- पलायन कर रहे श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच, आश्रय, भोजन व्यवस्था के साथ किया जाएगा क्वॉरंटीन
- 1 महीने तक किराया नहीं मांगे मकानमालिक
- छात्रों एवं श्रमिकों को बेघर करने वालों पर होगी कठोर कार्यवाही
अनूपपुर। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को और प्रभावी करने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर ने आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों सहित गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए अस्थायी आश्रय, और भोजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इस हेतु नगरीय क्षेत्र में सम्बंधित नगरपालिका अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उत्तरदायी होंगे। प्रवासी लोग, जो अपने गृह राज्यों / गृह शहरों तक पहुंचने के लिए बाहर से आ रहे हैं, उनकी मानक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार न्यूनतम 14 दिनों के लिए क्वॉरंटीन सुविधाओं में उचित स्क्रीनिंग की जाय। l इसके पश्चात ही उन्हें इस हेतु स्थापित निकटतम आश्रय में रखा जाय। सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की जिस अवधि के दौरान उनके प्रतिष्ठान बंद रहे हैं, अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्य स्थलों पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे। जहां कहीं श्रमिक, प्रवासी श्रमिक किराए के आवास में रह रहे हैं, उन संपत्तियों के मकान मालिक एक महीने की अवधि के लिए किराए के भुगतान की मांग नहीं करेंगे। यदि कोई मकान मालिक अपने परिसर को खाली करने के लिए मजदूरों और छात्रों को मजबूर कर रहा है, तो वे आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।