डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर |
अनूपपुर। जिला मुख्यालय में संचालित डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर में जहां बच्चो की शिक्षा का स्तर को उठाने के लिए लुभावने वादे कर अभिभावको को छला जा रहा है। वहीं इस संस्था के प्राचार्य द्वारा सीबीएससी कक्षा 12 वीं का परिक्षा परिणाम का झूठे आकडे को बता स्थानीय जनो को साथ धोखा दिया जा रहा है। इतना ही नही डीवीएम पब्लिक स्कूल के 5 शिक्षको द्वारा भी स्कूल प्रबंधन पर आर्थिक एवं मानसिक शोषण किए जाने की लिखित शिकायत 15 मई को कलेक्टर सहित आयुक्त, उपायुक्त शहडोल, शिक्षा विभाग अनूपपुर एवं जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर से की गई है। इसके पूर्व भी इस विद्यालय में पूर्व में कई आरोप भी लग चुके है। जहां छात्र-छात्राओं की शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने के नाम पर अभिभावको से मनमानी फीस वसूले के बाद शिक्षा स्तर गिरने पर समाचार पत्रो एवं अन्य प्रचार साधन में सीबीएससी कक्षा 12 वीं में 24 बच्चो में मात्र 10 बच्चे पास हुए जहां विद्यालय का परीक्षा परिणाम 41.66 प्रतिशत रहा। लेकिन प्राचार्य द्वारा समाचार पत्रो एवं अन्य प्राचार के के माध्यम से झूठे आकडे देते हुए एवं जानकारी देकर विद्यालय का रिजल्ट 95 प्रतिशत दिखाया है। वहीं विद्यालय के टाॅप छात्रा का प्रतिशत 79.4 प्रतिशत की जगह 95 प्रतिशत बताया गया है।
फर्जी आंकडो का चला खेल, 95 नही 41.66 स्कूल का रहा परीक्षा परिणाम
जिला मुख्यालय में संचालित एकलौता डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर सीबीएससी होने का फायदा उठाते हुए जहां अभिभावको को छला जा रहा है, वहीं अब स्थानीय जनो के सामने वर्ष 2018-19 के कक्षा 12वीं सीबीएससी परीक्षा परिणाम में झूठे आंकडो पेश किए गए है, जहां इस विद्यालय में कुल 24 बच्चे रेग्यूलर एवं गत वर्ष फेल हुए 5 बच्चे प्राइवेट के रूप में अध्ययनरत रहे। जिनमें 24 रेग्यूलर छात्रो में 10 बच्चे पास, 6 सप्लीमेंटी एवं 8 बच्चे फेल हुए है। वहीं गत वर्ष फेल हुए 5 बच्चो में मात्र 2 बच्चे ही पास हो सके, जबकि 3 बच्चे फिर फेल हो गए। वहीं डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर की टाॅप रही आदिति अग्रवाल 79.4 प्रतिशत अंक अर्जित की थी लेकिन प्राचार्य सुशीला कुलवंत द्वारा 95 प्रतिशत अंक का फर्जी आकडा स्थानीयजनो के सामने रखा मीडिया को बताया। वहीं जब इस संबंध में प्राचार्य सुशीला कुलवंत से जानकारी ली गई तो उन्होने बताया की मीडिया को सुनने में गलती हुई होगी मैने केवल फिजिक्स सब्जेक्ट का नंबर 95 प्रतिशत बताया था।
शिक्षको ने आर्थिक एवं मानसिक शोषण का लगाया आरोप
डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर के 5 शिक्षको ने 15 मई को कलेक्टर को लिखित शिकायत करते हुए आर्थिक एवं मानसिक शोषण की लिखित शिकायत दी गई। जहां शिकायत में उन्होने बताया की जिलाध्यक्ष कार्यालय से चंद दूरी पर संचालित डीवीएम पब्लिक स्कूल निजी संस्था शासन-प्रशासन के नाक के नीचे तानाशाही एवं निरंकुश है। वर्ष 2018-19 में वर्ष भर इन्होने हम शिक्षको के राजपत्रित अवकाश के दिदन का वेतन काटते रहे। इसकी बानगी तब देखी जा सकती है जब इन्होने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की मृत्यु पर घोषित राष्ट्रीय शोक के दिन अनुपस्थिति दर्ज कर वेतन काट लिया लिया। इतना ही नही संस्था द्वारा पूरे सत्र में उन्होने उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर एवं सही समय में विद्यालय पहुंचने के पश्चात भी हर माह कम से कम 2 दिनो का वेतन काटा गया है एवं उपस्थिति पंजी में झूठे प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया है। वहीं शिक्षको की भविष्य निधि की कटौती भी कभी नही की गई। मध्य सत्र मेंअचानक संबंधित विभाग द्वारा जांच के उपरांत आनन फानन में अक्टूबर 2018 में कटौती शुरू की गई एवं फरवरी 2019 में इसकी इतिश्री हो गई। मार्च 2019 से भविष्य निधि की कटौती को धता बता दिया गया जबकि उक्त संस्था सन् 2010 से कार्यरत है। जिस पर शिक्षक राहुल पांडेय, दिलीप कुमार पांडेय, रविन्द्र सिंह राठौर, पप्पू कुमार गुप्ता ने कलेक्टर से उक्त संस्था की निरंकुशता एवं अराजकता पर लगाम लगाते हुए प्रार्थियो की आर्थिक एवं मानसिक क्षति की भरपाई करवाई जाकर संस्था पर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
स्थानीय जनो को लुभाने देते फर्जी आंकडे
पूरे मामले में जहां डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर द्वारा स्थानीयजनो के बच्चो को शिक्षा देने के नाम पर उन्हे छला जा रहा है, जिसमें कक्षा 12 वीं सीबीएससी परीक्षा परिणाम के आकडो में प्राचार्य द्वारा खेला गया। जहां 12वीं सीबीएसई के रिजल्ट घोषित होने के बाद प्राचार्य द्वारा फर्जी आकड़ा देकर विद्यालय का प्रतिशत 41.66 आने पर उस आकड़े को सीधे समाचार पत्रो के माध्यम से 95 प्रतिशत दिखाया गया है। इतना ही नही 24 बच्चो में 8 बच्चो के फेल होने एवं 6 बच्चो के सप्लीमेंटी आने पर केवल 4 बच्चो के फेल होने की ही जानकारदी दी गई थी। वहीं स्कूल की टाॅपर छात्रा का प्रतिशत 79.4 प्रतिशत की जगह 95 प्रतिशत बताया गया है। जहां इन फर्जी आंकडो के दम पर अब नए शिक्षण सत्र पर दोबारा अपने बच्चो के एडमिशन के लिए अभिभावको को लुभाने की नई कवायद शुरू कर दी गई है। जहां प्रचार-प्रसार में गलत आकडा दिखाकर फिर से अभिभावको को लूटने का प्रयास प्रारंभ कर दिया गया है।
इनका कहना है
शिक्षको द्वारा झूठी शिकायत की गई है, कोई भी अवकाश का वेतन काफी नही काटा गया है। और इसके साथ ही हमने रिजल्ट डिक्लियर कर रखा है, पूरी सिटी में पोस्टर बैनर लगे हुए जिसमें आप देख सकते है। 12वीं में 80 प्रतिशत एवं 10 वीं में 95 प्रतिशत है। 12वीं में विद्यालय की टाॅपर छात्रा 80 प्रतिशत अंक लाई है। मैने एक पत्रकार को टाॅपर छात्रा के एक सब्जेक्ट फिजिक्स में 95 अंक बताया उन्होने सुनने में गलती की है तो मै कर सकती हॅॅू। डीवीएम एक एैसा स्कूल है जो आपके एरिया का उद्धार कर सकता है बाकी सब दुकाने है।
सुशीला कुलवंत, प्राचार्य डीवीएम पब्लिक स्कूल अनूपपुर
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