नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण उसके ऊपर छह महीने के लिए प्रतिबंध लना दिया है। इस दौरान नए ऋण देने और जमा स्वीकार करने पर रोक लगाई गई है।
छह महीने तक जमाकर्ता नहीं कर सकते निकासी
रिजर्व बैंक ने कहा कि इस सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राषि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी। आरबीआई ने एक विज्ञाप्ति में कहा कि 10 जून 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद बैंक रिजर्व की लिखित अनुमति के बिना कोई नया ऋण देने या पुरानी बकाये को नवीकृत नही कर सकेगा। इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नही कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा।
रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के ऊपर किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष रूप से सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राषि को निकालने की अनुमति नही दी जा सकती है।
वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंध
यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे। हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देष को सहकारी बैंक के बैकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंेक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधो के साथ बैकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।
पीएमसी बैंक पर भी कार्रवाई
इससे पहले आरबीआई पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक ( पीएमसी बैंक ) पर भी ऐसी कार्रवाई कर चुका है। पीएमसी बैंक पर 23 सितम्बर 2019 को छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। इस दो बार तीन-तीन महीने के लिए बढ़ा जा चुका है। फिलहाल पीएमसी बैंक पर 22 जून 2022 तक प्रतिबंध लगा हुआ है।