जैतहरी। वनमंडल अनूपपुर अंतर्गत वन परिक्षेत्र जैतहरी के बीच ठेही के राजस्व क्षेत्र में 11 केव्ही विद्युत लाईन में जीआई तार के माध्यम से करंट का जाल बिछा चीतल का शिकार कर उसका मांस बेचते हुए पांच आरोपियों को वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किया गया, जहां एक आरोपी मौके से फरार हो गया। मामले की जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी जैतहरी सुरेश बहादुर सिंह ने बताया कि 18 जुलाई गुरूवार की शाम 100 डॉयल को सूचना पर वन कर्मचारियों की टीम गठित कर ठेही ग्राम में निवास करने वाले चरन सिंह उर्फ मुन्ना पिता रामलाल सिंह गोंड के घर पहुंचे जहां उसके घर में चीतल का कटा हुआ सर एवं मास के सहित शिकार करने में प्रयुक्त किया गया जीआई तार, 32 नग लकडी की खूंटी, 22 नग कांच की शीशी, , 2 लग लकड़ी की लुग्गी, लोहे का गड़ासा एवं 1 नग प्लास्टिक का टब बरामद किया गया। जहां आरोपी चरन सिंह से पूछताछ के दौरान उसने बताया की घर के पास से निकली ग्राम गौरेला से बैहार जाने वाली 11 केव्ही विद्युत लाइन से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर जीआईतार, लकडी की खूंटी, शीशी के सहारे जाल 17 जुलाई बुधवार की रात अपने पुत्र पूरन सिंह, अमरलाल अगरिया, रामकृपाल सहीस के साथ फैलाया था, जहां फलियाबाई गोड़ के खेत में करेंट के बिछाए गए जाल में फंसकर चीलत की मौत हो गई। जिसके बाद रात के समय ही चीतल का गर्दन काट मांस को भूनकर एकत्रित करने के बाद अपने ले आए। इस बीच कुछ मांस बांटकर अपने पड़ोसी देवलाल अगरिया एवं ग्राम गौरेला के संतोष नायक को बेचा गया। जहां आरोपी के कथन अनुसार पूरन सिंह, अमरलाल अगरिया, देवलाल अगरिया एवं संतोष नायक को गिरफ्तार कर आरोपियों के विरूद्ध वन्यप्राणी अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39 (1) क, ख, 50 एवं 51 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इस कार्यवाही में 100 डॉयल पुलिस के साथ परिक्षेत्र सहायक जैतहरी आर.एस. सिकरवार, वनरक्षक ठेही पूरन सिंह मरावी, वनपाल शोभनाथ राठौर, पंकज सकतेल, दीपक बैगा, सतेन्द्र मिश्रा, कुंदन कुमार शर्मा सहित सर्प प्रहरी शशिधर अग्रवाल की भूमिका सराहनीय रही।
जीआई तार के माध्यम से करंट का जाल बिछा चीतल की मौत, पांच आरोपी गिरफ्तार, एक फरार
जैतहरी। वनमंडल अनूपपुर अंतर्गत वन परिक्षेत्र जैतहरी के बीच ठेही के राजस्व क्षेत्र में 11 केव्ही विद्युत लाईन में जीआई तार के माध्यम से करंट का जाल बिछा चीतल का शिकार कर उसका मांस बेचते हुए पांच आरोपियों को वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किया गया, जहां एक आरोपी मौके से फरार हो गया। मामले की जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी जैतहरी सुरेश बहादुर सिंह ने बताया कि 18 जुलाई गुरूवार की शाम 100 डॉयल को सूचना पर वन कर्मचारियों की टीम गठित कर ठेही ग्राम में निवास करने वाले चरन सिंह उर्फ मुन्ना पिता रामलाल सिंह गोंड के घर पहुंचे जहां उसके घर में चीतल का कटा हुआ सर एवं मास के सहित शिकार करने में प्रयुक्त किया गया जीआई तार, 32 नग लकडी की खूंटी, 22 नग कांच की शीशी, , 2 लग लकड़ी की लुग्गी, लोहे का गड़ासा एवं 1 नग प्लास्टिक का टब बरामद किया गया। जहां आरोपी चरन सिंह से पूछताछ के दौरान उसने बताया की घर के पास से निकली ग्राम गौरेला से बैहार जाने वाली 11 केव्ही विद्युत लाइन से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर जीआईतार, लकडी की खूंटी, शीशी के सहारे जाल 17 जुलाई बुधवार की रात अपने पुत्र पूरन सिंह, अमरलाल अगरिया, रामकृपाल सहीस के साथ फैलाया था, जहां फलियाबाई गोड़ के खेत में करेंट के बिछाए गए जाल में फंसकर चीलत की मौत हो गई। जिसके बाद रात के समय ही चीतल का गर्दन काट मांस को भूनकर एकत्रित करने के बाद अपने ले आए। इस बीच कुछ मांस बांटकर अपने पड़ोसी देवलाल अगरिया एवं ग्राम गौरेला के संतोष नायक को बेचा गया। जहां आरोपी के कथन अनुसार पूरन सिंह, अमरलाल अगरिया, देवलाल अगरिया एवं संतोष नायक को गिरफ्तार कर आरोपियों के विरूद्ध वन्यप्राणी अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39 (1) क, ख, 50 एवं 51 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इस कार्यवाही में 100 डॉयल पुलिस के साथ परिक्षेत्र सहायक जैतहरी आर.एस. सिकरवार, वनरक्षक ठेही पूरन सिंह मरावी, वनपाल शोभनाथ राठौर, पंकज सकतेल, दीपक बैगा, सतेन्द्र मिश्रा, कुंदन कुमार शर्मा सहित सर्प प्रहरी शशिधर अग्रवाल की भूमिका सराहनीय रही।

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