गौरेला में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं स्टेशन के पास गेस्ट हाउस बनाने भूमि आवंटित करने की रखी मांगअनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में 1 सितम्बर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आगमन हुआ। जहां उनका स्वागत कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा पुष्पगुच्छ एवं साल से किया गया। जिसके बाद कुलपति ने मुख्यमंत्री से गौरेला में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक की ओर से कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जाने का आग्रह किया साथ ही पेंड्रा रोड रेल्वे स्टेशन के पास विश्वविद्यालय का एक गेस्ट हाउस बनाने के लिए भूमि आवंटित करने हेतु प्रस्ताव दिया तथा विश्वविद्यालय से लेकर पेंड्रा रोड तक सड़क के जीर्णोद्धार तथा दोहरीकरण के लिए अनुरोध किया गया।
विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में हुए गहन विचार-विमर्श के बीच मुख्यमंत्री ने कुलपति से चर्चा करते हए कहा कि जंगल बचाने के लिए फलदार वृक्षों को लगाया जाए, जिससे आदिवासियों की आय में वृद्धि होगी एवं पर्यावरण का संरक्षण हो सकेगा। त्रिकूट की खेती, आम से निर्मित अमचूर के उत्पादन तथा चिरौंजी की उपज के प्रसंस्करण पर विचार विमर्श किया। विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामीणों को इसके संग्रहण में वैज्ञानिक पद्धति से शिक्षित एवं प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा निर्मित कोदो-कुटकी एवं शहद जो अमरकंटक कोदो-कुटकी और अमरकंटक शहद के नाम से प्रसिद्ध है भेंट की और बताया कि इससे 800 जनजातीय परिवार अपना भरण-पोषण कर रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों में जनजातीय संबंधित विषयों और भविष्य में शुरू किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के बारे में चर्चा की। जनजातियों के लिए चलाए जा रही कल्याणकारी परियोजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ ही में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विश्वविद्यालय को दी जा रही सुविधाओं के बारे में धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीणा एवं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कलेक्टर नम्रता गांधी उपस्थित रही साथ ही विश्वविद्यालय के कुल सचिव पी. सिलुवैनाथन, (अधिष्ठाता अकादमिक)प्रो.आलोक श्रोत्रिय, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, वित्त अधिकारी ए. जेना तथा आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक प्रो. आशीष माथुर, गौरव सिंह, नृत्य गोपाल एवं शिक्षक तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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