महज दो घंटे के अंदर लूट गई मोटर साईकिल बरामद
भोपाल। छोलामंदिर पुलिस ने चाकू के नोक में मोटर साईकिल लूट कर भागे तीन आरोपियों जिनमें रितिक यादव उर्फ लिल्ली पिता पहलवान यादव उम्र 18 वर्ष निवासी गणेश मंदिर के सामने प्रजापति नगर शबरी नगर छोलामंदिर भोपाल, विकाश लोधी पिता मानसिंह लोधी उम्र 18 साल निवासी जय नगर कालोनी करोंद भोपाल तथा सौरभ विश्वकर्मा पिता प्रेम विश्वकर्मा उम्र 20 साल निवासी शिवनगर छोलामंदिर भोपाल को गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ धारा 392 के तहत मामला पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया है।
मामले की जानकारी के अनुसार फरियादी आसिफ पिता मकबूल अली उम्र 38 वर्ष निवासी पोस्ट ऑफिस गली शाहजहानांबाद भोपाल ने थाना पहुंच रिपोर्ट किया कि में रेपीडो कंपनी में किराये से मोटर साईकिल चलाता हूँ। जहां 26 अगस्त को रात्रि 9.30 बजे मै अपनी मोटर साईकिल क्रमांक एमपी 04 क्यू यू 3652 से अयोध्यानगर से भानपुर ब्रिज होते हुये अपने घर जा रहा था, जहां भानपुर ब्रिज पर दो लडके मिले और घर छोडने की बात कहने लगे। जहां दोनों लडके मेरी मोटरसाईकिल पर बैठ गये और मुझे विदिशा रोड पातरा पुल के पास ले गये जहां पर पहले से एक व्यक्ति खडा था। तीनों लडको ने चाकू की नोट पर मुझे धमकी देकर मेरी मोटर साईकिल छीन ली और गाडी लेकर भाग गये।
जहां पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी छोलामंदिर अनिल सिंह मोर्य के निर्देशन में टीमें गठित कर अज्ञात आरोपियो की धरपकड हेतु रवाना हुई। जहां मुखबिर से सूचना मिली की तीन संदिग्ध बदमाशों द्वारा एक लाल काले रंग की मोटर साईकिल एमपी 04 क्यू यू 3652 के साथ विधासागर स्कूल के पास भानपुर छोलामंदिर भोपाल से आरोपियो को भागते देखा गया है। जहां सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार उन्हे थाना लाकर पूछताछ की गयी जो लूट की घटना करना कबूल किये। उपरोक्त आरोपीगणों के कब्जे से लूट की गयी मोटर साईकिल कीमती 90 हजार रूपये व घटना में प्रयुक्त चाकू बरामद किया गया। पुलिस ने बताया की इन आरोपियों के पूर्व में भी आपराधिक रिकार्ड है, जिनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी छोलामंदिर अनिल सिंह मोर्य, उपनिरीक्षक अयोध्या प्रसाद यादव, राजेश तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक महावीर मिश्रा, प्रधान आरक्षक संतोष दांगी, शत्रुघन भदौरिया, जयप्रकाश गुप्ता, शिवेन्द्र सिंह, आरक्षक निशांत, आरक्षक मंदीप जाट तथा आरक्षक देवेन्द्र सिहोलिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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