अनूपपुर में सार्थक एप पर अटेंडेंस को लेकर बवाल, CHO ने दी प्रशासन को चेतावनी
अनूपपुर। मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों की
उपस्थिति मोबाइल एप 'सार्थक' के
माध्यम से दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। इस दिशा में जिला पंचायत सीईओ तन्मय वशिष्ठ शर्मा ने 12 मई को आयोजित एक समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी डॉ. आर.के.
वर्मा को
निर्देश दिए कि जिले के सभी पैरामेडिकल और नॉन-पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति इसी एप से सुनिश्चित की जाए।
जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली
'सार्थक एप' जीपीएस आधारित मोबाइल एप्लिकेशन है जिसके माध्यम से अस्पतालों में चिकित्सकों, सीएचओं (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर), एएनएम एवं अन्य स्टाफ की वास्तविक उपस्थिति और लोकेशन की जानकारी शासन को प्राप्त होगी। यह निर्णय उन शिकायतों के आधार पर लिया गया है जिनमें डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की ओपीडी समय में अनुपस्थिति की बात सामने आई थी।
सीएचओ का विरोध, पुष्पराजगढ़ और कोतमा में ज्ञापन सौंपा
हालांकि इस नए प्रावधान का कोतमा और पुष्पराजगढ़ ब्लॉक के
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओं)
ने विरोध करते हुए 16 जून को
अपने-अपने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर्स को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में सीएचओ ने कहा है कि वे पहले से ही सेक्टर सुपरवाइजर और मेडिकल ऑफिसर
के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराते
आ रहे हैं।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि वे केवल उपस्वास्थ्य केंद्रों में नहीं, बल्कि मीटिंग, ट्रेनिंग, हाई-रिस्क विजिट, मेडिकल इंडेंट और विभिन्न सरकारी अभियानों में भी कार्य करते हैं, जिसके कारण हर समय एक स्थान पर उपस्थित रहना और जीपीएस से अटेंडेंस देना संभव नहीं है। साथ ही कई उपस्वास्थ्य केंद्र ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां नेटवर्क की गंभीर समस्या है।
प्रशासन का रुख सख्त, अनुपालन नहीं करने पर वेतन कटौती की चेतावनी
इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी डॉ. आर.के. वर्मा ने
स्पष्ट रूप से कहा है कि,
"शासन के सख्त
निर्देश हैं कि सभी कर्मचारियों को सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है।
यदि कोई कर्मचारी एप में अटेंडेंस नहीं देता है, तो उसके वेतन में कटौती की
जाएगी।"
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