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Anuppur: गल्‍फ कंपनी का नकली डीईएफ यूरिया बेचने वाला आरोपी गिरफ्तार

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अनूपपुर गल्‍फ ऑयल लुब्रिकेंट्स इंडिया लिमिटेड (Gulf Oil Lubricants India Limited) कंपनी का नकली डीईएफ (डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड) यूरिया बेचने वाले आरोपी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मन्सूरी तथा एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा के मार्गदर्शन में की गई।

मामले की जानकारी के अनुसार 6 जून को पुलिस अधीक्षक को सूचना प्राप्त हुई थी कि अमरकंटक तिराहे के पास स्थित जायसवाल मोटर पार्ट्स दुकान में ट्रकों एवं भारी वाहनों में प्रयुक्त गल्‍फ ऑयल लुब्रिकेंट्स इंडिया लिमिटेड (Gulf Oil Lubricants India Limited) कंपनी का डुप्लीकेट डीईएफ यूरिया बेचा जा रहा है।

सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कोतवाली निरीक्षक अरविन्द जैन के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक गोविन्द प्रसाद पनिका, प्रधान आरक्षक विनय बैस, रितेश सिंह, ज्ञानेन्द्र पासी एवं आरक्षक प्रकाश तिवारी की टीम द्वारा जायसवाल मोटर पार्ट्स की दुकान में दबिश दी गई। मौके से गल्‍फ एड ब्‍लू आर मैक्‍स (Gulf Ad Blue R Max) ब्रांड के सीलबंद डिब्बों में नकली 20 लीटर डीईएफ यूरिया बरामद किया गया।

पुलिस ने आरोपी उमेश जायसवाल पिता मोतीलाल जायसवाल उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम किरगी हर्रा टोला थाना राजेन्द्रग्राम, हाल निवासी उज्ज्वल कॉलोनी वार्ड 13 अनूपपुर के विरुद्ध धारा 106 बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज किया।

जब्त किए गए डीईएफ यूरिया के नमूनों को सिलवासा (दमन दीव) स्थित संबंधित कंपनी की प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजा गया। परीक्षण में यह पुष्टि हुई कि उत्पाद नकली है। इसके आधार पर आरोपी के विरुद्ध धारा 318(4) बीएनएस के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया गया।

Anuppur: राजेंद्रग्राम के शासकीय स्कूल में सांसद ने दिलाया बेटी को प्रवेश

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सरकारी स्कूल में पढ़ें हमारे बच्‍चे, तभी सुधरेगी व्यवस्था - सांसद हिमाद्री सिंह

अनूपपुरशहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह ने एक अनुकरणीय मिसाल पेश करते हुए अपनी बेटी गिरीशा नंदिनी (ताशू) का नामांकन राजेंद्रग्राम स्थित कन्या शासकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पहली में कराया। यह पहल समाज में सरकारी शिक्षा के प्रति विश्‍वास जगाने के साथ-साथ बेटियों की शिक्षा को लेकर सकारात्मक संदेश देने वाली साबित हो रही है।

जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्यालय राजेंद्रग्राम जो एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, वहां की शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय में सांसद स्वयं अपनी बेटी को लेकर पहुँचीं और प्रवेश की समस्त प्रक्रिया पूरी करवाई। सांसद श्रीमती सिंह ने कहा, जब हम अपने बच्‍चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाते हैं, तब हम न केवल व्यवस्था पर विश्वास दिखाते हैं, बल्कि उसमें होने वाले सुधार और बदलाव की प्रक्रिया को भी नजदीक से देख पाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी भी उन्हीं बच्‍चों के साथ पढ़ेगी, जो सामान्य परिवारों से आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजेंद्रग्राम जैसे क्षेत्रों में अब भी बेटियों की शिक्षा को लेकर जागरूकता की आवश्यकता है। मैं अभिभावकों से अपील करती हूँ कि वे अपनी बेटियों को जरूर स्कूल भेजें ताकि वे अपने अधिकारों और समाज में अपनी भूमिका को समझ सकें।

सांसद की पहल बनी प्रेरणा का स्रोत

सांसद की इस पहल ने एक मजबूत सामाजिक संदेश दिया है। अब आम लोग भी कह रहे हैं कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को अपने बच्‍चों की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में करवानी चाहिए, ताकि व्यवस्था की जमीनी हकीकत को समझा जा सके और उसमें सुधार हो सके।

उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र बसखला में अडाणी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया स्वास्थ्य शिविर, दर्जनों ग्रामीण हुए लाभान्वित

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अनूपपुरग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अडाणी फाउंडेशन द्वारा 27 जून को बसखला स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र (उप स्वास्थ्य केंद्र) में एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में बसखला, बसखली और मनमानी जैसे आसपास के गांवों से 20 से 25 ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। जहां उनकी ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, वजन और अन्य सामान्य परीक्षण किए गए तथा आवश्यकतानुसार दवाइयां नि:शुल्क वितरित की गईं।

इस अवसर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) दुर्गा प्रजापति द्वारा किया गया, जिन्होंने ग्रामीणों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, नियमित जांच कराने तथा रोगों की प्रारंभिक पहचान जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। शिविर में यह देखा गया कि कई ग्रामीण ऐसे भी थे जिन्हें वर्षों से अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी नहीं थी। महिलाओं ने विशेष रुचि दिखाते हुए हीमोग्लोबिन जांच, बीपी कंट्रोल और पोषण संबंधी सलाह प्राप्त की। ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि अक्सर मामूली लक्षणों की अनदेखी गंभीर बीमारियों का कारण बनती है, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। उन्‍होने ने बताया कि समय पर परीक्षण और सही जानकारी से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है, इसलिए ऐसे शिविर ग्रामीणों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।

शिविर का संचालन अडाणी फाउंडेशन के सीएसआर विभाग से नरेंद्र साहू और शिव शर्मा भी उपस्थित रहे और उन्होंने शिविर की व्यवस्था को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया। शिविर में विशेष रूप से बुजुर्ग, महिलाएं एवं युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिससे यह सिद्ध होता है कि अब ग्रामीण समाज भी स्वास्थ्य के प्रति पहले से अधिक जागरूक हो रहा है।

एसपी की टीम एवं चचाई पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अंतरराज्यीय गांजा तस्करी का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

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उड़ीसा से आ रही जाइलो कार से 71 किलो गांजा के साथ हथियार जब्‍त, अन्‍य की तलाश जारी

अनूपपुरपुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के निर्देशानुसार जिलेभर में अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रहार अभियान के अंतर्गत थाना चचाई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 71.820 किलोग्राम अवैध गांजा, एक जाइलो कार सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए मादक पदार्थ की अनुमानित कीमत 7 लाख 18 हजार 200 रुपए आंकी गई है। यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी एवं एसडीओपी सुमित केरकेट्टा के निर्देशन में थाना प्रभारी चचाई सुंद्रेश सिंह के नेतृत्व में एसपी द्वारा गठित विशेष टीम एवं चचाई पुलिस की संयुक्‍त कार्यवाही बताई जा रही है।

मुखबिर की सूचना पर हुई त्वरित कार्रवाई

मामले की जानकारी के अनुसार 24 जून को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि उड़ीसा के संबलपुर से अनूपपुर होते हुए मेडि़यारास की ओर से चचाई की तरफ  सफेद रंग की जाइलो कार क्रमांक एमएच 05 एएक्‍स 0937 में भारी मात्रा में गांजा तस्करी की जा रही है, जो बांदा होते हुए मुम्‍बई जाएगी। सूचना पर तत्काल दो टीमों का गठन कर रेस्क्यू तिराहा अमलाई एवं अन्य संभावित मार्गों पर निगरानी की गई। जैसे ही संदिग्ध वाहन का रेस्क्यू तिराहा की ओर बढ़ा, पुलिस ने उसे टॉर्च सिग्नल देकर रोकने का प्रयास किया, किंतु वाहन तेजी से भागने लगा। पुलिस ने वाहन का पीछा कर उसे विजय ग्राउंड के पास से पकड़ा गया।

दो आरोपी गिरफ्तार, गांजा सहित हथियार भी बरामद

वाहन में चालक सीट पर एक पुरुष एवं बगल में एक महिला बैठी मिली। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम रिजवान खान पिता निजाम खान 32 वर्ष निवासी नवी मुंबई, महाराष्ट्र तथा महिला ने अपना नाम शबाना अंजुम पति फारुक खान 35 वर्ष निवासी मोमिनपुरा नागपुर, महाराष्ट्र बताई है। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें पुराने वाहन के पार्ट्स के नीचे छिपाकर रखे गए 6 बैगों में कुल 14 पैकेट अवैध गांजा वजन 71.820 किलोग्राम पाया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 7,18,200 रूपये आंकी गई है। इसके साथ महिला आरोपी के बैग से एक धारदार बड़ा चाकू, एक छोटी चाकू, नगद 1200, 5 एटीएम कार्ड, आधार कार्ड एवं एक मोबाइल भी बरामद किया गया।

 फॉलोअप में लगी कार सहित अन्‍य आरोपियों की तलाश

चचाई थाना प्रभारी सुन्‍द्रेश सिंह मरावी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान उन्‍होने बताया कि उनकी एक कार अल्‍टो जो  कि फॉलोअप में लगी थी अचानक संबलपुर में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई। जिसको बनवाने में अधिक खर्चा आने पर उन्‍होने उस गाड़ी पार्टस जिसमें स्टेरिंग बाक्‍स खुला हुआ, साइलेंसर, एक बैटरी, एक नग फैन, एक प्लास्टिक का बम्फर, रिपेयरिंग रोड गियर बॉक्स को उन्‍होने गांजा के ऊपर रख लिया था। जिस संबंध में पुलिस ने फॉलोअप में लगे अल्‍टो कार में बैठे लोगो की पहचान संबंधित पूछताछ की जा रही है। तथा गिरफ्तार दोनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 8/20 (बी) एनडीपीएस एक्ट तथा धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत थाना चचाई में अपराध दर्ज कर उन्‍हे न्यायिक हिरासत में लिया गया है एवं अन्य संभावित आरोपियों की तलाश की जा रही है।

कार्रवाई में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका

कार्रवाई में थाना प्रभारी सुंद्रेश सिंह मरावी, उप निरीक्षक बी.एल. गौलिया, सहायक उप निरीक्षक महिपाल प्रजापति, लालमणि, नागेश सिंह, रावेंद्र तिवारी, प्रधान आरक्षक विकास दहाय, अशोक बर्मन, मनोज, हेम सिंह, आरक्षक नितेश, राकेश, दीपक, प्रकाश, अभय राज, गुरुप्रसाद चतुर्वेदी एवं महिला आरक्षक सावित्री सिंह की विशेष भूमिका रही।

कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान: पर्यवेक्षक ढूंढ रहे हैं योग्य जिलाध्यक्ष, दावेदारों में खींचतान

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जिला कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर टिकी सबकी नजरें, सीनियर बनाम यूथ ब्रिगेड में रस्साकशी

अनूपपुर कांग्रेस का बहुप्रचारित संगठन सृजन अभियान क्या वाकई सृजन कर पाएगा या फिर आपसी खींचतान और गुटबाजी के दलदल में ही उलझ कर रह जाएगा? अनूपपुर में वर्तमान कांग्रेस की स्थिति और हालिया गतिविधियाँ यही सवाल खड़ा कर रही हैं। महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य और संगठन सृजन पर्यवेक्षक अशोक अर्जुनराव जगताप का दौरा जिला राजनीति की असल तस्वीर सामने लाने वाला रहा, लेकिन जो उन्होंने देखा, सुना और परखा वह संघठन सृजन नहीं बल्कि संघर्ष सृजन ज्यादा दिखा। कार्यकर्ताओं में समर्पण से ज़्यादा प्रतिस्पर्धा और संगठन से ज्‍यादा स्वयं के पद की चिंता नजर आई। नेता से ज़्यादा दावेदार मौजूद थे, जो सामुहिक उद्देश्‍य के बिना अपनी-अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त लिए संगठन की सीढ़ी चढ़ना चाहते थे। जगताप की रिपोर्ट भले ही फिलहाल बंद लिफाफे में हो, लेकिन जमीनी हकीकत ने यह बता दिया कि कांग्रेस को सिर्फ पदाधिकारी नहीं, एकजुट सेनापति चाहिए। जिला अध्यक्ष की कुर्सी के चारों ओर खींचतान का जो घेरा बना है, वह न सिर्फ सृजन अभियान को चुनौती देता है बल्कि पार्टी की भविष्य की दिशा पर भी सवाल उठाता है।

हर कोई बनना चाहता है जिलाध्यक्ष, लेकिन कांग्रेस कैसे होगी एक?

संगठन को मजबूत करने आए पर्यवेक्षक जगताप के सामने दावेदारों की कतार थी। हर कोई अपनी उपलब्धियों की झोली लेकर आया और अपना पक्ष जमकर रखा। लेकिन संगठन निर्माण के इस अभियान में पार्टी हित गौण और पद की लालसा प्रधान दिखी। सभी चाहते हैं कमान, लेकिन साथ खड़े होने की सोच किसी में नहीं। एकजुटता की तलाश करने पहुंचे पर्यवेक्षक को बिखराव का मैदान मिला। पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह, खींचतान और गुटबाज़ी की दरारें साफ़ झलक रहीं थीं। जहाँ किसी को अपने पुराने अनुभव का भरोसा था, वहीं कुछ युवा चेहरे परिवर्तन का नारा लेकर आए थे। पर सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के ये दावेदार संगठन के लिए सोच रहे हैं या सिर्फ अपनी कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं? जिस समय पार्टी को एकजुट होकर सशक्त विपक्ष बनने की जरूरत है, उस वक़्त स्थानीय नेतृत्व स्वार्थों में उलझा नजर र आया। ऐसे में पर्यवेक्षक जगताप की यह चुनौती और भी कठिन हो गई है कि वह सच्चे सिपाही की पहचान करें या सिर्फ मुखौटे देखें।

कांग्रेस के नाम पर कांग्रेस में ही मंथन

प्रभारी जगताप ने दो दौरों में कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, वकीलों, सामाजिक संगठनों और पत्रकारों से संवाद कर स्थिति का आंकलन किया। तीसरे और अंतिम दौरे के बाद 6 नामों का पैनल बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा जाएगा, जिसके बाद अनूपपुर को नया जिलाध्यक्ष मिलेगा। पर सवाल यह है कि क्या इन छह नामों में कोई एक ऐसा होगा जो कांग्रेस को जिलास्तर पर दिशा दे सके? या फिर वही पुराना समीकरण जिसे चुना जाएगा, बाक़ी उसके खिलाफ काम करेंगे।

नाम तो बहुत, पर नेतृत्व कहीं गुम

जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों में आशीष त्रिपाठी, रमेश सिंह, रामखेलावन राठौर सहित दर्जनभर नाम चर्चा में हैं। लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह आशंका है कि कहीं यह नियुक्ति भी गुटीय सौदेबाज़ी का शिकार न हो जाए। कांग्रेसी खेमें में अभी भी कई वरिष्ठ खुद को स्वाभाविक दावेदार मान रहे हैं, लेकिन युवाओं की नई पीढ़ी किसी ठोस और प्रभावी नेतृत्व की मांग कर रही है। आशीष त्रिपाठी युवा और ऊर्जावान चेहरा माने जाते हैं, जो लंबे समय से पार्टी के विभिन्न संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। उनकी पकड़ खासकर युवा कार्यकर्ताओं और ब्लॉक स्तर के नेताओं में मजबूत मानी जाती है और वह संगठन को निचले स्तर तक सक्रिय करने की सोच के साथ अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पार्टी के भीतर कई नेता उन्हें जिलाध्यक्ष पद के लिए एक संतुलित, सुलझा और रणनीतिक विकल्प मान रहे हैं, जो पुराने और नए दोनों वर्गों के बीच सेतु का काम कर सकते हैं।

कांग्रेस को चाहिए कप्तान, कैप्टन बनने की होड़ में उलझे खिलाड़ी

अनूपपुर में कांग्रेस संगठन की जो हालत है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि दावेदार तो बहुत हैं, लेकिन विचारधारा और जमीन पर काम करने वाले गिने-चुने। पार्टी की हालत एक ऐसे जहाज की तरह है जो बिना कप्तान के समुद्र में डगमगा रहा है और हर कोई पतवार पकड़ने को बेताब है, चाहे दिशा पता हो या न हो। रमेश सिंह, जो वर्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं, ने बीते कार्यकाल में पार्टी को कई चुनावी चुनौतियों के बीच भी एकजुट बनाए रखने की कोशिश की है। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि उनके नेतृत्व में अपेक्षित उर्जा की कुछ कमी रही है, फिर भी वरिष्ठता और संगठन में पकड़ उन्हें पुनः इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आलाकमान नवाचार और ऊर्जा को तरजीह देता है या अनुभव और स्थायित्व को। इस समीकरण में रमेश सिंह का नाम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

क्या सृजन या सिर्फ संशय?

आखिर में, पर्यवेक्षक जगताप के इस सृजन अभियान का नतीजा कांग्रेस के लिए क्या लेकर आएगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल तो अनूपपुर कांग्रेस एक सवाल के घेरे में है कि जब पार्टी के अंदर ही पार्टी नहीं है, तो संगठन कैसे बनेगा?

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