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Anuppur : शिव एवं नाजिम राईस मिल के 6-6 लॉट चावल अमानक, अपग्रेड का खेला गया खेल

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निगम की अनुबंध के खिलाफ नॉन प्रबंधक, अब तक ब्लैक लिस्टेट की नही हुई कार्यवाही

अनूपपुर। जिले में शासकीय धान की मिलिंग कार्य में नागरिक आपूर्ति निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां नॉन के प्रबंधक द्वारा मिलर से अपने ही निगम के अनुबंध की शर्तो के विपरित जाकर कार्य किया जा रहा है। मामला रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर का है, जहां नाजिम अकरम राइस मिल एवं शिव राईस मिल द्वारा दारसागर में जमा किए चावल के 6-6 लॉट को एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा रिजेक्ट करते हुए गुणवत्ता निरीक्षण प्रतिवेदन (क्वालिटी एनालिसिस) को नागरिक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के सीएसएमएस पोर्टल पर एक माह बीत जाने के बाद भी नॉन की प्रबंधक द्वारा अपलोड़ नही किया गया। जबकि अनुबंध की शर्तो के हिसाब से उक्त दोनो राईस मिलरों को ब्लैक लिस्टेट करने प्रस्ताव प्रबंधक संचालक को  प्रेषित करते हुए उन्हे धान वा चावल डीओ नही दिया जाना चाहिए था।

क्या है मामला

रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर में कोतमा के दो राईस मिलर नाजिम अकरम राईस मिल एवं शिव राईस मिल द्वारा जमा किए गए गुणवत्ता विहीन चावल के 6-6 लॉट लगभग 6 हजार 960 बोरी को एफसीआई द्वारा 17 जनवरी को निरीक्षण के दौरान अमानक पाते हुए उसे रिजेक्ट कर रिजेक्शन प्रतिवेदन बनाते हुए नॉन को सौंपा गया। जिसमें नाजिम अकरम राईस मिल द्वारा 3 से 7 जनवरी के बीच वेयर हाउस में स्टेक क्रमांक सी 20 में जमा किए गए लॉट नंबर 1,3, 5, 7,9 एवं 13 में बोरी संख्या 3480 तथा शिव राईस मिल द्वारा 2 से 4 जनवरी के बीच जमा स्टेक क्रमांक सी 4 में लॉट क्रमांक 1, 3, 5, 7, 13 एवं 15 बोरी संख्या 3480 को निर्धारित मापदंडो के अनुरूप जमा नही करने पर रिजेक्ट किया गया था। बावजूद इसके नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक शशि प्रभा द्वारा उक्त क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट को आज दिनांक तक सीएसएमएस पोर्टल पर दर्ज ना करते हुए दोनो राईस मिलरों को धान एवं चावल के लॉट उपलब्ध कराकर नियम विपरीत जाकर चावल जमा कराया गया। 

निगम के अनुबंधों के खिलाफ नॉन प्रबंधक

जानकारी के अनुसार नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक शशि प्रभा द्वारा अपने निगम के अनुबंध की शर्तो के खिलाफ जाकर कार्य करते हुए दो राईस मिलर को लाभ पहुंचाये जाने का खेल खेला गया है। एफसीआई की जांच के दौरान नाजिम अकरम राईस मिल के चावल में ब्रोकन की मात्रा 25 प्रतिशत की जगह 29.5 प्रतिशत पाई गई तथा एफआरके 1 प्रतिशत की जगह 0.7 पाया गया, वहीं शिव राईस मिल द्वारा जमा किए गए चावल में एफआरके 0.72 तथा डैमेज 3.51 पाया गया। इतना ही नही क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट में 2 नोट लगाये गए है जिनमें चावल पॉलिस टेस्ट का रासयन भी इनके मिल में नही पाया गया, वहीं सीएसएमएस पोर्टल नही चलने के लिए इसकी प्रविष्टि नही की जा सकी, जबकि 17 जनवरी की रिपोर्ट के बावजूद पूरे एक माह बीत जाने के बाद भी नॉन डीएम ने अब तक उक्त बीआरएल चावल की क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट अपलोड़ नही की जा सकी। 

अनुबंध की शर्त अनुसार ब्लैक लिस्टेट होना था मिल

निगम की अनुबंध की शर्तो के अनुसार किसी भी मिलर का 1 लॉट चावल अमानक (बीआरएल) होने पर उस मिलर का 15 दिन तक डीओं जारी होगा तथा 3 लॉट चावल बीआरएल होने पर उस मिलर को ब्लैक लिस्टेट कर दिया जाएगा। लेकिन जिले के दो राईस मिलरों का 6-6 लॉट चावल एफसीआई द्वारा बीआरएल करने के बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम की प्रबंधक द्वारा अनुबंध की शर्तो को दरकिनार करते हुए उसे सीएसएमएस पोर्टल में दर्ज ना कर मिलर को ब्लैक लिस्टेट करने संबंधी प्रतिवेदन नॉन के प्रबंधक संचालक को भेजते हुए एनसीसीएफ (नेशनल कॉपारेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) को धान देने से मना करने के लिए सूचित तक नही किया गया। इसके साथ ही चावल जमा वा बीआरएल होने के दिनांक तक भंडारण व्यय सहित लोडिग़ अनलोडिग़ सहित अन्य खर्चो का भुगतान मिलर से वसूला जाना चाहिये, इतना ही नही मिलर पर 2 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्लांटी अधिरोपित की जानी चाहिए थी। लेकिन नॉन डीएम ने दोनो ही मिलरों से मिलीभगत कर उनके 6-6 लॉट चावल बीआरएल होने के बाद सांठगांठ करते हुए मिलरों को लाभ प्रदान किया गया है।

चावल अपग्रडेशन के नाम पर खेला गया खेल

सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार दारसागर वेयर हाउस के संचालक से शिव राईस मिलर से मिलीभगत कर बीआरएल चावल को गोदाम के अंदर एक स्टेक से दूसरे स्टेक में शिफ्ट करा दिया गया तथा उस स्टेक के पैरीफेरल एरिया में चारो तरफ 10 की हाईट तक गुणवत्तायुक्त चावल के बीच में वहीं बीआरएल चावल को पुन: जमा दिखा दिया गया। पूरे मामले में निगम के अनुबंध की शर्तो के विपरित जाकर अपग्रेड का खेल खेला गया है। 

इनका कहना है

मै अभी मिटिंग में व्यस्त हॅू, बाद में ही कुछ बता पाउंगी।

शशि प्रभा पैगवार, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम अनूपपुर

Anuppur : सीएम हेल्प्लाईन बंद कराने चौकी प्रभारी ने फरियादी को फर्जी मुकदमा दर्ज करने दी धमकी

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मामला सरई चौकी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम छीरपानी में बकरी चोरी के आरोप पर टांगी से मारने का 

अनूपपुर। जिले में पुलिस की दबंगई इस कदर हावी है, जहां लोगो को डरा धमका कर सीएम हेल्प लाईन में दर्ज शिकायत को कटवाने के लिए सरई चौकी प्रभारी मंगला दुबे ने फोन पर महिला से अभद्रता करते हुए फरियादी के खिलाफ 3 से 4 फर्जी मामले बनाने की धमकी दिए जाने का ऑडियों जमकर वॉयरल हो रहा है । जहां उक्ता ऑडियों में जिला पुलिस की बड़ी बदनामी सामने आ रही है। जहां पुलिस द्वारा सीएम हेल्पन लाईन बंद कराने के नाम पर पुलिस का रौब वा अपने पदीय दायित्वोंद का दुरूपयोग करने के साथ ही दबंगई दिखा रहे है। 

मामला जिले के थाना करनपठार क्षेत्र अंतर्गत सरई चौकी के ग्राम छीरपानी का है। जहां सरई चौकी में बकरी चोरी के मामले में टांगिया से मारपीट कर लहुलुहान करने से जुड़ा है। जहां ग्राम छीरपानी निवासी बाबूलाल यादव ने 22 दिसम्‍बर 2024 को बकरी चोरी का आरोप लगाते हुए अपशब्‍दो का प्रयोग करते हुए पहले पत्‍थर से मारा गया, जहां पत्‍थर नही लगने पर हाथ में रखे टांगिया से मनोज सिंह मसराम पिता प्रताप सिंह उम्र 29 वर्ष के सिर के पीछे मारकर लहुलुहान कर दिया था। जिसकी सूचना 100 डॉयल को दी गई, जहां मनोज सिंह मसराम को गंभीर हालत में जिला अस्‍पताल शहडोल में भर्तीकराया गया। पीडि़ता की पत्‍नी शकुन सिंह मसराम ने आरोप लगाया है कि पूरे मामले में पुलिस ने फरियादी पक्ष को घुमाते रहे और चार से पांच गवाहों की गवाही एवं अस्‍पताली तहरीर के बाद मामला दर्ज किए जाने को कहा गया। जिसके बाद 30 जनवरी को सरई चौकी में आरोपी बाबू लाल यादव पिता शिव प्रसाद यादव के खिलाफ धारा 296,115 (2), 351 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया।

लेकिन फरियादी मनोज सिंह मसराम पर हुए हमले वा पुलिस द्वारा मामूली धाराओं से ना खुश होकर 17 जनवरी को सीएम हेल्‍प लाईन में शिकायत दर्ज कराई गई। जहां उसने एससी एसटी की धाराओं पर मामला दर्ज ना करने का आरोप सरई चौकी प्रभारी मंगला दुबे पर लगाया गया । जिसके बाद 9 फरवरी की दोपहर 4 बजे सरई चौकी प्रभारी मंगला दुबे ने फरियादी के मोबाइल फोन पर कॉल किया गया। जहां फोन मनोज सिंह मसराम की पत्‍नी शकुन मसराम ने उठाया । जिस पर चौकी प्रभारी ने पहले तो उक्‍त प्रकरण में दर्ज सीएम हेल्‍प लाईन में दर्ज शिकायत को बंद कराने के लिए बोला गया। चौकी प्रभारी ने कहा की मनोज के खिलाफ 2 से 4 मामला दर्ज कर देने की बात कहते हुए 10 से 12 सीएम हेल्‍प लाईन और लगा देने की बात कही गई। इसके बाद महिला द्वारा सीएमहेल्‍प लाईनबंद करने से मना किया गया तो प्रभारी ने 2 से 4 फर्जी मामला और लगा देने के साथ स्‍वयं ही अपशब्‍दो का प्रयोग किया गया ।

इनका कहना है

सरई चौकी प्रभारीको समझाईश दी गई है, मामले की जांच कराई जाएगी ।

मोती उर्र रहमान, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर 

ऑडियों सुने 

Anuppur : उपस्वास्थ्य केन्द्र बसखला का भवन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट

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नव निर्मित आवासीय परिसर पड़ा बीमार, इलाज की जरूरत

इंट्रो - प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं सहित समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उपस्वास्थ्य केन्द्र पहली कड़ी के रूप से जाना जाता है, लेकिन कोतमा तहसील अंतर्गत ग्राम बसखला में सर्व सुविधायुक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का घटिया और गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य के कारण खुद अस्वस्थ्य नजर आ रहा है। इसके पूर्व ग्राम पंचायत बसखली में पुराने उप स्वास्थ्य केन्द्र का भवन के जर्जर होने के कारण बीते 2 वर्षो से सीएचओं (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) एवं एएनएम आंगनबाड़ी केन्द्र बसखला में जाकर ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने को मजबूर है, लेकिन इस ओर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अंजान बना हुआ है। 

अनूपपुर। ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराए जाने को लेकर ग्राम बसखला में लगभग 43 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया गया है, जहां समयावधि समाप्त होने के साथ ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य कराये जाने के कारण स्वास्थ्य विभाग अब तक उक्त बिल्डिंग को हस्तांतरण में नही लिया गया। जानकारी के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर एवं एएनएम का आवासीय परिसर है, जहां दोनो कर्मचारियों को वहां रहकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं देना है। लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके उप स्वास्थ्य केन्द्र में कोई व्यवस्था वा सुविधा नही की गई है। 

सर्व सुविधायुक्त केन्द्र पर ठेकेदार की मनमानी 

स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत ग्राम बसखला में सर्व सुविधायुक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन के निर्माण में ठेकेदार की मनमानी सामने आई है, जहां आवासीय परिसर युक्त उक्त केन्द्र में ना तो पेयजल की व्यवस्था है। इतना ही नही अव्यवस्थित बिजली एवं फिटिंग, विकलांगों के लिए बनाये गए रैम्प वा सीढिय़ों में रेलिंग तक नही लगाई गई है। परिसर सहित कमरों में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था तक नही है, कई कमरों के सिलिंग फेन एवं एग्जॉस्ट फेन ही ठेकेदार ने गायब कर दिए, जिसे चोरी कर लिए जाने की कहानी का रूप दिया जा रहा है। इतना ही नही परिसर में अब तक ठेकेदार द्वारा मिट्टी फिलिंग कर उसका समतलीकरण तक नही किया गया।

बीमार पड़े उप स्वास्थ्य केन्द्र को इलाज की जरूरत

प्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजो को प्राथमिक उपचार का लाभ दिलाए जाने के उद्देश्य से बनाये जा रहे उप स्वास्थ्य केन्द्र बसखला खुद बीमार पड़ा हुआ है, जिसे इलाज की जरूरत है। वहीं ठेकेदार की मनमानी एवं विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा उक्त केन्द्र की आज तक मॉनिटरिंग तक नही की गई है। जिसके कारण उप स्वास्थ्य का नवनिर्मित भवन के घटिया एवं गुणवत्ता विहीन निर्माण और स्वास्थ्य विभाग को हतस्तांतरण करने की पूरी कार्ययोजना ठेकेदार और इंजीनियर से मिलीभगत कर अंजाम देने को लगे हुए है। 

आवासीय परिसर के नाम पर खानापूर्ति

कहने को तो सर्वसुविधा एवं आवासीय परिसर युक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर एवं एएनएम का निवास भी है, लेकिन उक्त कमरे में की हालत बेहाल है, परिसर में पानी के लिए ठेकेदार ने अब तक बोर नही किया गया, इतना ही नही पेयजल के लिए भवन में की गई अव्यवस्थित पाईप लाईन फिटिंग में उनका रहना संभव नही है। उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत 2600 आबादी वाले तीन ग्राम जिनमें बसखला, बसखली एवं मनमानी के ग्रामीणों का बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर छला जा रहा है। जहां कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर एवं एएनएम बिना उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन के आंगनबाड़ी केन्द्र बसखला में बैठ कर ग्रामीणों का उपचार करा रही है। 

कैसे होगा एनक्वास का प्रमाणीकरण सर्वे

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भोपाल से अनूपपुर जिले के कोतमा विकासखंड में उप स्वास्थ्य केन्द्र बसखला का नाम एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडड्र्स) में शामिल है। लेकिन उप स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन निर्माण में ठेकेदार की लेट लतीफी एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में दी जाने वाली सेवाओं तथा इंफ्राटेक्चर के साथ सात प्रकार के सर्विसेस जिसमें ओपीडी, एएनसी, टीकाकरण सेवाएं, वृद्धजन की देखाभाल, एनसीडी के तहत जागरूकता कार्यक्रम सहिज जन आरोग्य समिति की बैठक सहित अन्य कार्यो सर्वे बाहर से टीम द्वारा किया जाकर मूल्यांकन किया जाना है, लेकिन आवासीय परिसर युक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र के घटिया निर्माण एवं समयावधि निकल जाने के बाद भी उक्त बिल्डिंग को अब तक विभाग को हस्तांतरण नही करना अब विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। जिससे तीन ग्रामों बसखला, बसखली एवं मनमानी की स्वास्थ्य सेवाओं में असर पड़ रहा है।

इनका कहना है

पूरे मामले की जानकारी लेकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, अधूरे सभी कार्यो को पूरा कराने के निर्देश दिए जाएगें। 

हर्षल पंचोली, कलेक्टर अनूपपुर



इनका कहना है

जब तक उप स्वास्थ्य केन्द्र बसखला का कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण नही किया जाता, जब तक उक्त बिल्डिंग को हैण्डओव्हर में नही लिया जाएगा। 

डॉ. आर.के. वर्मा, सीएमएचओं अनूपपुर

Amarkantak में तीन दिवसीय नर्मदा महोत्सव का होगा भव्य आयोजन - कलेक्टर

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मॉ नर्मदा के भक्ति में डूबे अमरकंटक में बाबा हंसराज रघुवंशी 4 फरवरी को देगें विशेष प्रस्तुती 

अमित शुक्ला/अनूपपुर। मैकल पर्वत श्रृंखला पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वा पवित्र नगरी अमरकंटक में तीन दिवसीय नर्मदा महोत्सव की तैयारियों को जिला प्रशासन द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। कलेक्टर हर्षल पंचोली ने चर्चा के दौरान बताया कि विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमाला की प्राकृतिक सुंदरता जहां हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, वहीं मॉ नर्मदा नदी का उद्गम स्थल के साथ कलचुरी काल के कई प्राचीन मंदिर में भक्त वा श्रद्धालु के लिए आस्था का केन्द्र है। कलेक्टर ने बताया कि नर्मदा महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें इस बार 3 से लेकर 5 फरवरी की सुबह योगा अभ्यास के अलावा ट्रैकिंग कराई जाएगी। इस बार प्रसिद्ध भजन गायक बाबा हंसराज रघुवंशी समेत कई बड़े कलाकार महोत्सव में शामिल होंगे, जो अपनी भजनों की शानदार प्रस्तुतियां देगें। 

महोत्सव में पूरा अमरकंटक होगा भक्तिमय

3 फरवरी से प्रारंभ होने वाले नर्मदा महोत्सव में पूरा अमरकंटक भक्तिमय होगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 3 फरवरी को योगाभ्यास के बाद सुबह 10 बजे मॉ नर्मदा मंदिर प्रांगण से दीनदयाल चौक तक मॉ नर्मदा की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी, 1 बजे मंदिर प्रांगण में अखंड कीर्तन, 2 बजे रामघाट में उद्घाटन कार्यक्रम, शाम 6.30 बजे रामघाट में महाआरती एवं लेजर शो तथा रात 8 बजे सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, वहीं 4 फरवरी को मंदिर प्रांगण में प्रात: 10 बजे से पूजन एवं हवन, दोपहर 12 बजे कन्या भोजन एवं महाप्रसाद, शाम 6.30 बजे महाआरती तथा शाम 8 बजे मेला ग्राउंड में बाबा हंसराज रघुवंशी द्वारा विशेष प्रस्तुति का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही 5 फरवरी की शाम महाआरती तथा रात 8 बजे से स्थानीय लोक कला मंच, सांस्कृतिक संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन होगा। 

टेंट सिटी और लेजर लाईट आकर्षकण का रहेगा केन्द्र

महोत्सव का विशेष आकर्षण बनाने के लिए मेला ग्राउंड में टेंट सिटी बनाया जा रहा है, कलेक्टर हर्षल पंचोली ने बताया कि व्हीआईपी के रूकने के लिए 20 टेंट सिटी बनाई जा रही है। इसके साथ रामघाट में लेजर लाईट के माध्यम से मॉ नर्मदा के जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा, जो आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहेगा। कलेक्टर ने बताया कि महोत्सव में मॉ नर्मदा उद्गम स्थल के पास बने मॉ नर्मदा मंदिर की सजावट के साथ ही कुंड की साफ-सफाई तथा जगह-जगह प्रकाश की व्यवस्था, घाटों का रंग रोगन कार्य पूर्ण हो चुका है। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों सहित श्रद्धालुओं को मॉ नर्मदा की सुंदरता दिख सके। 

सुरक्षा व्यवस्था हेतु 150 पुलिस बल रहेगा तैनात

पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान ने बताया कि तीन दिवासीय नर्मदा जयंती के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के सम्मिलित होने की संभावना तथ महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला सहित अन्य मंत्रियों के कार्यक्रम में शामिल होने संभावना के दृष्टिगत कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा बनाये रखने हेतु 150 पुलिस बल तैनात होगें। जिस पर पुलिस शहडोल एवं उमरिया जिले से 55 अतिरिक्त पुलिस बल तथा जिले से लगभग 100 पुलिस बल तैनात रहेगें। 

ट्रैफिक व्यवस्था हेतु किया गया प्री-प्लान 

एसपी मोती उर्र रहमान ने बताया कि महोत्सव के दौरान पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ सहित अनूपपुर, शहडोल, डिंडौरी जबलपुर सहित अन्य जिले से आने वाले श्रद्धालुओं सहित पर्यटकों के लिए रूट चार्ट निर्धारित किया गया है, जिसमें अनूपपुर, शहडोल एवं छत्तीसगढ़ से आने वाले यात्रियों के लिए पार्किंग व्यवस्था मेला ग्राउंड में, जबलपुर डिंडौरी एवं छत्तीसगढ़ से आने वाले यात्रियों के लिए पार्किंग व्यवस्था गोंडवाना मेला में किया गया है। वहीं ट्रैफिक व्यवस्था को देखते हुए सभी यात्रीगणों के लिए मेन मार्केट अमरकंटक् में वाहन प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। 

Anuppur : साला और साढू भाई की फर्जी नियुक्ति वा फर्जी प्रस्ताव का हुआ खुलासा

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10वीं फेल साढू भाई वा फर्जी अंकसूची से साले को दी नियुक्ति, मामला सहकारी समिति धनगवां का

इंट्रो- आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धनगवां के प्रभारी प्रबंधक द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी जैसे मामलों से घिरे हुए है। मामला कोरोना काल में पीएमजीकेवाय के कमीशन में बंदरबांट सहित अपने कार्यकाल में स्वयं के द्वारा किए गए फर्जी प्रस्ताव की पोल खुल गई है। जहां पूरे मध्यप्रदेश में सहकारिता विभाग द्वारा तुलावटी पद की भर्ती नही की गई, वहीं धनगवां के प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा अपने साले और साढू भाई को तुलावटी दिखाते हुए 30 नवम्बर 2017 को स्वयं के द्वारा फर्जी प्रस्ताव लिखते हुए अपने साला दिनेश सिंह राठौर की फर्जी वा कूटरचित अंकसूची लगाकर एवं साढू भाई विजय सिंह राठौर के 10वीं फेल की अंकसूची के बाद 30 नवम्बर 2017 को प्रस्ताव के दिन नियुक्ति दे दी गई, जबकि अस्थाई विक्रेता की भर्ती हेतु पात्रता 10वीं पास थी। 
अनूपपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धनगवां में जहां हर दिन नया मोड़ सामने आ रहा है, जहां समिति के प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा अपने साला और साढू भाई की नियुक्ति में अपने आप को बचाने के पूरे प्रस्ताव में अपने हस्ताक्षर नही होने की बात कही गई, लेकिन 30 नवम्बर 2017 को प्रभारी प्रबंधक द्वारा प्रस्ताव लिखा गया और संचालक मंडल के बाद 7वें नंबर पर स्वयं प्रबंधक सालिक सिंह के नाम पर हस्ताक्षर किया गया है। इतना ही नही प्रभारी प्रबंधक के साले दिनेश सिंह राठौर की तुलावटी पद पर नियुक्ति का आदेश  11 जनवरी 2010 को बताया गया, जबकि उस समय दिनेश सिंह की राठौर उनकी अंकसूची के अनुसार मात्र 15 वर्ष की थी, तो क्या 15 वर्ष की आयु में ही दिनेश सिंह को तुलावटी पद पर भर्ती किया गया था, जो जांच का विषय है। पूरे मामले में साफ है कि प्रभारी प्रबंधक सालिक सिंह राठौर द्वारा फर्जी दस्तावेजो, फर्जी प्रस्तावों से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है।

तुलावटी पद नही तो फिर कैसी पदोन्नति

पैक्स धनगवां के प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 11 में प्रस्ताव क्रमांक 2 में समिति में दुकान के संचालन हेतु तुलावटी के पदोन्नति पर विचार किए जाने का प्रस्ताव स्वयं के द्वारा लिखा गया, जबकि तुलावट पद ही सहकारित विभाग में नही है और ना ही पूरे मध्यप्रदेश में तुलावटी पद की कभी भर्ती हुई, जब पद नही तो पदोन्नति कैसे? प्रस्ताव में संस्था द्वारा 14 दुकानों के संचालन की बात कही गई, लेकिन उन्होने तुलावटी जैसे पद की बात कहते हुए पांच लोग जिनमें विजय सिंह राठौर, महेन्द्र कुमार गुप्ता, दिनेश सिंह राठौर, पूरन लाल केवट, प्रदीप कुमार सानी का नाम शामिल किया और उसकी दिनांक को सिर्फ दो लोग अपने साले विजय सिंह राठौर और साढू भाई को नियुक्ति पत्र का आदेश भी थमा दिया गया। सबसे बड़ी बात पदोन्नति में महेन्द्र कुमार गुप्ता का एक नाम आया है, जबकि महेन्द्र कुमार गुप्ता वर्ष 2012 में ही सेल्समैन में भर्ती हो चुका था। 

पीएमजीकेवाय खाद्यानन की राशि का गबन 

पीएमजीकेवाय खाद्यानन के कमीशन राशि राशि 2 लाख 61 हजार 369 के गबन में कैशबुक में फर्जी आय-व्यय इंद्राज कर धोखाधड़ी करते हुए गबन का खुलासा हुआ है।  जिसमें प्रभारी प्रबंधक ने अपने ऑपरेटर की त्रुटि को इसका कारण बताते हुए नवीन विक्रेताओं के खाते में राशि चला जाना बताया गया। जब इस पूरे मामले की जांच की गई तो तो एक चौंका देने वाला तथ्य सामने आया, जिसमें प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर का भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसे अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए जिस रेवन्यू टिकट लगी पावती से वसूली की बात कही गई, वहीं पावती बिना विक्रेताओं के हस्ताक्षर किए हुए मामला उजागर होने के बाद 9 सितम्बर 2024 को जबरन प्रभारी प्रबंधक ने सिर्फ विक्रेताओं से हस्ताक्षर कराकर अपने आप को बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन इस पावती के बाहर निकलते ही उनके और उनके हमदर्द की बोलती बंद हो गई। 

विक्रेता की भर्ती पर सुरक्षा निधि खा गये प्रबंधक

पैक्स धनगवां के प्रभारी प्रबंधक सालिक सिंह राठौर ने अपने रिश्तेदार दिनेश सिंह राठौर एवं विजय सिंह राठौर की  विक्रेता के पद पर भर्ती तो कर दी, लेकिन सहकारिता नियम के अनुसार दोनो ही विक्रेता दिनेश राठौर एवं विजय सिंह राठौर की नियुक्ति के पूर्व जमा सुरक्षा निधि 1 लाख रूपए स्वयं ही डकार गये और उक्त सुरक्षा निधि को कोई जिक्र तक नही कर रहे है। वहीं दिनेश सिंह राठौर की नियुक्ति के समय प्रस्तुत अंक सूची में कक्षा 10, वर्ष 2011 में नियमित छात्र के रूप में किया संलग्र किया है, जबकि उक्त अंकसूची जुलाई 2011 रोल नंबर 113622963 सेंटर कोड शासकीय हाई स्कूल गोरसी से सरिता देवी राठौर जो कि दिनेश राठौर की बहन के नाम से जारी थी, उक्त अंकसूची में छेड़छाड़ कर उसे अपने नाम से प्रस्तुत किया गया। जो सहकारिता में बड़ा सबसे बड़ा फर्जी वाड़ा है, जिसमें फर्जी दस्तावेज वा फर्जी प्रस्ताव को स्वयं लिखकर पूरी कहानी रची। तुलावटी दिनेश सिंह राठौर एवं विजय सिंह राठौर के परिश्रमिक भुगतान,उपस्थिति पंजी सहित सुरक्षा निधि को प्रबंधक ने खा लिया, जिसकी डकार तक नही ली जा रही है।

Anuppur : सहकारिता कर्मचारी नियमों का उल्लंघन कर दो जगहों पर दे रहा अपनी सेवाएं

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नियमविरूद्ध कार्य को लेकर प्रबंधक ने थमाया नोटिस, उपार्जन केन्द्र छातापटपर का कार्य प्रभावित

मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति जैतहरी का

अनूपपुर। जहां लोग एक नौकरी को तरसते है, लेकिन जिले में एक एैसा भी शख्स है, जो एक साथ दो जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहा है, ये नटवरलाल और कोई नही सहकारिता विभाग का कर्मचारी कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर है। इसके लिए उसने अपने विभाग को भी धोखे में रखा है। जब उसका भांडा फूटा तो उसे कारण बताओं नोटिस जारी किया गया, लेकिन उसने इसे भी अनदेखा करते हुए दूसरे कार्य में अपनी पूरी सेवाएं देते हुए अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की लगातार अव्हेलना किया जा रहा है। मामला आदिम जाति सेवाकारी समिति जैतहरी अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान मनौरा के कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर का है। 

यह है मामला

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति जैतहरी अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान मनौरा के कनिष्ठ विक्रेता जो कि संस्था का कर्मचारी होने के साथ ही उपार्जन केन्द्र रूपेन्द्र वेयर हाउस छातापटपर में किसानो की धान खरीदी के लिए सहयोगी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। बावजूद इसके सहकारिता अधिनियम का खुला उल्लंघन करते हुए धान उपार्जन केन्द्र कृषि उपज मंडी समिति जैतहरी परिसर में प्राइवेट दुर्गा क्रमांक 2 स्व-सहायता समूह में अपनी सेवाएं 2 दिसम्बर से लगातार दिए हुए है। जिसको लेकर कई बार प्रशासक वा समिति प्रबंधक द्वारा कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर को संस्था में अपने दायित्वों के निवर्हन वा कार्यो के संस्था बुलाया गया, लेकिन कनिष्ठ विक्रेता अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अव्हेलना करते हुए अपनी सेवाएं प्राइवेट महिला समूह में दिया जा रहा है।

सहकारिता अधिनियम का खुला उल्लंघन

मार्च 2021 में भर्ती हुए कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर द्वारा सहकारिता अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन करते नजर आ रहे है। जहां संस्था द्वारा सौंपे गये दायित्वों को निर्वहन को छोडक़र अपने परिवार के ही प्राइवेट महिला स्व-सहायता समूह में धान खरीदी में सहायोग दिया जा रहा है। कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर को संस्था द्वारा दिए गये सभी कार्य अपूर्ण है। वहीं संस्था के विरूद्ध जाकर प्राईवेट महिला समूह में धान खरीदी का कार्य करने के कारण जहां संस्था का कार्य पूरी तरह से प्रभावित है, वहीं शासकीय उचित मूल्य की दुकान मनौरा में हितग्राहियों को समय पर राशन भी नही मिला पा रहा है। 

छातापटपर में धान खरीदी का है सहयोगी प्रभारी

पूरे मामले की जानकारी के अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति जैतहरी के प्रबंधक द्वारा रूपेन्द्र वेयर हाऊस छातापटपर को उपार्जन केन्द्र बनाया गया था, जिसके लिए प्रबंधक द्वारा वहां पर किसानो से धान खरीदी के लिए कनिष्ठ विक्रेता अनुराग सिंह राठौर को धान खरीदी का सहयोगी प्रभारी नियुक्त किया गया था, लेकिन अपने अनुराग सिंह राठौर उक्त आदेश के विरूद्ध जाकर सहकारिता नियमों का उल्लंघन के साथ उसे जारी किए गए निर्देशों के बावजूद उपार्जन केन्द्र रूपेन्द्र वेयर हाऊस छातापटपर में किसानो से धान खरीदी के लिए अब तक अपनी सेवाएं नही दी है। 

निरीक्षण में पहुंचे अधिकारी रहते भ्रमित

कनिष्ठ विक्रेता अनुराग ठाकुर जहां छातापटपर में बनाये गये धान उपार्जन केन्द्र में सहयोगी प्रभारी नियुक्त है, लेकिन अपनी संस्था का कार्य छोडक़र कृषिमंडी परिसर जैतहरी में महिला समूह द्वारा की जा रही धान खरीदी में अपना सहयोग दिया जा रहा हे, जहां निरीक्षण में पहुंचने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को भी धोखे में रखते हुए उन्हे महिला समूह द्वारा की जा रही है खरीदी केन्द्र की पूरी जानकारी से अवगत कराता है। जानकारी के अनुसार दुर्गा क्रमांक 2 स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष बेला राठौर जो कि कनिष्ठ विक्रेता अनुराग ङ्क्षसह राठौर बड़ी माता जी है, इतना ही नही इनके परिवार के अन्य लोग इसमें सदस्य वा पदाधिकारी है। 

 कहना है

नियमविरूद्ध तरीके से संस्था का कर्मचारी प्राईवेट महिला समूह में धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है, जिसको लेकर 3 जनवरी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अब तक जवाब पेश नही किया गया है। 

संदीप गुप्ता, प्रबंधक 
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति जैतहरी


इनका कहना है

मामला संज्ञान में आया है, अगर सहकारिता का कर्मचारी अपने संस्था का काम छोडक़र प्राइवेट महिला समूह में धान खरीदी कर रहा है तो गलत है, जिसकी जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 

विकास कुमार जैन, प्रशासन 
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति जैतहरी


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