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न्याय नही मिलने पर रविशंकर पांडेय ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांगी अनुमति

न्याय नही मिलने पर रविशंकर पांडेय ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांगी अनुमति

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

/ by News Anuppur

प्रशासनिक  न्याय व्यवस्था से उठा भरोसा , इंदिरा तिराहे में 7 सितम्बर को करेगा आत्मदाह
अनूपपुर। प्रशासनिक लचर व्यवस्था के कारण जहां जिले में न्याय व्यवस्था मजाक बन गई है, दर्जनो शिकायतों के बावजूद कार्यवाही के इंतजार में कई महीनो भटकते है और  न्याय न मिल पाने के मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से परेशान होकर प्रशासन से ही इच्छा मृत्यु की मांग कर बैठते है, ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां ग्राम पंचायत दैखल में आरसीसी पुलिया व पीसीसी रोड निर्माण के लिए 7 लाख 43 हजार 476 रूपए का निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाला सप्लायर रवि शंकर पांडेय का, जो बीते एक वर्ष से
भुगतान की राशि नही मिलने की दर्जनो शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ व जनपद सीईओ से लिखित व मिलकर मौखिक बताई गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला और कर्ज में दब जाने के बाद कोरोना काल में परिवार आर्थिक तंगी के बीच अंत में थकहार कर 4 सितम्बर को कलेक्टर व एसपी के नाम 7 सितम्बर को आवेदन देते हुए इंदिरा तिराहे में इच्छा मृत्यु की मांग की है।

यह है मामला

मामले की जानकारी के अनुसार जनपद अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत दैखल में आरसीसी पुलिया व पीसीसी रोड के निर्माण के लिए मटेरियल सप्लाई का आर्डर ग्राम पंचायत द्वारा रवि शंकर पिता रामधनी पांडेय निवासी वार्ड क्रमांक 9 को दिया गया, जिसके बाद से सप्लायर रवि शंकर पांडेय से सरपंच पति तीरथ पुरी एवं सचिव सीताराम पनिका द्वारा राशि का भुगतान किए जाने के बदले कमीशन की मांग की गई, जहां सप्लायर द्वारा मना करने पर बीते एक वर्ष से भुगतान को रोकते हुए कुछ राशि को सरपंच पति ने फर्जी बिल लगाकर निकाल लिए जाने की बात भी बताई। लेकिन बीते एक वर्ष से भुगतान नही तथा प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट परेशान होकर यह कदम उठाया गया है। सर्वविदित है कि अनूपपुर जिले में प्रशासनिक अक्षमता के कारण किसी भी मामले की शिकायत की जांच के नाम पर पीडि़त को वर्षो चक्कर लगवाने का रिवाज बना हुआ है, जो आज भी कायम है।

कोरोना काल में परिवार तंगी से लिया निर्णय

रवि शंकर पांडेय ने बताया कि ग्राम पंचायत दैखल को सप्लाई किए गए निर्माण सामग्री का भुगतान बीते 10 माह से नही किया जा रहा है, जहां भुगतान कराए जाने को लेकर उसने आधा सैकड़ा चक्कर दफ्तरों के काट चुका है साथ ही सीएम हेल्पलाईन सहित कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ से मिलकर लिखित व दर्जनो मौखिक शिकायत कर चुका है, जहां उन्हे सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है।  लेकिन कर्ज के बोझ से लगातार दबने व व्यापारियों को दिए गए चेक के बाउंस होने की स्थिति पर पहुंचने के साथ ही कोरोना काल में उसका परिवार तंगी से गुजरने के साथ वह मानसिक, शारीरिक व आर्थिक तौर से कमजोर हो चुका है और उसने इच्छा मृत्यु की मांग की है।

सरपंच पति चलाता है ग्राम पंचायत दैखल

मामले में पीडित ने बताया कि ग्राम पंचायत दैखल में सरपंच पार्वती पुरी एवं सचिव सीताराम पनिका है, लेकिन ग्राम पंचायत के हर कार्यो में दखल सरपंच पति तीरथ पुरी द्वारा किया जाता है, यहां तक की सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर करने तथा ग्राम पंचायत में हुए कार्यो का कमीशन मांगे जाने का वीडियो भी मेरे द्वारा जिला प्रशासन को शिकायत के साथ उपलब्ध कराया गया था, लेकिन पूरे मामले में अब तक प्रशासन ने सरपंच पति के खिलाफ कार्यवाही करने के बचाए सिर्फ मुझे एक वर्ष से आश्वासन दिया जा जाता रहा है।

एससीएसटी में फंसाने सरपंच पति ने की झूठी शिकायत

रविशंकर पांडेय ने बताया कि ग्राम पंचायत दैखल में सप्लाई किए निर्माण सामग्री के भुगतान के लिए जब वह सचिव सीताराम पनिका के पास पहुंचा तो उसने सरपंच पति से मिलने की बात कह दी, और जब सरपंच पति से मिला तो उसने राशि का भुगतान करने के एवज में कमीशन की मांग की गई, वहीं बीच-बीच में मेरे द्वारा भी सरपंच पति द्वारा मांगे गए कमीशन की राशि का वीडियो व सचिव के खाते में डाले गए कमीशन की राशि का बैंक स्टेटमेंट भी प्रशासन को शिकायत के साथ उपलब्ध कराया गया था, प्रशासन से की जा रही लगातार शिकायत के बाद सरपंच पति तीरथ पुरी ने 24 अगस्त को आजाक थाना अनूपपुर में एसटीएससी के तहत फर्जी मामला में फंसाने हेतु शिकायत दर्ज करवाई गई है।

इंदिरा तिराहे में 7 सितम्बर को करूंगा आत्महत्या

जिला प्रशासन की सुस्त रवैये एवं कोरोना काल में लगातार तंगी की हालत व कर्ज में डूबने तथा ग्राम पंचायत दैखल में कराए गए निर्माण कार्यो में सप्लाई की गई सामग्री की राशि का भुगतान नही किए जाने पर वह आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान है तथा बीते एक वर्षो से दफ्तरों के चक्कर काट कर थकने के बाद अब जिला प्रशासन की न्याय व्यवस्था से भी भरोसा उठ जाने के बाद रवि शंकर पांडेय 4 सितम्बर को कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए इच्छा मृत्यु की मांग कर 7 सितम्बर को इंदिरा तिराहे में आत्महत्या करने को विवश है। रवि शंकर के इस निर्णय ने जिला प्रशासन के न्याय व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। 
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