Responsive Ad Slot

ताजा खबर

latest

अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद 1362 किसानो की धान तौल के बाद भी नही चढ़ा पोर्टल पर

मंगलवार, 21 जनवरी 2020

/ by News Anuppur

906 किसानो को टोकन देकर दूसरे दिन तक उपार्जन केन्द्रो में जारी रही खरीदी
अनूपपुर। जिले में बनाए गए 22 धान उपार्जन केन्द्रो में फैली अव्यवस्थाओं के बीच 7 हजार 582  किसानो से लगभग 3 लाख 75  हजार 487 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। वहीं जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल द्वारा उपार्जन केन्द्रो की व्यवस्थओं का निरीक्षण कार्यालय में बैठ कर या फिर अपने गृह ग्राम रीवा में रहकर किए। जहां खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा अपने कार्यो के प्रति होने वाले उत्तरदायित्वो का निवर्हन ना किए जाने के कारण जिले के 2 हजार 268 किसानो को इसका खमियाजा भुगतना पड़ा है। जहां इन आंकडो में धान उपार्जन की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद 1 हजार 362 किसान जिनके धान की तौल पूर्ण होने के बाद भी पोर्टल में ऑन लाईन दर्ज नही हो सके है, वहीं 906  किसानो की खरीदी नही हो सकी, जिसके लिए अब विभाग इन किसानो की संख्या को एकत्रित कर उनकी धान लिए जाने के लिए सूची बनाते हुए प्रस्ताव भेजी गई है। वहीं अगर आंकडे की बात की जाए तो 7582 किसानो की धान खरीदी किए जाने, 1362 किसानो की धान तौल के बाद पोर्टल में दर्ज करने एवं 906 किसानो की धान उपार्जन केन्द्र में रखे होने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें 9850 किसानो सम्मिलित है। लेकिन जिले में पंजीकृत 10736 किसानो में अव्यस्था के कारण 886 किसानो ने अपनी धान व्यापारियों को बेचने में ही अपनी भलाई समझी।
906 किसानो धान खरीदने भेजा गया प्रस्ताव
जिले के 13 उपार्जन केन्द्रो में 906 किसानो द्वारा लाई गई 1 लाख 15 हजार 449 बोरी धान की खरीदी अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद भी नही हो सकी है, जिस पर विभाग ने उन किसानो एवं उनके द्वारा लाए गए धान की बोरियों की सूची बनाकर प्रस्ताव भोपाल भेजा जा रहा है। जानकारी के अनुसार उपार्जन केन्द्र दुलहरा में 50 किसानो की 5375, फुनगा में 48 किसानो की 4915, जैतहरी में 199 किसानो की 30022, धनगवां में 79 किसानो की 10450, वेंकटनगर में 120 किसानो की 14712, सिंघौरा में 113 किसानो की 16029, देवगवां में 95 किसानो की 8 हजार, छिलपा में 135 किसानो की 20 हजार, खोडऱी नं. 1 में 12 किसानो की 1210, भेजरी में 13 किसानो की 2111, राजेन्द्रग्राम 35 किसानो की 2300, बेनीबारी में 7 किसानो की 325 बोरियों में उपार्जन केन्द्र लाने के बाद भ्ज्ञी धान खरीदी नही हो सकी है।
1362 किसानो की धान खरीदी पोर्टल में नही हुई दर्ज
धान खरीदी की अंतिम तिथि को जिले के 18 खरीदी केन्द्र में 1362 किसानो की 51 हजार 850 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्र में कांटा होने के बाद पोर्टल में दर्ज नही हो सकी है। जिनमें पटनाकला में 67 किसानो की 2045.60 क्विंटल, अनूपपुर के 27 किसानो की 545.60, दुलहरा में 80 किसानो की 2980.80, फुनगा में 210 किसानो की 8215, जैतहरी के 8 किसानो की 96 क्विंटल, धनगवां में 82 किसानो की 2119.60, वेंकटनगर में 37 किसानो की 1312, देवगवां में 153 किसानो की 7500, छिल्पा में 190 किसानो की 9240, भलमुडी में 66 किसानो की 2078.40, खोडऱी नं. 1 में 45 किसानो की 1820, देवरी अमलाई में 41 किसानो की 2138.80, भेजरी में 57 किसानो की 1995.20, राजेन्द्रग्राम में 60 किसानो की 700, दमेहड़ी में 54 किसानो की 963.60, बेनीबारी में 43 किसानो की 1429.40, कोतमा में 17 किसानो की 470, निगवानी में 125 किसानो की 6200 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्र में तौल होने के बाद पोर्टल बंद हो जाने के कारण दर्ज नही हो सकी है।
कार्यो के प्रति खाद्य अधिकारी की उदासीनता
जहां जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल द्वारा अपने कार्यो के प्रति उत्तरदायित्वो का निवर्हन नही किए जाने तथा प्रदेश शासन द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने एवं कृषको की धान का उचित मूल्य निर्धारण सही समय पर किए जाने के निर्देशो की अव्हेलना की गई है। जिसके कारण उपार्जन की अंतिम तिथि समाप्त होने के दूसरे दिन 21 जनवरी को 2 हजार 268 किसानो को इसका खमियाजा उठाना पड़ रहा है। वहीं तिथि समाप्त होते ही पोर्टल बंद होने के बाद 906 किसानो की धान खरीदने के लिए टोकन जारी किया गया, जहां 21 जनवरी को उन किसानो द्वारा अपनी धान उपार्जन केन्द्र में बोरियों में भरने में जुटे हुए है। मामले में किसानो ने बताया की उपार्जन केन्द्रो में फैली अव्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार उनके द्वारा अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई। लेकिन मौके पर जिले के अधिकारियों द्वारा कोई निरीक्षण नही किया गया। जिसके कारण जिले में यह स्थिति उत्पन्न हुई।
धान खरीदी में अधिकारी रहे मुख्यालय से बाहर
18 जनवरी की दोपहर उपार्जन केन्द्र बरबसपुर में अपनी धान लेकर तीन दिन पहले से पहुंचे लगभग 200 किसानो की धान खरीदी नही होने हो पाने के कारण गुस्साएं किसानो ने कोतमा मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर जिला खाद्य अधिकारी विपिन पटेल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए थे। जहां इस बीच जिला खाद्य अधिकारी किसानो की समस्याओं के निराकरण की जगह 16 जनवरी से मुख्यालय छोड़ अपने गृह ग्राम में निजी कार्य में व्यवस्त थे। जिनके कारण बरबरसपुर, जैतहरी, धनगवां, कोतमा एवं देवगवां उपार्जन केन्द्र में विवाद की स्थिति बनी रही। रविवार की शाम लगभग 5 बजे अपने गृहग्राम से वापस लौटे खाद्य अधिकारी ने महज धनगवां उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण किया लेकिन वहां से मात्र 6 किमी दूर जैतहरी उपार्जन केन्द्र जाना उचित नही समझे। उपार्जन केन्द्रो में निरीक्षण के लिए खाद्य विभाग में लगी वाहन का उपयोग उपार्जन केन्द्रो के फर्जी निरीक्षण करने के नाम से भी फर्जी लॉक बुक तैयार कर किया गया है। वहीं इनके द्वारा वाहन का उपयोग 27 से 30 नवम्बर 2019, 1 से 3 दिसम्बर 2019, 6 दिसम्बर से 10 दिसम्बर 2019, 17 से 19 दिसम्बर 2019 एवं 17 से 19 जनवरी 2020 को वाहन अपने निजी कार्य के लिए अपने गृह ग्राम में रहे। जिसका खुलासा टोल प्लाजा से वाहन को ट्रैस कर किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

'
Don't Miss
© all rights reserved
made with NEWSANUPPUR