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कोयला उद्योग के निजीकरण के विरोध में तीन दिवसीय हडताल 2 जुलाई से

कोयला उद्योग के निजीकरण के विरोध में तीन दिवसीय हडताल 2 जुलाई से

शुक्रवार, 26 जून 2020

/ by News Anuppur

अनूपपुर। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ कोयला उद्योग के निजीकरण के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल केंद्रीय श्रम संगठनों एटक, बीएमएस, एचएमएस,  इंटक एवं सीटू के आह्वान पर भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों के खिलाफ 2 से 4 जुलाई को कोल इंडिया में हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।

एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री एवं संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने बताया 26 जून को कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने यूनियनों के साथ एक बैठक बुलाई गई थी, जिसपर सभी संगठनो ने उद्योग एवं मजदूर विरोधी फैसलों को वापस नहीं लेता है तब तक प्रबंधन के सभी बैठकों का हम बहिष्कार करेंगे। यूनियन प्रबंधन के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होगा। कमरेड ने कहा इस दौरान पूरा एसईसीएल ठप्प रहेगा। किसी भी खदान से कोयला उत्पादन नहीं होने देंगे। हरिद्वार सिंह ने बताया कोल माइंस ऑफिसर एसोसिएशन ने इस हड़ताल का पूर्णतरू समर्थन किया है। इसके पूर्व पांचों श्रम संगठनों ने 18 जून को हड़ताल नोटिस कोयला मंत्रालय के सचिव को दिया है।

बीएमएस के क्षेत्रीय प्रभारी महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। कोयला उद्योग का निजीकरण करते हुए 50 कोल ब्लाक्स को निजी हाथों में देने की तैयारी है। इसके विरोध मे बीएम एस सहित अन्य संगठनों ने वर्चुअल बैठक कर 2 से 4 जुलाई को तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है। उन्होने कहा है कि कमर्शियल माईनिंग, निजीकरण जैसे अन्य मुद्दों को लेकर श्रमिक संगठन तीन दिवसीय हड़ताल करेगें, सरकार हमारी मांगों पर समय रहते विचार करे,अन्यथा निर्णायक संघर्ष किया जाएगा।

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