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भ्रष्टाचार एवं कालाबाजारी में संलग्र जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल से कलेक्ट ने छीना प्रभार

भ्रष्टाचार एवं कालाबाजारी में संलग्र जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल से कलेक्ट ने छीना प्रभार

शनिवार, 29 अगस्त 2020

/ by News Anuppur

परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर अमन मिश्रा को दिया गया जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार
अनूपपुर। जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए स्वेच्छाचारिता करते हुए विभागीय कार्यो में बाधा डालने तथा कालाबाजारी के प्रकरणो को गायब करते हुए स्वयं कालाबाजारी में लिप्त होने की दर्जनों शिकायत के बाद कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने 29 अगस्त को जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए कलेक्टर कार्यालय अनूपपुर में संलग्र किए जाने तथा जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर का प्रभार (परिवीक्षाधीन) डिप्टी कलेक्टर अमन मिश्रा अनूपपुर को अपने वर्तमान दायित्वों के साथ अस्थाई रूप से आमागी आदेश तक के लिए सौंपा गया है। जानकारी के अनुसार विपिन पटेल पर जिले में कालाबाजारी करने, गोदाम व राईस मिलरों से सांठ-गांठ कर कीडे व जाले लगे गुणवत्ताविहीन चावल को उचित मूल्य की दुकानो में भेजने का अपने ही कर्मचारियों पर दवाब बनाने, भ्रामक जानकारी देकर प्रशासन को भ्रमित करने, राईसमिलर, परिवहनकर्ता, नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर सीएमआर चावल को बिना गुणवत्ता जांच कराए वेयर हाउस में जमा करने की बजाय सीधे राईस मिल से उचित मूल्य की दुकान में भंडारित कर अवैध लाभ अर्जित करने, अपने अधीनस्त कर्मचारियों को अपने केबिन में बुलाकर अभद्र व्यवहार कर मानसिक रूप से प्रताडि़त किए जाने जैसे कई शिकायतों के बाद कलेक्टर ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए खाद्य नागरिक पत्र क्रमांक 2690/कले/खाद्य/20, दिनांक 28 जुलाई को संभागायुक्त के नाम जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया था।

संचनालय ने भी कार्यवाही हेतु लिखा था पत्र 

जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालनालयीन पत्र क्रमांक 8164/शिकायत/2019 दिनांक 14 अक्टूबर 2019 एवं पत्र क्रमांक 1966/शिकायत/2020 दिनांक 6 मार्च 2020  के संदर्भ में कलेक्टर अनूपपुर को प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक 3460/शिकायत/2020 दिनांक 6 जुलाई को विपिन पटेल, खाद्य अधिकारी अनूपपुर को तत्काल निलंबित करते हुए जांच कराए जाने के संबंध में पत्र भी लिखा गया था। जिसमें खाद्य अधिकारी विपिन पटेल द्वारा जिला अनूपपुर में की जा रही कालाबाजारी की जांच कराकर जांच प्रतिवेदन चाहा गया था, जो आज दिनांक तक अप्राप्त है।

अधीनस्थ कर्मचारियों से की जाती रही अभद्रता

पूरे मामले में जहां जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल ने अपने अधीनस्त सहायक आपूर्ति अधिकारी, एवं जिले के चारो विकासखंडो के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों सहित महिला अधिकारी तक से अभद्रता की शिकायत कलेक्टर से 2 जून 2020 को की जा चुकी है। लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त खाद्य अधिकारी विपिन पटेल पर किसी तरह की कार्यवाही नही होने पर उसके हौसले बुलंद रहे, जिससे पूरे जिले में कालाबाजारी का खेल खेलते हुए लाभ अर्जित कर विभागीय गतिविधियों को प्रभावित करते रहे है। वहीं जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल की एक नही दर्जनों भ्रष्टाचार की शिकायत हुई है, जहां कुछ शिकायत तो स्वयं ही अपने जांच के लिए मिली हुई है। वैसे भी भ्रष्टाचार व कालाबाजारी करने वाले अधिकारियों में सबसे पहला नाम हमेशा से सुर्खियों में रहा है, जो जांच फाइल व नोट सीट को गायब कर देने में माहिर अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग है, यह अनूपपुर जिले के इन अधिकारी के नाम से जाना जाता रहा है।

भ्रष्टाचार के लग चुके है कई आरोप

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग किए जाने के साथ विभागीय कार्यो में बाधा डालने के आरोपो के साथ भ्रष्टाचार के आरोप भी है। जिसमें बीते सितम्बर 2013 से लगातार जिले में पदस्थ रहते हुए जिले के समस्त राईस मिलरों, गोदाम संचालको, परिवहनकर्ताओं, केरोसीन डीलरों, समिति प्रबंधको व अन्य संबंधित व्यक्तियों से सांठ-गांठ कर अपने पद का दुरूपयोग व स्वेच्छताचारिता सहित विभागीय गतिविधियों को प्रभावित करने का आरोप उनके अधीनस्त कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा  लिखित रूप से की जा चुकी है।

कलेक्टर ने भी अपनी जांच में माना था कार्यव्यवहार संदिग्ध

कलेक्टर अनूपपुर ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र संभागायुक्त को लिखा था, जिसमें कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर प्रदीप कुमार त्रिपाठी द्वारा 3 जनवरी 2020 को धान उपार्जन केन्द्र अन्नपूर्णा वेयर हाउस जोगीटोला देवगवां का निरीक्षण किया गया, जिसमें उपार्जन केन्द्र में 100 बोरी धान अमानक व लावारिस पाते पाया गया, किसानो से पूछताछ करने पर धान का मालिकाना हक किसी के प्रस्तुत नही करने पर धान को जब्त करते हुए समिति प्रबंधक द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 की उपार्जन नीति की कंडिका 4.13 (7)(9) कंडिका 6.1 (परिशिष्ट 2) एवं कंडिका 6.3 का स्पष्ट उल्लंघन किए जाने पर 12 फरवरी 2020 को जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के समक्ष अपना प्रतिवेदन प्रस्तुुत किया गया था। जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण को गायब कर दिए जाने की शिकायत भी जांचकर्ता अधिकारी प्रदीप त्रिपाठी द्वारा किए जाने पर जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल द्वारा 12 जून को उक्त प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। जहां कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल ने कलेक्टर के सामने नोट शीट प्रस्तुत कि, जिसमें टीम अंकित किया कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को धान जब्त करने के लिए कोई कानूनी अधिकारी नही है, उनके द्वारा की गई जब्ती अवैधानिक है। इस संबंध में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्री त्रिपाठी को चेतावनी देते हुए जब्तसुदा धान समिति प्रबंधक के पक्ष में मुक्त करने हेतु लेख किया। जबकि प्रदीप त्रिपाठी द्वारा की गई कार्यवाही म.प्र. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 की परिधि में है। जहां कलेक्टर ने संभागायुक्त को लिखे पत्र में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर विपिन पटेल के द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए सुसंगत तथ्य प्रस्तुत नही किए गए है एवं मुनाफाखोरी के लिए समिति प्रबंधको/व्यापारियों को प्रोत्साहित किया गया है। इनका कार्यवाही संदिग्ध है। वहीं जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल जांच करने वाले अधिकारी को हतोत्साहित भी करता है। जो म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(1) संनिष्ठा एवं (2) उत्तरदायित्व के विपरित है। जिस पर शासन के हित के विपरीत टीप प्रस्तुत करने के फलस्वरूप जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित किया  गया था। 
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