प्रशासन की नाकामी से फैली अव्यवस्था, अंतिम 3 दिन के उपार्जन में लंबी कतार खड़े हजारो वाहन
अनूपपुर। जिले में बनाए गए 22 धान उपार्जन केन्द्रों पर अपनी धान बेचने पहुंचे किसान बीते एक सप्ताह से वारदानो की कमी से लगातार जूझ रहे है। वहीं अधिकारी भी किसी भी केन्द्र में वारदानो की कमी नही होने का दावा में किए है। लेकिन हकीकत उससे परे है। जहां कई खरीदी केन्द्रो में किसान बारदाने की समस्या से जूझते रहे है, वहीं खरीदी का कार्य भीलगभग बंद सा हो गया है। सैकड़ों की तादाद में किसान उपार्जन केन्द्रों पर धान बेचने की आस लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन नागरिक आपूर्ति के प्रबंधक आर.बी. तिवारी एवं खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल अपने कार्यालयो में बैठ कुर्सी तोडऩे में व्यस्त है। जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी सहित बरबसपुर ओपन कैप पर ही लगभग तीन सैकड़ा से अधिक वाहन धान की बोरिया लोड कर बिक्री के लिए लंबी कतार लगाए खड़ी हैं, यह स्थिति पिछले एक सप्ताह से जिले के उपार्जन केन्द्रों पर बनी हुई है। वहीं नॉन एवं खाद्य आपूर्ति के अधिकारियों की उदासीनता के कारण खरीदी प्रभारियों द्वारा उपार्जन के आधार पर मांग की जा रही बारदाने कम संख्या में भेजी जा रही है। जहां खरीदी केन्द्रो में बारदाना पहुंचते हुए किसानो एवं खरीदी प्रभारियों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। जिसे देखते हुए एसडीएम अनूपपुर ने बरबरसपुर ओपन शेड में हो रही धान खरीदी केन्द्र में धान लेकर पहुंच रहे किसानो की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। वहीं जब कई खरीदी केन्द्रो के प्रबंधकों से बात की गई तो उन्होने बताया केन्द्र पर बारदानें ही नहीं हैं, जिसकी सूचना लगाता वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन अबतक व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण उपार्जन कार्य प्रभावित है। 17 जनवरी की दोपहर को उपार्जन केन्द्र बरबसपुर ओपन कैप पर लगभग 150 किसान उपार्जन के लिए परेशान रहे। वहीं जिले के 22 धान खरीदी केन्द्रो में खुले आसमान के नीचे अपनी धान लेकर बैठे हजारो किसानअचानक मौसम में आए परिवर्तन को देखकर चिंतिंत हो रहे है। कई किसानों का कहना की वह बीते एक सप्ताह से धान बिक्री के लिए अपनी धान लिए उपार्जन केन्द्र पर ही डेरा जमाए हैं, लेकिन अब तक उनकी खरीदी नही हो सकी है। जानकारी के अनुसार जिले के खरीदी केन्द्रो में पिछले शुक्रवार से बारदानों की आपूर्ति ही बंद है। जिसकी सुध न तो नागरिक आपूर्ति और न ही खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी द्वारा ली जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिले में अब भी लगभग 3 लाख से अधिक बारदानों की आवश्यकता है। लेकिन नागरिक आपूर्ति प्रबंधक आर.बी. तिवारी द्वारा जहां परिवहनकर्ता से सांठगांठ कर उनके इशारो में कार्य करने तक की चर्चा विभाग के अंदर फैली हुई है। सजहा गोदाम में बारदाना खत्म हो जाने के बाद जहां अब कोतमा के गोदाम में मात्र २ लाख बारदानें होने की एवं मकर संक्रांति पर्व के कारण मजदूरो के काम पर नही आने का बहाना भी अधिकारियों की जुबान पर रटा हुआ है।
7 उपार्जन केन्द्र पर बारदाना खत्म
जानकारी के अनुसार जिले में बनाए गए 22 उपार्जन केन्द्रों में वेंकटनगर, सिंघौरा, धनगवां, पटनाकला, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम, भेजरी, बरबसपुर, बिजुरी, दमेहड़ी, बेनीबारी, कोतमा के खरीदी केन्द्रो में बारदाना ही नहीं है। जिसके कारण यहां उपार्जन कार्य बंद पड़ा हुआ है, इतना ही नही इन केन्द्रो में हंगामे की स्थिति भी निर्मित होने संभावना संबंधित विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण बनी हुई है। जहां अब भी वेंकटनगर में 15 हजार, सिंघौरा में 8 हजार, धनगवां में 25 हजार, जैतहरी में 25 हजार पटनाकला में 20 हजार, राजेन्द्रग्राम में 10 हजार, भेजरी में 15 हजार तथा बरबसरपुर, अनूपपुर उपार्जन केन्द्रो में 25 हजार बारदानों की आवश्यकता है।
लक्ष्य के नजदीक पहुंचा धान खरीदी
जिले में नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 3 लाख 50 हजार क्विंटल रखा गया था, जहां 17 जनवरी तक 3 लाख 30 हजार 871क्विंटल धान की खरीदी जिले के पंजीकृत 6814 किसानो से की जा चुका है। वहीं धान खरीदी के अंतिम तीन दिन शेष बचे होने तथा खरीदी केन्द्रो में किसानो की संख्या को देखते हुए इस बार जिले में 4 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदे जाने की संभावना बनी हुई है।
परिवहनकर्ता के बने खास डीएम नॉन
धान खरीदी में फैली अव्यवस्थाओं के कारण जहां समय पर जिले के किसी भी धान खरीदी केन्द्रो से धान का उठाव समय पर नही किए जाने के बावजूद डीएम नॉन सिर्फ अनूपपुर परिवहनकर्ता के इशारे में कार्य कर रहे है। जहां 17 जनवरी तक जिले के 22 खरीदी केन्द्रो में 6 हजार 814 किसानो से 3 लाख 30 हजार 871 क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है, जहां पर अब जिले के खरीदी केन्द्रो में 1 लाख 14 हजार 707 क्विंटल धान खुले आसमान में बिना भंडारण के पड़ी हुई है। जिसका कारण डीएम नॉन और परिवहनकर्ता के बने खास का एक कारण है।
अंतिम तीन दिन शेष, 5190 किसान अब भी शेष
जिले के २२ खरीदी केन्द्रो में पंजीकृत 12 हजार 4 किसानो में अब तक 6 हजार 814 किसानो ने अपनी धान तो बेच दी है। लेकिन अब भी 5 हजार 190 किसान शेष बचे है। जहां खरीदी के अंतिम तीन दिन शेष बचे होने पर इतने किसानो की धान की खरीदी नही हो पाने की संभावनाओं पर जिला प्रशासन के कानो में जूं तक नही रेंग रही है। वहीं नॉन एवं खाद्य आपूर्ति अधिकारी की उदासीनता के कारण अब तक न तो शासन से धान खरीदी की तिथि बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजने की जहमत भी नही उठाई जा रही है।
इनका कहना है
किसानो की धान खरीदी किए जाने की जवाबदारी डीएम नॉन की है, हम व्यवस्था देख रहे है। वहीं धान समस्याओ को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
कमलेश पुरी, एसडीएम अनूपपुर
इनका कहना है
किसी खरीदी केन्द्र में बारदानो की कमी नही है, वहीं कई केन्द्रो में आज भी बारदाने भेजवा दिए है।
आर.बी. तिवारी, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें