अनूपपुर। म.प्र. सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए बताया कि सदियों से म.प्र. के आदिवासी भाई एवं बहने दूर दराज जंगल पहाड़ों में निवास करते आ रहे हैं, धीरे-धीरे जंगलों का सफाया हुआ। जिसके कारण अधिकांश आदिवासी भाई गांव जंगल के बाहर हो गए परंतु जंगलों में रहने वाले बैगा भरिया, सहरिया जनजाति दूर दराज के जंगलों में वर्तमान जागरूक समाज से दूर रहकर अपना भरण पोषण कर रहे हैं। उपरोक्त जनजाति प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा वर्षों से जंगल पहाड़ नदी नालों के बीच निवासरत है। ऐसे लोगों को प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पहचाना वर्षों से पहाड़ जंगल एवं नदी नालों के बीच रह रहे आदिवासी भाई-बहनों को उनके निवासरत भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने का निर्णय लिया तथा संबंधित जिले के कलेक्टरों एवं वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि 15 सितम्बर तक संपूर्ण रूप से दौरा करके ऐसे लोगो की पहचान किया जाए तथा मालिकाना हक प्रदान करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके आलावा आज भी कई ग्रामों में राजस्व विभाग या वन विभाग के जमीन पर कुछ आदिवासी भाई निवासरत है, जिले के जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध है कि उनकी भी पहचान कर अपने अपने क्षेत्र में राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियो के संज्ञान में लाए ताकि आने वाले समय पर सभी को मालिकाना हक प्रदान किया जा सके। म.प्र. सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सभी प्रदेश के कलेक्टरों को सख्त निर्देश प्रदान किए हैं। म.प्र. शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि 1 सितम्बर तक प्रदेश के ऐसे गरीब मजदूर जो राशन कार्ड पर्ची न होने कारण राशन प्राप्त नही कर पा रहे थे, ऐसे 37 लाख गरीब मजदूरो को राशन कार्ड पर्ची उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिससे कि 1 सितम्बर के बाद कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे तथा सभी को राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। अब 1 सितम्बर के बाद कोई भी मजदूर भाई-बहने भूखे नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक ओर ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं कि अब प्रदेश में स्थापित होने वाले सभी उद्योगों में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को उनकी योग्यता अनुसार नौकरी प्रदान की जाएगी। अब प्रदेश के बाहर रहने वालों को रोजगार एवं नौकरी में किसी भी तरह से प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। इसी तरह मुख्यमंत्री प्रदेश के छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु पुन: एक अभिनव योजना की शुरूआत की है। अब कोई भी छात्र या छात्राएं बारहवी की परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होता है, तो उन्हे 25 हजार रूपए या एक लैपटॉप प्रदान किया जाएगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने छोट-छोटे व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की स्वीकृति प्रदान किया है। नगर पालिका क्षेत्र, जनपद पंचायत क्षेत्र या नगर परिषद क्षेत्रों में छोटे-छोटे व्यापारी जो रोड के किनारे जूते, चप्पल, सब्जी, ठेले मसाले य अन्य तरह की दुकान संचालित करते हैं उन्हे 10 हजार से 2 लाख तक विभिन्न बैंकों से ऋण स्वीकृत कराया जाएगा तथा ब्याज की राशि पूरी राज्य सरकार वहन करेगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा किया है कि, जो सूदखोर बहला-फुसलाकर लंबे ब्याजों पर छोटे-छोटे व्यापारियों, किसानों को ऋण उपलब्ध कराकर लंबी ब्याज की राशि वसूल करते हैं। अब सभी भाई बहनों इस तरह के ऋण समाप्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुये निर्देश प्रदान किये हैं कि, रोड मैप बनाकर 2023 तक सभी ग्रामों को नल-जल योजना से जोड़ा जावेगा। हमारे भाई-बहनों को हैंडपंप का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। अधिकांश जगहों पर देखा गया है कि कुछ जमीन माफियाओं के द्वारा जबरन शासकीय जमीनों या किसी की निजी जमीनों पर कब्जा करके निर्माण कार्य कर लेते हैं, ऐसे सभी माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावेगी तथा उन्हें सख्ती के साथ बेदखल करके उनके ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा। अब प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया, सहरिया, जो पहले छूटे हुए थे अब उन प्रत्येक परिवारों को रूपये एक हजार की राशि मासिक प्रदान किया जावेगा।
शिवराज सरकार द्वारा लिया गया हर फैसला हर वर्ग के लिए होगा मील का पत्थर साबित -बिसाहूलाल सिंह
शिवराज सरकार द्वारा लिया गया हर फैसला हर वर्ग के लिए होगा मील का पत्थर साबित -बिसाहूलाल सिंह
अनूपपुर। म.प्र. सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए बताया कि सदियों से म.प्र. के आदिवासी भाई एवं बहने दूर दराज जंगल पहाड़ों में निवास करते आ रहे हैं, धीरे-धीरे जंगलों का सफाया हुआ। जिसके कारण अधिकांश आदिवासी भाई गांव जंगल के बाहर हो गए परंतु जंगलों में रहने वाले बैगा भरिया, सहरिया जनजाति दूर दराज के जंगलों में वर्तमान जागरूक समाज से दूर रहकर अपना भरण पोषण कर रहे हैं। उपरोक्त जनजाति प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा वर्षों से जंगल पहाड़ नदी नालों के बीच निवासरत है। ऐसे लोगों को प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पहचाना वर्षों से पहाड़ जंगल एवं नदी नालों के बीच रह रहे आदिवासी भाई-बहनों को उनके निवासरत भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने का निर्णय लिया तथा संबंधित जिले के कलेक्टरों एवं वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि 15 सितम्बर तक संपूर्ण रूप से दौरा करके ऐसे लोगो की पहचान किया जाए तथा मालिकाना हक प्रदान करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके आलावा आज भी कई ग्रामों में राजस्व विभाग या वन विभाग के जमीन पर कुछ आदिवासी भाई निवासरत है, जिले के जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध है कि उनकी भी पहचान कर अपने अपने क्षेत्र में राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियो के संज्ञान में लाए ताकि आने वाले समय पर सभी को मालिकाना हक प्रदान किया जा सके। म.प्र. सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सभी प्रदेश के कलेक्टरों को सख्त निर्देश प्रदान किए हैं। म.प्र. शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि 1 सितम्बर तक प्रदेश के ऐसे गरीब मजदूर जो राशन कार्ड पर्ची न होने कारण राशन प्राप्त नही कर पा रहे थे, ऐसे 37 लाख गरीब मजदूरो को राशन कार्ड पर्ची उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिससे कि 1 सितम्बर के बाद कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे तथा सभी को राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। अब 1 सितम्बर के बाद कोई भी मजदूर भाई-बहने भूखे नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक ओर ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं कि अब प्रदेश में स्थापित होने वाले सभी उद्योगों में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को उनकी योग्यता अनुसार नौकरी प्रदान की जाएगी। अब प्रदेश के बाहर रहने वालों को रोजगार एवं नौकरी में किसी भी तरह से प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। इसी तरह मुख्यमंत्री प्रदेश के छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु पुन: एक अभिनव योजना की शुरूआत की है। अब कोई भी छात्र या छात्राएं बारहवी की परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होता है, तो उन्हे 25 हजार रूपए या एक लैपटॉप प्रदान किया जाएगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने छोट-छोटे व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की स्वीकृति प्रदान किया है। नगर पालिका क्षेत्र, जनपद पंचायत क्षेत्र या नगर परिषद क्षेत्रों में छोटे-छोटे व्यापारी जो रोड के किनारे जूते, चप्पल, सब्जी, ठेले मसाले य अन्य तरह की दुकान संचालित करते हैं उन्हे 10 हजार से 2 लाख तक विभिन्न बैंकों से ऋण स्वीकृत कराया जाएगा तथा ब्याज की राशि पूरी राज्य सरकार वहन करेगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा किया है कि, जो सूदखोर बहला-फुसलाकर लंबे ब्याजों पर छोटे-छोटे व्यापारियों, किसानों को ऋण उपलब्ध कराकर लंबी ब्याज की राशि वसूल करते हैं। अब सभी भाई बहनों इस तरह के ऋण समाप्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुये निर्देश प्रदान किये हैं कि, रोड मैप बनाकर 2023 तक सभी ग्रामों को नल-जल योजना से जोड़ा जावेगा। हमारे भाई-बहनों को हैंडपंप का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। अधिकांश जगहों पर देखा गया है कि कुछ जमीन माफियाओं के द्वारा जबरन शासकीय जमीनों या किसी की निजी जमीनों पर कब्जा करके निर्माण कार्य कर लेते हैं, ऐसे सभी माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावेगी तथा उन्हें सख्ती के साथ बेदखल करके उनके ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा। अब प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया, सहरिया, जो पहले छूटे हुए थे अब उन प्रत्येक परिवारों को रूपये एक हजार की राशि मासिक प्रदान किया जावेगा।
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