेचना कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जहां न्यायालय द्वारा उभय पक्षो के अधिवक्ताओ का तर्क सुनने के पश्चात विशेष लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया एवं लोक अभियोजक अधिकारी रामनरेश गिरि के तर्क से सहमत होते हुए दंडादेश पारित किया गया। 

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