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भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली कुचिपुडी और कथक की प्रस्तुति देख मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली कुचिपुडी और कथक की प्रस्तुति देख मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

बुधवार, 20 अक्तूबर 2021

/ by News Anuppur


ईद मिलादुनबी पर्व की शाम प्रख्यात नृत्यांगनाओं द्वारा शास्त्रीय नृत्य की दी प्रस्तुति  

अनूपपुर। जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद व रजा फाउंडेशन एवं प्रणाम म.प्र. द्वारा पर्यटन, कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने सैयद हैदर रजा जनशताब्दी वर्ष अंतर्गत जिला मुख्यालय अनूपपुर स्थित शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में शरद महोत्सव के एक दिन पहले 19 अक्टूबर ईद मिलादुनबी की शाम भारतीय शास्त्रीय नृत्य संध्या का आयोजन रखा गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर सोनिया मीना ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश भू-भास्कर यादव, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, जिला पंचायत सीईओ हर्षल पंचोली, अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी, डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया, महिला सशक्तिकरण अधिकारी मंजूषा शर्मा सहित भारतीय संस्कृति के संवाहक श्रोतागण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पीआरओ अमित श्रीवास्तव द्वारा किया गया। 

कोलकाता निवासी प्रख्यात कुचिपुडी कलाकारा अयाना मुखर्जी ने कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति से शुरुआत की। उन्होंने अपने नृत्य और विभिन्न नृत्य मुद्राओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रख्यात कुचिपुडी नृत्यांगना कोलकाता निवासी अयाना मुखर्जी ने 16 वर्ष की उम्र से कुचिपुडी नृत्य का प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। अपने गुरू जयराम राव और वन श्री राव के साथ एवं एकल कलाकार के रूप में उन्होंने अनेकों राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय मंचों से अपनी प्रस्तुति दी है। वह पिछले कई बरसों से भारत के स्कूलों और कॉलेजों में कुचिपुडी कला के बारे में जागरूकता की मुहिम भी चला रही है। 

कुचिपुडी नृत्यांगना अयाना मुखर्जी द्वारा चार विधाओं में अपने नृत्य की प्रस्तुति दी। थाली की धार पर खड़े होकर प्रस्तुत नृत्य मुद्राओं की कला की दर्शकों द्वारा करतल ध्वनि से प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में युगल कथक कलाकार मानसी शर्मा, इषिता लाल ने राजराजेश्वरी अष्टकम्, रानी रूपमति एवं बाज बहादुर की कथा, मीरा भजन और मोक्ष की मुद्राओं को व्यक्त करते हुए युगल नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब सराहना बटोरी। मनोहारी प्रस्तुति से दर्शक कार्यक्रम स्थल पर ठहरे रहे। 

कथक कलाकार मानसी शर्मा ने 'तरानाÓ की एकल प्रस्तुति दी, जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया। कथक नृत्यांगनाओं ने अपने गुरु अल्पना बाजपेयी के संयोजन में नृत्य प्रस्तुति को तैयार किया था। संजीव अभयंकर के संगीत पर अद्धा तीन ताल पर आधारित मीरा भजन मीरा के प्रभु गिरधर नागर, राधा के मनमोहना की प्रस्तुति से कलाकार मानसी शर्मा एवं इषिता लाल को खूब सराहना मिली। 

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कलेक्टर ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य हमारे भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली है। उन्होंने कहा कि नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन व सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। कलेक्टर ने कहा कि दक्षिण भारत में कुचिपुडी व उत्तर भारत में शास्त्रीय नृत्य की प्रसिद्धि है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजन जरूरी है।

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