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अमरकंटक विश्वविद्यालय मामले में न्यायालय के आदेश की अव्हेलना पर आईजी को पत्र

शनिवार, 16 नवंबर 2019

/ by News Anuppur
मामला इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय अमरकंटक में भ्रष्टाचार एवं नियुक्ति का
अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में कई करोड़ के बिल्डिंग घोटाला करने, प्रवेश परीक्षा में भर्ती घोटाला, नियुक्ति घोटाला, 10 वीं पास युवती को पीएचडी प्रवेश परीक्षा में बॉयो टेक्नॉलोजी विषय की ऑल इंडिया टॉपर बनाने जैसे गंभीर अपराध के मामले में धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471, 34  के तहत कुलपति प्रो. टीवी कट्टीमनी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय कर्नाटक के प्रो. बसव राज डोनुर, प्रो. भूमि नाथ त्रिपाठी, प्रो. रवीन्द्रनाथ मनुकोंडा, प्रो.एन.एस. हरि नारायण मूर्ति, मोहित गर्ग, प्रो. प्रसन्ना के सामल, पी सिलवेनाथन, कुलसचिव रथलावत सुमन, रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय जबलपुर के प्रो. एडीएन बाजपेई, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, कुलाधिपती केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिसा के प्रो. पीवी कृष्णा भट्ट सहित अन्य 10 के खिलाफ न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी राजेंद्रग्राम के न्यायालय में अरूण कुमार साहू ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के अंतर्गत परिवाद तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 153(3) के तहत आवेदन पेश किया है, जिसमें न्यायालय ने धारा 153 (3) के तहत आवेदन की सुनवाई उपरांत 20 जून को आदेश पारित किया कि प्रस्तुत आवेदन के तथ्यों से प्रथम दृष्ट्या दर्शित अपराध संज्ञेय अपराध होकर वारंट ट्रायल मामला सामने आया है, जिसके विधिवत जांच किए जाने हेतु प्रकरण पुलिस को प्रेषित किया जाना एवं आवेदन स्वीकार कर निर्देशित किया गया की आवेदन मय दस्तावेज थाना अमरकंटक को विधिवत कार्यवाही कर प्रतिवेदन पेश किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
न्यायालय के आदेशो की हुई अव्हेलना
न्यायालय के आदेश के बावजूद तथा पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के आदेश क्रमांक 576/2019 दिनांक 24 अगस्त को एसडीओपी पुष्पराजगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित जिनमें  थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम खेम सिंह पेन्द्रो, उप निरीक्षक भानु प्रताप सिंह थाना प्रभारी अमरकंटक, उपनिरीक्षक उदित नारायण मिश्रा अमरकंटक, प्रधान आरक्षक विश्वनाथ तिवारी राजेन्द्रग्राम, विजय बुंदेला राजेन्द्रग्राम उक्त प्रकरण की जांच कर 15 अक्टूबर के पूर्व न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया था, लेकिन इस ओर भी किसी तरह की कार्यवाही नही की गई। उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर के जारी आदेश 8  जुलाई के बावजूद पुलिस द्वारा अब तक कोई जांच की कार्यवाही शुरू न कर न्यायालय के आदेशो की अव्हेलना की जा रही है।
न्यायालय ने पुलिस महानिरीक्षक को दिए निर्देश
न्यायालय ने पत्र क्रमांक 337/1/ न्यायालय/2019 दिनांक 11 नवम्बर को पुलिस महानिरीक्षक शहडोल को ज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें न्यायालय द्वारा कहा गया की पुलिस वालों द्वारा उच्चतम न्यायालय के निर्देश अनुसार आज दिनांक तक अनावेदकगण के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की गई। परिवाद वाद के तथ्यो से मामला प्रथम दृष्टया सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय दर्शित होता है। जिस पर उक्त आदेश में संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। न्यायालय ने कहा की आप स्वयं अथवा अपने अधिनस्थ पुलिस अधिकारियों के माध्यम से आवश्यक रूप से उपरोक्त प्रकरण में अन्वेषण कार्यवाही पूर्ण कराकर पेशी दिनांक 9 जनवरी 2020 को न्यायालय में प्रस्तुत करे।

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