बरेली। कोरोना लाॅकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को बीच सड़क पर बैठाकर उनके ऊपर सैनेटाइजर का छिड़काव करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस तरह की घटना सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि वह प्रवासी मजदूरों के ऊपर कथित तौर पर पानी के साथ कीटाणुनाशक मिश्रण का छिड़काव करने के आरोपों की जांच करेंगे।
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने श्रमिकों को इस तरह इलाज करने की आलोचना की है। ट्विटर पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में बस स्टैण्ड के पास कथित तौर पर सड़क के एक कोने में लोंगो के ऊपर पानी की बौछारें मारते हुए दिखाया गया था।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, पानी को सोडियम हाइपोक्लोराइट (लिक्विड ब्लीच) के साथ मिलाया गया है। इस अधिकारी ने बातया की वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट कुमार या स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे किसी भी निर्देश से अनजान थे। डीएम ने कहा कि मैंने वीडियो नहीं देखा है। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों में तहत हमारे पास उन सभी का मेडिकल चेक-अप करने का आदेश है जो शहर में प्रवेश कर रहे है।
बरेली के एक डाॅक्टर गिरीश मक्कर ने कहा कि जब तरह ब्लीच को पानी में मिलाया जाता है तो यह क्लोरीन के स्तर पर निर्भर करता है। यह त्वचार पर लगाने पर जलन और खुजली भी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनों का उपयोग सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक के रूम में किया जाता है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा, यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे है, लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए है। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नही होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी योगी सरकार पर हमला बोलते हुए इस कदम की कड़ी निंदा की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जन उपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम है परंतु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हे दंडित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। सरकार तुंरत ध्यान दे। बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बाॅर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बे आसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाय दो-चार विषेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि वह प्रवासी मजदूरों के ऊपर कथित तौर पर पानी के साथ कीटाणुनाशक मिश्रण का छिड़काव करने के आरोपों की जांच करेंगे।
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने श्रमिकों को इस तरह इलाज करने की आलोचना की है। ट्विटर पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में बस स्टैण्ड के पास कथित तौर पर सड़क के एक कोने में लोंगो के ऊपर पानी की बौछारें मारते हुए दिखाया गया था।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, पानी को सोडियम हाइपोक्लोराइट (लिक्विड ब्लीच) के साथ मिलाया गया है। इस अधिकारी ने बातया की वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट कुमार या स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे किसी भी निर्देश से अनजान थे। डीएम ने कहा कि मैंने वीडियो नहीं देखा है। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों में तहत हमारे पास उन सभी का मेडिकल चेक-अप करने का आदेश है जो शहर में प्रवेश कर रहे है।
बरेली के एक डाॅक्टर गिरीश मक्कर ने कहा कि जब तरह ब्लीच को पानी में मिलाया जाता है तो यह क्लोरीन के स्तर पर निर्भर करता है। यह त्वचार पर लगाने पर जलन और खुजली भी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनों का उपयोग सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक के रूम में किया जाता है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा, यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे है, लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए है। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नही होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रदेश के योगी सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर पूछा, यात्रियों पर सेनिटाइजेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल:यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 30, 2020
मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे। pic.twitter.com/ftovaFHR5q
- क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश है ?
- केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है ?
- भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है ?
- साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकप्लिक व्यवस्था है ?
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी योगी सरकार पर हमला बोलते हुए इस कदम की कड़ी निंदा की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जन उपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम है परंतु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हे दंडित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। सरकार तुंरत ध्यान दे। बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बाॅर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बे आसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाय दो-चार विषेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।
1. देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।— Mayawati (@Mayawati) March 30, 2020