मामला उचित मूल्य की दुकान जरहा का, वितरण के समय मामला आया सामने
राईस मिलरो द्वारा परिवहनकर्ता से सांठगांठ कर खपा रहे अमानक चावल
अनूपपुर, देशबन्धु। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के गृह जिला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबो अमानक व गुणवत्ता विहीन चावल का वितरण किया जाना आम बात हो चुकी है। इस योजना के तहत जहां संयुक्त कलेक्ट्रेट अनूपपुर में संचालित दो प्रमुख विभागों जिनमें जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा शासन की योजनाओं का पलीता लगाने के साथ ही गरीबो के हक में डाका डाल रहे है। जिसके कारण चार माह के अंदर दोनो विभागों के विभाग प्रमुख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ लोकायुक्त द्वारा पकड़े भी गए। इसके बावजूद भी जिले की सार्वजनिक प्रणाली में कोई सुधार नही हुआ और गरीबो को अमानक व गुणवत्ता विहीन का वितरण किया जा रहा है।
अब अमानक नही सड़ा चावल कर रहे वितरित
मामले की जानकारी के अनुसार पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य जरहा में 8 फरवरी को खाद्यान्न वितरण के दौरान द्वारा प्रदाय के माध्यम से पहुंचे चावल की बोरियो के अंदर सड़ा चावल निकालने लगा। जिससे ग्रामीणों में जमकर रोष देखा गया, जिसके बाद गांव के सरपंच, सचिव व उपसरपंच को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी शासकीय दुकान जरहा के सेल्समैन द्वारा दी गई। जहां पर सड़ा चावल से भरे बोरियों की जांच कर पंचनामा ग्रामीणों के समक्ष तैयार करते हुए कार्यवाही की मांग की गई। जिसका ग्रामीणों द्वारा बकायदा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वॉयरल किया गया, जहां वॉयरल वीडियो में गरीबो को बांटे जाने चावल की तस्वीर हैरान करने वाली है।
परिवहनकर्ता की राईस मिलरों से मिलीभगत
पूरे मामले में जहां नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जिले के राईस मिलरों को सांठगांठ कर उनके बीआरएल चावल को खपाने में लगे हुए है। जहां इस कार्य में परिवहनकर्ता संजय महेश्वरी की मिलीभगत सामने से हो रहा है, जो राईस मिलरों के गुणवत्ता विहीन व अमानक चावल को द्वार प्रदाय के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान में पहुंचाकर खपाने में संलिप्त है। जिसके कारण शासन की महत्वपूर्ण योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर ग्रहण लगा रहे है।
स्वास्थ्य के साथ कर रहे खिलवाड़
शासकीय उचित मूल्य की दुकान जरहा में पहुंचा सड़ा चावल के वितरण में जहां ग्रामीणों में रोष देखा गया, वहीं जिले के राईस मिलर द्वारा अमानक व बीआरएल चावल भेजने कर गरीबो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में लगे हुए है। पूरे मामले में कलेक्टर की उदासीनता स्वयं सामने आ रही है, जहां जिले में लगातार शासकीय खाद्यान्न के हेराफेरी, अमानक व गुणवत्ता विहीन चावल के वितरण की लगातार सूचना पर जानकारी के बाद भी किसी भी मिलरों पर कोई कार्यवाही नही हो पा रही है।
खाद्य एवं औषधी विभाग से हो जांच
गरीबों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर नागरिक आपूर्ति एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों, राईस मिलरों तथा द्वार प्रदाय के परिवहनकर्ता द्वारा मिलीभगत कर अमानक व गुणवत्ता विहीन चावल पहुंचा रहे है, जहां खाद्य मंत्री का गृह जिला होने के कारण खाद्यमंत्री की बदनामी हो रही है। अगर राईस मिलरों द्वारा जिले के सभी वेयरहाउस में जमा किये गए चावल की जांच खाद्य एवं औषधी विभाग से कराई जाए तो पूरा मामला का उजागर हो सकता है।
इनका कहना है
पूरे मामले में की मै स्वयं जाकर कई दुकानों का निरीक्षण करूंगा। जिसके बाद संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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