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जिले में उज्जवला योजना बना मजाक, निः शुल्क बता लोन में दिया जाता गैस कनेक्शन

रविवार, 2 दिसंबर 2018

/ by News Anuppur

गरीबी व रूपए के अभाव में अब तक मात्र 4 प्रतिशत हुई गैस रिफलिंग

अमित शुक्ला, अनूपपुर। केन्द्र शासन की वर्ष 2016 में प्रारंभ की गई उज्जवला योजना के माध्यम से निःशुल्क  गैस कनेक्शन बांटने के नाम पर गरीब महिलाओं के साथ मजाक कर उन्हे छला गया है। जहां योजना की शुरूआती दौर में जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया तथा उन्हे तीन वर्षो में 86 हजार गैस कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य दिया गया, जिसमें अब तक जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाओ को 59 हजार 253 गैस कनेक्शन ही वितरित किए जा सके है। लेकिन गरीबी के कारण 97 प्रतिशत उज्जवल योजना के पात्र हितग्राही पैसो के अभाव में आज तक दोबार गैस की रिफलिंग नही करा पाए। जिसके कारण जिले में उज्जवला योजना पर गरीब महिलाओं इस सुविधा का लाभ नही उठा पाई।

निःशुल्क नही लोन पर मिला गैस कनेक्शन

जानकारी के अनुसार उज्जवला योजना में जहां केन्द्र सरकार द्वारा गरीब महिलाओं को निःशुल्क गैस सिलेण्डर दिए जाने का वादा किया गया, लेकिन हकीकत में  उज्जवला योजना में केन्द्र शासन द्वारा 1900 रूपए लोन देकर उज्जवला योजना का गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। जहां पर उपभोक्ताओं द्वारा या गैस कनेक्शन लेते समय डीलर को 1900 रूपए दे दे या फिर सरकार द्वारा हितग्राही से सबसीडी के नाम पर लोन के रूपए काट लिए जाते है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने बीते 7 माह पहले ही उज्जवला योजना के हितग्राहियों से शुरू के 6 सबसीडी छूट दिए जाने एवं उसके बाद सबसीडी बंद कर छुट दी गई जिसके बाद लोन के रूपए वसूले जाएगे।

86 हजार लक्ष्य में 59 हजार कनेक्शन हुए वितरित

जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत वर्ष 2016 से तीन वर्षो तक 86 हजार गैस कनेक्शन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमे अब तक जिले के 59 हजार 253 हितग्राहियों को ही गैस कनेक्शन ही वितरित किया गया है। जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 77 हजार 421 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें 68 हजार 189 आवेदन पात्र हितग्राहियों के नाम स्वीकृत हुआ जिनमें अब तक कुल 63 हजार 298 आवेदन के दस्तावेज तैयार कर 59 हजार 253 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरित किए जा चुके है। लेकिन जिले की सबसे बडी हकीकत इस योजना की पूरी हकीकत से हितग्राहियो को पूरी जानकारी नही दी गई। वहीं सबसीडी न मिलने के कारण जिले में बांटे गए 59 हजार 253 हितग्राहियों में मात्र 4 प्रतिशत हितग्राही रूपए व महंगाई के अभाव में गैस रिफलिंग नही करा सके है।

जिले में उज्जवला योजना ने तोड़ा दम

जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने पूरी तरह से दम तोड दिया है, जिसमें सर्वे के हिसाब से अब तक पात्र हितग्राहियो को निः शुल्क बांटे गए 59 हजार 253 कनेक्शन के बाद भी गरीबी की मार झेल रहे इन हितग्राहियो के पास गैस सिलेण्डर को रिफलिंग कराने तक के पैसे नही है। जिसके कारण अब तक जिले में मात्र 4 प्रतिशत महिलाएं ही उज्जवला योजना अंतर्गत रिफलिंग करा पाई है, बाकी के 96 प्रतिशत हितग्राही गरीबी व रूपए के अभाव में गैस सिलेण्डर की रिफलिंग नही करा पा रहे। जिसके कारण उज्जवलया योजना में बांटे गए गैस कनेक्शन अनुपयोगी साबित हुए। जिन्हे अधिकतर गरीब तबके के लोगो ने अपना कनेक्शन कम कीमतो में दूसरो को बेच दिए जाने की जानकारी लगी है।

उज्जवला योजना का 1 अप्रैल से हुआ था विस्तार

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत जहां केन्द्र सरकार ने गरीबो को 1900 रूपए लोन देकर निः शुल्क गैस कनेक्शन तो बांटे गए तथा लोन के 1900 रूपए उन्हे सबसीडी न देकर वसूला जा रहा है। इतना ही नही इस योजना का विस्तार 1 अप्रैल से तो कर दिया गा और चुनावी समय में अब इस सबसीडी को 6 माह तक के लिए उन्हे छुट दी गई है। वहीं योजना के विस्तारीकरण में अंत्योदय, एसटीएससी, अतिगरीब, वनाधिकार पट्टाधारी, पीएम आवास वाले पात्र हितग्राहियो को अब केन्द्र सरकार द्वारा बिना पात्रता पर्ची में जारी 23 अंको के टीन नंबर के बिना ही निः शुल्क गैस कनेक्शन वितरित किया जाएगा।

खाद्य अधिकारी करते हितग्राहियों को गुमराह

जानकारी के अनुसार जहां प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के प्रचार-प्रसार में खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल की उदासीनता सामने आई है, जहां पर इस योजना के प्रचार प्रसार में हितग्राहियों को पूर्ण जानकारी के कारण नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रो के पात्र हितग्राहियो को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। वहीं खाद्य अधिकारी द्वारा जिला प्रशासन को इस योजना के सही क्रियान्वयन में अपनी कार्यो के प्रति उत्तरदायित्व का निवर्हन सही ढग से न कर प्रशासन सहित हितग्राहियों को भी गुमराह भी किया गया है। जिसके कारण अब भी तीन वर्षो में जिले को दिया गया लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण करने में असफल साबित हुआ है। जहां पर हितग्राहियों को केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने रहे लोन के बारे में भी कोई जानकारी नही दी जाती और लोन की राशि वसूलने के लिए गैस रिफलिंग में सबसीडी नही दिए जाने की पूरी जानकारी दी जाती है।


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