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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 13 वर्ष का कारावास एवं 16 हजार का अर्थदंड

शनिवार, 1 जून 2019

/ by News Anuppur

अनूपपुर। विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो) अनूपपुर भू-भास्कर यादव के न्यायालय द्वारा विशेष प्रकरण क्रमांक 55/17 थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 368/17 में आरोपी विकास कुमार उर्फ नितेश कुशवाहा पिता ज्ञानेन्द्र कुशवाहा उम्र 22 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती वार्ड क्रमांक 14 के लंबित प्रकरण में धारा 376 (आई) भादवि एवं धारा  5 (जे) (आई) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 10 वर्ष कठोर कारावास एवं 15 हजार रूपए के अर्थदण्ड तथा धारा 7/8 पाॅक्सो अधिनियम में तीन वर्ष कठोर कारावास एवं 1 हजार के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश 1 मई को पारित किया गया है। मामले की जानकारी देते हुए जिला अभियोजन अधिकारी गिरि द्वारा बताया गया कि 17 व 21 मार्च 2017 को पीड़िता आरोपी के घर सीढ़ी लेने गई थी जहां आरोपी ने उसके छेडछाड करने का प्रयास किया जिसके बाद वहां से अपने घर वापस आ गई थी। जिसके बाद 21 मार्च 2017 को दोबारा पीड़िता के घर पर पहुंच कर आरोपी ने अपनी बहन के द्वारा उसे बुलाए जाने की बात कह अपने घर ले गया जहां घर पर कोई नही था, जिसके बाद आरोपी उसका जबरन हाथ पकड़कर घर के पीछे बने मंदिर तरफ लेकर गया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। घटना के 6 माह पीड़िता एवं उसके परिवार के सदस्यों द्वारा पीड़िता के पेट बढने का कारण पूछी तो उसने खाना खाने व पेट में कीड़े होने का कारण बताया जिसके बाद पीड़िता की बुआ को शक होने पर उसे डाॅक्टर के पास ले जाकर उसकी जांच करवाई जहां उसके पेट में गर्भ ठहरा हुआ बताया गया। जिसके बाद घटना की रिपोर्ट होने पर आरोपी के विरूद्ध उक्त अपराध पंजीबद्ध हुआ तथा आवश्यक जांच व विवेचना उपरांत प्रकरण का अंतिम प्रतिवेदन आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में 5 नवम्बर 2017 को विचारण हेतु प्रस्तुत हुआ। अभियोजन द्वारा प्रकरण में 20 साक्षियों के कथन कराए गए। प्रकरण में दौरान विचारण 9 अधिवक्ता पृथक-पृथक अवधि में आरोपी के ओर से आए उनमें से एक अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर से भी आए थे। न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा उभयपक्षों के तर्क सुने गए। अभियोजन द्वारा प्रकरण के समर्थन में लिखित तर्क व उच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांत प्रकरण में पेश किए जाने पर न्यायालय द्वारा प्रकरण में आए साक्ष्यों एवं तर्क के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध मानते हुए उपरोक्त दंड से आरोपी को दंडित किया।

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