दवा के सेवन से किशोरी की हुई थी मौत, आरोपी की गिरफ्तारी पर थ 30 हजार का ईनाम
अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम महोरा में नाबालिग को दवाई खिलाकर दुष्कर्म करने एवं अत्याधिक रक्त स्त्राव होने पर खलिहान में ही नाबालिग को छोड़कर भाग जाने के बाद उसकी मृत्यु हो जाने के मामले में पुलिस ने आरोपी यशवंत मरावी निवासी महोरा के खिलाफ धारा 363, 366ए, 376(2) एन, 304 भादवि एवं 3, 4, 5, 6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, जहां मामले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था, जहां पुलिस ने 6 दिसम्बर को कालाडाही का पहाड़ (कस्तूरी महोरा के बीच जंगल) से गिरफ्तार कर लिया है।
मामले की जानकारी के अनुसार नाबालिग से दुष्कर्म के बाद उसके अधिक रक्त स्त्राव होने से उसकी मौत के बाद गुस्साये ग्रामीणों ने राजेन्द्रग्राम थाना का घेराव करते हुए पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए आरोपी की जल्द गिरफ्तारी को लेकर डटे हुए थे। जहां घटना नाबालिग बालिका से संबंधित होने तथा अत्यंत गंभीर अपराध होने पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल डी.सी. सागर ने आरोपी की गिरफ्तार पर 30 हजार रूपए का ईनाम की घोषण की गई थी। वहीं पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल द्वारा मामले को गंभीरता से लेते आरोपी को गिरफ्तार करने दो विशेष टीम बनाई थी। जो लगातार आरोपी यशवंत मरावी के परिजनों से लगातार पूछताछ करते हुए उनपर निगरानी रखी हुई थी तथा आरोपी के छिपे होने की हर संभावित स्थानों में दबिश दी जा रही थी। वहीं आरोपी ने भी साक्ष्य छिपाने हेतु अपना मोबाइल फेंक दिया था, जिससे आरोपी को पकडऩा पुलिस के लिए चुनौती भरा साबित हो रहा था।
इसी दरम्यिान बनाई गई दो विशेष टीम जिसका नेतृत्व थाना प्रभारी नरेन्द्र पाल एवं थाना प्रभारी करनपठार सोने सिंह परस्ते कर रहे थें को आरोपी यशवंत मरावी के संबंध में सूचना प्राप्त हुई। जहां तत्काल ही विशेष टीम द्वारा सूचना की तस्दीक हेतु आरोपी के छिपने के स्थान कालाडाही का पहाड़ (कस्तूरी महोरा के बीच जंगल) में दबिश देकर गिरफ्तार करने में सफलता मिली। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पूरा घटनाक्रम बताते हुए अपना जुर्म स्वीकार किया गया, जिसके बाद पुलिस ने घटना में प्रयुक्त दवा जप्त कर लिया गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही एवं आरोपी को गिरफ्तार किए जाने में पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के मार्गर्शन एवं एसडीओपी पुष्पराजगढ़ आशीष भराडे, थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम नरेन्द्र पाल, थाना प्रभारी करनपठार सोने सिंह परस्ते, उपनिरीक्षक अजय टेकाम, प्रधान आरक्षक मनोज, राजेन्द्र, विमल सिंह, मोहन सिंह एवं सायबर सेल आरक्षक राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार व पंकज मिश्रा का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
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