अनूपपुर। न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा स्वयं प्रकाश दुबे की न्यायालय ने 28 फरवरी थाना बिजुरी चौकी रामनगर के अपराध क्रमांक 432/14 की धारा 302, 304बी, 498ए, 201 भादवि के प्रकरण में आरोपीगण भजनदास पिता अकालू उम्र 33 अकालू पिता जट्टू दास उम्र 56, रामकुमारी पति अकालू उम्र 48, उभय निवासी ग्राम मलगा तथा मदन उर्फ लाला पिता प्यारेदीन उम्र 31 निवासी बेनी बहरा पर हत्या करने व साक्ष्य छिपाने के अपराध में उक्त सभी आरोपीगण को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास सहित 5-5 हजार रूपये का अर्थदंड एवं आरोपी पति को धारा 498 में 2 वर्ष का कारावास व 2 हजार रूपये का अर्थदंड एवं धारा 4 में 1 वर्ष का कारावास एवं 1 हजार का अर्थदंड से दंडित किया गया है। राज्य की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंहे द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पांडेय ने बताया कि मामला थाना बिजुरी के चौकी रामनगर के ग्राम मलगा का है। 14 सितम्बर 2014 को आरोपी भजनदास व उसके साथ मदनदास ने योजनाबंद्ध तरीके से मृतिका नीतू चौधरी की हत्या करके साक्ष्य मिटाने की नियत से हत्या को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया। उक्त मामले की सूचना मिलने पर रामनगर चौकी में मर्ग कायम कर जांच की गयी। मर्ग जांच व गवाहों के कथन से पाया गया कि मृतिका का पति भजनदास व उसका दोस्त मदनदास, ससुर अकालू दास व सास रामकुमारी द्वारा दहेज में नगदी व इंटरलाक मशीन की मांग कर मृतिका को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताणित करते थे और घटना दिनांक 14 सितम्बर 2014 को रात्रि में मृतिका की हत्या कर दिये व साक्ष्य छिपाने के लिए हत्या को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया। विवेचना के दौरान चिकित्सीय साक्ष्य से स्पष्ट हुआ कि मृतिका की मृत्यु गला दबाने के कारण हुई थी। विवेचना पश्चात अभियोग पत्र प्रस्तुत कर आरोपीगण का विचारण किया गया। विचारण में मृतिका की मृत्यु रात्रि में असमान्य परिस्थितियों में होना पायी गयी व चिकित्सीय साक्षी ने इस बात से इंकार किया कि मृतिका ने स्वयं फांसी लगाई है। आरोपी ने यह बचाव लिया था कि वह घर से बाहर था, परंतु उसने घर से बाहर होने के सबंध में कोई समाधान कारक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। अभियोजन साक्षियों से यह बात सिद्ध हुई कि आरोपी भजनदास गाडी व इंटर लाक मशीन मांगते थे व इस बात के लिए पीडि़ता को प्रताणित करते थे। सभी साक्ष्यों व लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किये गये तर्क व न्याय दृष्टांतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपगण को उक्त दंड से दंडित किया है। प्रकरण में प्रारंभिक मर्ग जांच सहायक उपनिरीक्षक अमरलाल यादव एवं विवेचना एसडीओपी शिवेन्द्र सिंह द्वारा की गयी।
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