अनूपपुर। जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक के पूर्व छात्र की मृत्यु की खबर लगते ही नवोदय के अन्य पूर्व छात्रों ने मिसाल कायम करते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा जेएनवी अमरकंटक वेलफेयर एसोसिएशन के जावा नामक संस्था का निर्माण कर स्व. ददन के परिवार के लिए लगभग 55 नवोदयन के सहयोग से 30 हजार से अधिक की राशि एकत्र करने उस राशि से स्व. ददन के परिवार के लिए चार कंबल, साल, स्वेटर, जूता-मोजा सहित बोरी आटा, दो बोरी चावल, 25 किलो दाल, 5 लीटर रिफाईन तेल, 5 लीटर राई तेल सहित बची हुई राशि 18 हजार रूपए का चेक स्व. ददन की पत्नी तथा बेटे को दिया। इसके साथ ही स्व. ददन का 17 वर्षीय पुत्र जो कक्षा 12वीं में अध्ययनतर रहा है, जिसने कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए थे, जिसको गणित विषय में 100 में से 100 अंक मिले थे। जिसके लिए समिति ने स्व. ददन के बेटे को आश्वस्त किया गया है की आगे की पढ़ाई के लिए जो सहयोग होगा समिति उसके लिए करेगी। समिति का निर्माण हुए दो माह पूरा नही हुआ था की समिति के सामने उनके बनाए उद्देश्य आकर खड़ा हो गया। नवनिर्मित समिति के सचिव ध्रुर्व कुमार रमन ने जानकारी देते हुए बताया कि नवोदय विद्यालय अमरकंटक की पूर्व छात्रा कोतमा निवासी बॉबी सिंह एवं रानी शर्मा ने समिति के सोशल ग्रुप में डले पोस्ट के माध्यम से जानकारी लगी की 1990 बैच के एक पूर्व छात्र जिले के ग्राम कदम टोला प्यारी नं.1 निवासी ददन राम केवट की लंबी बीमारी के चलते 8 नवम्बर को मृत्यु हो गई है। सूचना मिलते ही गु्रप के सभी नवोदयन स्व. ददन के परिवार को मदद पहुंचाने की पेशकश करने लगे। समिति के पदाधिकारियों द्वारा बैठक बुला कर निर्णय लिया गया कि समिति की पांच सदस्यी टीम पहले जाकर स्व. ददन के परिवार से मिलकर उनके हालत का जायजा लेगी, जिसके आधार पर स्व. ददन के परिवार की सहायता की जाएगी। ददन के परिवार से मिलने समिति की पांच सदस्यी टीम जिसमें अध्यक्ष विनय त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष डॉ. राजेश दीवान, समिति सदस्य पुष्पेन्द्र दाहिया, श्रवण चंद्राकर तथा रानी शर्मा पहुंचे। अध्यक्ष ने समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यो को बताया की स्व. ददन की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। खेती किसानी से अपने बूढ़े माता-पिता, पत्नी तथा दो बच्चो को को पालने की जिम्मेदारी उसी पर थी। लंबी बीमारी के कारण उपचार के चलते घर की जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है। जिसके बाद समिति के पदाधिकारियों ने स्व. ददन के परिवार को एक हफ्ते के अंदर ही आर्थिक मदद पहुंचाने का निर्णय लिया गया था।
स्व. ददन के परिजनो को जावा संस्था ने दिए 2 माह का राशन सहित 18 हजार का चेक
अनूपपुर। जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक के पूर्व छात्र की मृत्यु की खबर लगते ही नवोदय के अन्य पूर्व छात्रों ने मिसाल कायम करते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा जेएनवी अमरकंटक वेलफेयर एसोसिएशन के जावा नामक संस्था का निर्माण कर स्व. ददन के परिवार के लिए लगभग 55 नवोदयन के सहयोग से 30 हजार से अधिक की राशि एकत्र करने उस राशि से स्व. ददन के परिवार के लिए चार कंबल, साल, स्वेटर, जूता-मोजा सहित बोरी आटा, दो बोरी चावल, 25 किलो दाल, 5 लीटर रिफाईन तेल, 5 लीटर राई तेल सहित बची हुई राशि 18 हजार रूपए का चेक स्व. ददन की पत्नी तथा बेटे को दिया। इसके साथ ही स्व. ददन का 17 वर्षीय पुत्र जो कक्षा 12वीं में अध्ययनतर रहा है, जिसने कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए थे, जिसको गणित विषय में 100 में से 100 अंक मिले थे। जिसके लिए समिति ने स्व. ददन के बेटे को आश्वस्त किया गया है की आगे की पढ़ाई के लिए जो सहयोग होगा समिति उसके लिए करेगी। समिति का निर्माण हुए दो माह पूरा नही हुआ था की समिति के सामने उनके बनाए उद्देश्य आकर खड़ा हो गया। नवनिर्मित समिति के सचिव ध्रुर्व कुमार रमन ने जानकारी देते हुए बताया कि नवोदय विद्यालय अमरकंटक की पूर्व छात्रा कोतमा निवासी बॉबी सिंह एवं रानी शर्मा ने समिति के सोशल ग्रुप में डले पोस्ट के माध्यम से जानकारी लगी की 1990 बैच के एक पूर्व छात्र जिले के ग्राम कदम टोला प्यारी नं.1 निवासी ददन राम केवट की लंबी बीमारी के चलते 8 नवम्बर को मृत्यु हो गई है। सूचना मिलते ही गु्रप के सभी नवोदयन स्व. ददन के परिवार को मदद पहुंचाने की पेशकश करने लगे। समिति के पदाधिकारियों द्वारा बैठक बुला कर निर्णय लिया गया कि समिति की पांच सदस्यी टीम पहले जाकर स्व. ददन के परिवार से मिलकर उनके हालत का जायजा लेगी, जिसके आधार पर स्व. ददन के परिवार की सहायता की जाएगी। ददन के परिवार से मिलने समिति की पांच सदस्यी टीम जिसमें अध्यक्ष विनय त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष डॉ. राजेश दीवान, समिति सदस्य पुष्पेन्द्र दाहिया, श्रवण चंद्राकर तथा रानी शर्मा पहुंचे। अध्यक्ष ने समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यो को बताया की स्व. ददन की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। खेती किसानी से अपने बूढ़े माता-पिता, पत्नी तथा दो बच्चो को को पालने की जिम्मेदारी उसी पर थी। लंबी बीमारी के कारण उपचार के चलते घर की जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है। जिसके बाद समिति के पदाधिकारियों ने स्व. ददन के परिवार को एक हफ्ते के अंदर ही आर्थिक मदद पहुंचाने का निर्णय लिया गया था।
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