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प्रदेश में गुणवत्ताविहीन चावल के वितरण पर केन्द्र सरकार ने लगाई रोक

प्रदेश में गुणवत्ता युक्त चावल के वितरण पर केन्द्र सरकार ने लगाई रोक

गुरुवार, 3 सितंबर 2020

/ by News Anuppur

ईओडब्ल्यू करेगी जांच, अधिकारियों सहित मिलर्स पर कराए जाएगे अपराधिक प्रकरण दर्ज- बिसाहूलाल 
अनूपपुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबो को गुणवत्ताविहीन चावल वितरण किए जाने की सूचना के बाद केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार को मिलर्स द्वारा मिलिंग किए गए चावल पर रोक लगाते हुए प्रदेश के सभी जिलो में चावल की सैम्पलिंग के निर्देश दिए गए है, जहां चावल की सैम्पलिंग के बाद ही चावल का वितरण सार्वजनिक प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। वहीं खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री म.प्र. शासन बिसाहूलाल ने कहा कि 28 अगस्त से चावल के वितरण में रोक लगाते हुए सैंपलिंग कराई जा रही है तथा इस पूरे मामले को भी  ईओडब्ल्यू को जांच करने के आदेश दिए गए है साथ जिले में भंडारित चावल को खाद्य एवं औषधि विभाग से भी जांच करवाई जाएगी तथा निम्न गुणवत्ता का चावल मिलने पर अधिकारियों, कर्मचारियों के आपराधिक कार्यवाही करने तथा मिलर्स के विरूद्ध कस्टम मिलिंग नीति एवं अनुबंध के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जाएगी।

जिले में भंडारित 15500 मैट्रिक टन चावल गुणवत्ता विहीन

जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले में खरीफ उपार्जन वर्ष 2019-20 में 45 हजार 617 मैट्रिक टन धान किसानो से खरीदी गई, जिस धान को मिलिंग के लिए जिले में 10 मिलरों द्वारा म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन से अनुबंध किया गया था, जहां मिलिंग के लिए धान ले जाने के बाद मिलरों द्वारा धान की मिलिंग कर शासन के निर्धारित मापदंडो को दरकिनार करते हुए गुणवत्ता विहीन चावल का जिले के गोदामो में 15 हजार 500 मैट्रिक टन चावल का भंडारण किया गया है। इस पूरे खेल में खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी, नागरिक आपूर्ति अधिकारी के जिला प्रबंधक, लेखापाल, केन्द्र प्रभारी, वेयर हाउस प्रबंधक अनूपपुर, कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम की मिलीभगत है, जो प्रत्येक लॉट चावल को गोदाम में जमा करवाए जाने के बदले कमीशन लेते हुए गुणवत्ता विहीन चावल को भंडारित कर उसे उचित मूल्य की दुकान में भेज कर वितरण कराने में शामिल रहते है।

कमीशन का चलता खेल

धान उपार्जन के बाद जहां म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन अनूपपुर से जिले के लगभग 10 मिलरों ने धान की मिलिंग के लिए अनुबंध किया, लेकिन मिलिंग के बाद चावल को गुणवत्ता विहीन जमा करने पर जिले के केन्द्र प्रभारियों द्वारा प्रत्येक लॉट के हिसाब से कमीशन लेते हुए बिना चावल के निरीक्षण करते हुए चावल की एनॉलासिस रिपोर्ट तैयार की गई है। जो अब केन्द्र सरकार के दखल के बाद इन केन्द्र प्रभारियों के पसीने छूटना प्रारंभ हो गए है। वहीं इस पूरे खेल में नागरिक आपूर्ति विभाग के जिला प्रबंधक, लेखापाल, वेयर हाउस प्रबंधक सहित की भी अहम भूमिका रही है, जो गुणवत्ता विहीन चावल गरीबो को पहुंचाने के लिए उन्हे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उचित मूल्य की दुकानों में भेज दिया गया है।

क्या कहता है नियम

जानकारी के अनुसार धान की मिलिंग के लिए मिलरों द्वारा म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन अनूपपुर से अनुबंध किया जाता है, जिसमें मिलिंग के बाद चावल जमा करने निर्धारित मापदंड उल्लेखित होता है, लेकिन विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कमीशन के चक्कर में नियमों व मापदंडो के दर किनार करते हुए गुणवत्ता विहीन अमानक चावल जमा करवा दिया जाता है, अगर नियम की बात की जाए तो मिलरों द्वारा चावल जमा चावल की गुणवत्ता की जवाबदारी केन्द्र प्रभारी की होती है, जहां केन्द्र प्रभारी द्वारा चावल में ब्रोकन की मात्रा 24 प्रतिशत की जगह 30 से 35 प्रतिशत एवं अन्य आर्गेनिक व विजातीय व चाकीय पदार्थो की प्रतिशत मात्रा निर्धारित मापदंडो से अधिक रहती है।

विभागीय मिलीभगत से मिलर चलाते खेल

एक ओर जहां गुणवत्ता युक्त चावल गरीबो को वितरण के लिए कई नियम व निर्देश जारी है, लेकिन म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन अनूपपुर के अधिकारियों एवं कर्मचारी द्वारा मिलरों को गुणवत्ता विहीन चावल जमा करने की पूरी छूट दे रखी है। जिसमें धान की मिलिंग करने के 7 दिन तक नमी को सूखाना तथा मिलिंग प्वांइट में अधिकारियों को जाकर चावल की नमी अधिकतम 14 प्रतिशत होने पर ही भंडारण कराए जाने का नियम है, लेकिन म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन अनूपपुर के जिला प्रबंधक सहित केन्द्र प्रभारी द्वारा मिलरों से सांठगांठ कर मिलिंग के दूसरे ही दिन चावल को 16 प्रतिशत नमी में जमा करवा दिया जाता है, जिससे गोदाम भंडारित चावल में लूढ़ी लग कर खराब हो जाती है।

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