पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक आरोपी फरार
अनूपपुर। हिन्दुस्तान पवार प्लांट जैतहरी में कोयला सप्लाई व कबाड़ टेंडर दिलाने के नाम लगभग 74 लाख से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने शिकायतों पर तीन आरोपियों नारेन्द्र शर्मा एवं सिद्धार्थ सिंह उर्फ राजा भैया एवं संतोष सिंह के खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए 24 जुलाई की शाम को उपनिरीक्षक अभयराज सिंह, उपनिरीक्षक हरिशंकर शुक्ला एवं पुलिस टीम ने सिद्धार्थ सिंह के निवास से नारेन्द्र शर्मा एवं सिद्धार्थ सिंह उर्फ राजा भैया को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं एक आरोपी संतोष सिंह फरार बताया जा रहा है। वहीं मुख्य आरोपी नारेन्द्र शर्मा द्वारा तीसरे मामले में भी पावर प्लांट में मासिक किराए के नाम से लगाए गए चार पहिया वाहन को मुख्य आरोपी नारेन्द्र शर्मा द्वारा गायब करने का मामला में भी जैतहरी थाने में धारा 406, 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
कोयले का टेंडर दिलाने के नाम पर 55 लाख का गबन
25 जुलाई गुरूवार को पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने प्रेसवार्ता आयोजित कर 74 लाख की धोखाधड़ी, खयानत, कूटरचना किए जाने का खुलासा किया। जहां पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्य आरोपी नारेन्द्र शर्मा पिता शिवनारायण उर्फ प्रमोद कुमार निवासी ग्राम आसीन जिला भीलवाड़ा राजस्थान हाल मुकाम लालपुर हर्री थाना गौरेला छत्तीसगढ़, सिद्धार्थ सिंह उर्फ राजा भैया व संतोष सिंह दोनों पिता गंगा सिंह निवासी जैतहरी तीनों के खिलाफ कमलेश द्विवेदी पिता स्व. गणेश द्विवेदी निवासी चेतनानगर अनूपपुर द्वारा वर्ष 2018 से पुलिस अधीक्षक सहित कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने तीनों आरोपियों पर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर बेइमानी पूर्ण ढंग से मोजर वेयर प्लांट में कोयला टेंडर दिलाने एवं संबंधित कोयला डंप कराने में परिवहन खर्च के नाम 55 लाख 97 हजार 530 रूपए की मांग की, जिनमें मुख्य आरोपी द्वारा रागिनी देवी को कोयला ठेकेदार जोगिंदर सिंह की पत्नी बताकर उसके खाते के माध्यम से 37 लाख 97 हजार 530 रूपए एवं नगद 30 लाख रूपए का धोखाधड़ी करते हुए राशि का गबन किया गया।
स्क्रेप का टेंडर दिलाने 18 लाख का किया गबन
जबकि दूसरे मामले में अशरफीलाल ने मोजरवेयर प्लांट से आरोपी नारेन्द्र शर्मा द्वारा अपने को स्वयं कोयला ठेकेदार बताकर उसे प्लांट में स्क्रेप (कबाड़) का टेंडर दिलाने का लालच देते हुए 26 लाख रूपए की मांग की गई थी। जहां अशरफीलाल ने नारेन्द्र को २१ लाख रूपए दिए बाद में टेंडर नहीं मिलने पर अशरफीलाल ने उस पर दवाब बनाते हुए अपने रूपए वापस मांगे जहां आरोपी द्वारा ढाई लाख रूपए उसके खाते के माध्यम से वापस कर दिया, लेकिन शेष साढे 18 लाख रूपए का गबन कर अशरफीलाल के साथ ठगी किया। इस पूरे मामल में पुलिस ने विवेचना के दौरान गबन की गई राशि को 18 अलग-अलग बैंक खातों का उपयोग कर राशि हस्तांतरित की गई। इनमें 16 खाते मुख्य आरोपी नारेन्द्र शर्मा के बताए गए है। शेष 2 खाते रागिनी और माधुरी के नाम से है जिनका उपयोग भी नारेन्द्र शर्मा द्वारा ही किए जाने की पुष्टि हुई है।
आस्था फिलिंग स्टेशन के खाते का उपयोग
पूरी कार्यवाही में जहां पुलिस ने नारेन्द्र शर्मा एवं उसकी पत्नी माधुरी पनिका एवं सिद्धार्थ शिव सिंह एवं संतोष सिंह से संबंधित आस्था आस्था फिलिंग स्टेशन प्रोवाईडर जैतहरी के खाता के माध्यम से चार अलग-अलग दिनांक में 37 लाख 97 हजार 530 रूपए का भेजे जाने की पुष्टि हुई है। पूरे मामले में जहां फरियादी ने नारेन्द्र शर्मा के द्वारा कोयला व्यापारी से 4 अगस्त 2018 को सौदा कराया गया जिसका नाम जोगेन्दर सिंह बताया एवं रागिनी देवी को जोगेन्द्रर सिंह की पत्नी बताते हुए ब्रांच रायपुर का खाता बता उसमें अलग-अलग किश्तो में 37 लाख 97 हजार 530 रूपए एवं नारेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिए तीन अलग- अलग दिनांक में नगद 30 लाख रूपए नगद लिए। लेकिन जब कोयला डीओ नही मिला तो फरियादी ने अपने रूपए वापस मांगे, जिस पर नारेन्द्र शर्मा द्वारा ११ लाख ९५ हजार रूपए नगद मेरे खाते में एवं दो अलग-अलग बैंको के 9-9 लाख के दो चेक दिए। जहां दोनो चेक बाउंस हो गया। जहां चेक बाउंस होने की बात नारेन्द्र शर्मा को बताई तो वह भाग गया।
मासिक किराए पर लगी चार पहिया वाहन गायब
प्रेसवार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने बताया कि रामलाल केवट निवासी अमगवां द्वारा जैतहरी थाने में आरोपी नारेन्द्र शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें वाहन क्रमांक एमपी 65 सी 2999 को 25 हजार प्रतिमाह के हिसाब से वर्ष 2018 में प्लांट में चलाने के नाम पर आरोपी को दिया गया था, जहां आरोपी द्वारा कुछ दिनो तक उसके वाहन के उपयोग कर प्रतिमाह की राशि देता था, लेकिन बाद में रामलाल केवट के साथ भी धोखाधडी करते हुए वाहन को ही गायब कर स्वयं भी गायब हो गया। इस मामले में जैतहरी पुलिस ने भी आरोपी नारेन्द्र शर्मा के खिलाफ धारा 406, 420 के तहत मामला पंजीबद्ध की है।
ट्रांसपोर्ट का कार्यालय खोल करता था धोखधडी
पूरे मामले में जहां नारेन्द्र शर्मा ने सबसे पहले ग्राम लालपुर हर्री में प्रतीक गर्ग जैतहरी के मकान में जय अम्बे अर्थमूवर्स ट्रांसपोर्ट कंपनी का कार्यालय खोल था तथा मोजरवेयर प्लांट में अपने आप को एकलौता कोयला सप्लायर बताते हुए सिद्धार्थ ने अपने भाई संतोष सिंह के द्वारा गारंटी ली जाती थी। जहां पूछताछ में सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि वह परसा कोल माइंस अडानी उदयपुर अम्बिकापुर से एक हजार रूपए टन के हिसाब से कोयले का डीलर के रूप में कुल चार हजार टन कोयला देता है। जहां ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में नारेन्द्र सिंह फरियादियों से धोखाधडी करते हुए कूचरचित दस्तावेज दिखा राशि 18 अलग-अलग बैंक खातो में ली गई। इस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपियों के समस्त 18 बैंक खातों को सीज करने की कार्रवाई के साथ आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में लिया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें