कार्यपरिषद सदस्य नरेन्द्र मरावी ने कार्य परिषद की बैठक को तत्काल स्थगित करने भेजा स्थगन प्रस्ताव
अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य नरेंन्द्र मरावी ने 13 अक्टूबर को आयोजित होने वाली कार्यपरिषद की बैठक को तत्काल स्थगित करने हेतु आईजीएनटीयू अमरकंटक के कुलपति एवं अध्यक्ष कार्य परिषद को स्थगन प्रस्ताव भेजा गया। जहां स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से कार्य परिषद सदस्य नरेन्द्र मरावी ने बताया कि आपके द्वारा विश्वविद्यालय में केवल जनजातियों के विरूद्ध में ही कार्य किया जा रहा है तािा लगातार जनजाति सदस्य की उपेक्षा, कार्य परिषद के सदस्य होने बावजूद जनजातीय होने के कारण अपमान करना, तथा विश्वविद्यालय को निजी संपत्ति समझकर गैर कानूनी रूप से कार्य करने की कार्यवाही आपके द्वारा की जा रही है।
जिसको लेकर नरेन्द्र मरावी ने कार्यपरिषद की बैठक का स्थगन प्रस्ताव भेजने का कारण हजारों छात्रों के भविष्य का है। जहां आपके द्वारा जानबूझकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विपरीत जाकर पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर बनवाया गया तथा जबरजस्ती बिना दिखाएं, बिना विचार विमर्श किए, बिना चर्चा किए पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर जबरजस्ती पारित करवाने की साजिश की गई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 की धारा 24, 25, 26, 27, 28, 29 के अनुसार अलग-अलग समिति/परिषद में जनजाति सदस्यों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए थी, लेकिन अलग-अलग समिति/ परिषद में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसा प्रयास किया गया है कि उसमें कम से कम जनजाति सदस्य रहे या ना रहे। यह कृत्य समस्त शिक्षा जगत को कलंकित करने वाला कार्य है जहां आपके द्वारा किए जा रहे गैर कानूनी एवं अपराधिक कृत्यों पर अपराध पंजीबद्ध करने का आवेदन कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक से भी की गई है।
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