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जिला अनूपपुर में विश्व रेबीज दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

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अनूपपुर। जिला अनूपपुर में विश्व रेबीज दिवस अवसर पर 28 सितम्बर को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला क्षय अधिकारी डॉ. एस.सी. रॉय, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डी. आर. सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक निश्चय चतुर्वेदी, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट, जिला एमएनडी अधिकारी, बीपीएम, बीसीएम एवं समस्त ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव उपस्थित हुए।

जागरूकता कार्यकम्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक अवधिया ने बताया कि रेबीज एक घातक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति का दिमाग और नर्वस सिस्टम प्रभावित होने लगता है। आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि ये बीमारी कुत्ते के काटने की वजह से होती है। लेकिन कुत्तों के अलावा और भी कई ऐसे जानवर होते है जो रेबीज फैला सकते हैं। इस दौरान कई विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा कर जानकारी दी गई।
उन्होने बताया कि आज के समय में कुत्ते पालने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। लोग कुत्ते पालने के शौकीन तो हैं, लेकिन कुत्ते के काटने पर कुछ लोग दुलार में इसे नजर अंदाज कर देते हैं। जबकि ऐसे में रैबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। इस वजह से हर साल सैकड़ों लोग बीमार होते हैं। यह एक लाइलाज बीमारी है, जोकि जानलेवा होती है। इसलिए इसके प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। जिसके कारण प्रत्येक वर्ष 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का मकसद लोगों को रेबीज के प्रति जागरूक करना होता है। ताकि रेबीज के कारण कम से कम मौत हो सके। 

Anuppur News : डेंगू के पांच नए मरीज जिला अस्पताल में भर्ती, प्राईवेट अस्पताल में एक की मौत

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चार मरीज हैदराबाद से तो दो मरीज पुणे से काम कर लौटे थे वापस 

अनूपपुर। जिला अस्पताल में डेंगू के 5 केस सामने आ चुके हैं। जिसमें 1 डेंगू के मरीज की प्राइवेट अस्पताल में 27 सितम्बर को मौत हो चुकी है। जहां 25 सितम्बर को डेंगू के मरीज मिलने के बाद से ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक अवधिया की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां लोगो के स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता और अपने कर्तव्यों से इतिश्री करते हुए अब तक डेंगू के मरीजों के घरों वा आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर सर्वे तक नही कराया गया और ना ही डेंगू से बचाव हेतु लोगो को जागरूक किया जा रहा है। सिर्फ मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराते हुए उनका उपचार किया जा रहा है। 

डेंगू से एक मरीज की मौत

पूरे मामले में 27 सितम्बर की रात लगभग 8 बजे डेंगू से पीडि़त मरीज सुमित केवट पिता रामप्रसाद केवट उम्र 19 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 1 अमगवां की उपचार के दौरान संजीवनी अस्पताल अनूपपुर में मौत हो गई। जहां गुस्साएं परिजनों ने अस्पताल में ही हंगामा मचाते हुए अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाये तथा पीएम कराने से मना कर दिया गया। जिसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। जहां मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराते हुए समझाईश दी गई। जिसके बाद 28 सितम्बर को जिला अस्पताल में दो सदस्यीय डॉक्टरों की टीम के द्वारा मृतक का पीएम किया गया। 

एक दिन पहले हैदराबाद से आया था मरीज

मृतक के परिजनों ने बताया कि सुमित केवट काम करने हैदराबाद के साद नगर में किसी फैक्ट्री में काम करने अपने चार दोस्तो के साथ गया हुआ, जिसके बाद अचानक सभी की तबियत बिगडऩे पर वह एक दिन पहले हैदराबाद से वापस आये थे। जहां सुमित केवट डेंगू पॉजटिव आ गया, जिसे उपचार हेतु प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद तत्काल ही मृतक के साथ गए अन्य चार लोगो का डेंगू की जांच की गई, जिनमें तीन लोग डेंगू पॉजटिव मिले। 

25 को भी निकले दो पॉजिटिव, उपचार हेतु भर्ती

25 सितम्बर को पुणे से काम कर वापस पहुंच दो लोगो की अचानक तबियत खराब होने के कारण उन्हे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां दोनो ही डेंगू पॉजिटिव मिले। बताया जा रहा है की साखी जैतपुर एवं पसला-बिजौड़ी के दो युवा जो कि पुणे काम करने गए थे, जहां से वापस आने पर डेंगू से पीडि़त हो गए जिसके बाद उनका उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है।

इनका कहना है

डेंगू से पीडि़त पांच मरीज सामने आए है, जिनका उपचार किया जा रहा है, मलेरिया विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है, सोमवार से स्वास्थ्य टीम मरीजो के घरों वा उनके आसपास के क्षेत्रों में सर्वे किया जाएगा। 

डॉ. अशोक अवधिया, सीएमएचओं अनूपपुर

राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल के गृह ग्राम में 12 वर्षीय मासूम की एम्बुलेंस नही मिलने से मौत

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बिजुरी अस्पताल में परिजन 3 घंटे एम्बुलेंस का करते रहे इंतजार, तड़पती रही मासूम

अनूपपुर। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्मंत्री दिलीप जायसवाल (dilip jaiswal minister mp) के गृह ग्राम बिजुरी नगर में एम्बुलेंस (ambulance) की सुविधा समय पर नही मिलने पर 12 वर्षीय मासूम ने बिजुरी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। जहां मंत्री के गृह ग्राम में स्वास्थ्य विभाग की लचर प्रणाली से आमजन मानस में जमकर आक्रोश है। 10 अगस्त को भी 9 वर्षीय मासूम अखिल की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर होने पर 2 घंटे तक एम्बुलेंस सेवा नही मिलने के कारण मासूम ने दम तोड़ दिया था। मरीजो को स्वास्थ्य सुविधाओं एवं बेहतर उपचार के लिए कलेक्टर हर्षल पंचोली ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए गए थे। जिले में 20 एम्बुलेंस एवं जिला अस्पताल के लिए 4 एम्बुलेंस कुल 24 एम्बुलेंस रिकार्ड में चल रही है, बावजूद इसके आए दिन एम्बुलेंस की कमी के कारण किसी ना किसी मरीज की जान जा रही है।
जानकारी के अनुसार बिजुरी नगर के वार्ड क्रमांक 7 निवासी 12 वर्षीय मासूम सुष्मिता कुड़ाकू पिता रमा कुड़ाकू को सीने में दर्द एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजनों ने उसे 14 सितम्बर की सुबह लगभग 9 बजे उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी में भर्ती कराया गया था, जहां 10 बजे ड्यूटी डॉक्टर के पहुंचने पर बच्ची का उपचार किया गया, लेकिन हालत में सुधार नही होने के कारण बालिका को जिला चिकित्सालय अनूपपुर के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन 3 घंटे तक एम्बुलेंस नही मिलने के कारण बच्ची ने बिजुरी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। 

अव्यवस्था के कारण गई 12 वर्षीय बच्ची की जान

पूरे मामले में नगर पालिका बिजुरी के वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद विमला पटेल ने बताया कि बच्ची के परिजनों ने उन्हे फोन कर सूचना दी गई कि रात में बच्ची की अचानक तबियत खराब होने पर उन्हे सुबह 9 बजे भर्ती कराया गया, जहां 10.30 बजे डॉक्टर के आने के बाद उनका उपचार करते हुए बच्ची का रेफर कर दिया गया था, लेकिन 1 बजे तक एम्बुलेंस नही पहुंच सकी। उन्होने कहा कि दुर्भाग्य की बात है बगल में ही हमारे मंत्री रहते है, लेकिन बच्ची के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था नही होने के कारण 12 वर्षीय बच्ची ने दम तोड़ दिया। 

डॉक्टर ने माना एम्बुलेंस नही मिलने से हुई मौत

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी में पदस्थ डॉक्टर पुष्पराज सिंह बताया कि बच्ची को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती कराया गया था, जिसका उपचार किया गया, लेकिन बच्ची की स्थिति में कोई सुधार नही होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था लेकिन समय पर एम्बुलेंस नही मिलने के कारण बच्ची ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया, उन्होने बताया कि 3 बार एम्बुलेंस सेवा के लिए कॉल किया गया था, लेकिन हर कॉल में 15 से 20 मिनट का समय सिर्फ बात करने में लगा और 3 घंटे तक एम्बुलेंस के नही मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई। उन्होने बताया कि यह कोई पहला मामला नही है बहुत सारे ऐसे मामले आये जहां गंभीर मामले आये है, जिनके कारण मरीजो को समय पर एम्बुलेंस नही मिल पाया है।

Anuppur News: शिक्षक पिता की जगह पुत्र करा रहा था अध्यापन, मामला दर्ज

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मामला शासकीय माध्यमिक विद्यालय चोलना का

अनूपपुर। शासकीय माध्यमिक विद्यालय चोलना के हेडमास्टर की जगह उनके पुत्र द्वारा बीते 1 माह से विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अनाधिकृत रूप पढ़ाते पाए जाने पर जिपं. सीईओ के निर्देश पर जैतहरी थाना में पिता एवं पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है। 
जानकारी के अनुसार 14 सितम्बर को फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी (एफएलएन) मिशन के क्रियान्वयन का जायजा लेने जिला पंचायत सीईओ तन्मय वशिष्ठ शर्मा ने शनिवार को विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान जिपं. सीईओ ने शासकीय माध्यमिक विद्यालय चोलना पहुंचकर निरीक्षण किया गया, जहां निरीक्षण के दौरान माध्यमिक शिक्षक चमन लाल कंवर एवं दो अतिथि शिक्षक अनुपस्थित पाये गए साथ ही विद्यालय का संचालन माध्यमिक शिक्षक चमन लाल कंवर के पुत्र राकेश प्रताप सिंह करते पाए गए। जहां मौके पर बच्चों और प्राथमिक खंड की महिला शिक्षिका द्वारा बताया गया कि चमन लाल कंवर विगत एक माह से बीमार है, जिसके कारण उनके स्थान पर उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा सेवा दी जा रही है, जिस पर जिपं सीईओ ने आपत्ति व्यक्त करते हुए अनाधिकृत रूप से अध्ययन कार्य कराए जाने पर राजेंद्र प्रताप सिंह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश मौके पर दिए गए, जिस पर कार्रवाई करते हुए जैतहरी बीआरसी विष्णु मिश्रा ने थाना प्रभारी जैतहरी को एफआईआर दर्ज करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया, जिसके बाद थाना जैतहरी में आरोपी हेडमास्टर चमनलाल कंवर वा राकेश प्रताप ङ्क्षसह के विरूद्ध धारा 318, 319, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है। 
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