इलाज में देरी होने से रास्ते में तोड़ा दम, परिजनों ने नर्स सहित नर्सिंग होम पर लगाये गंभीर आरोप
अनूपपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें म.प्र. शासन द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने संबंधी योजनाएं एवं प्रयास पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ नर्स की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण गर्भवती महिला ने प्रसव के पहले ही दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार कोतमा थाना क्षेत्र अंतर्गत गोविंदा में निवास करने वाली रेनू देवी को अचानक प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलिया बड़ी लेकर पहुंचे। जहां नर्स ने गर्भवती महिला को निजी अस्पताल संगीता नर्सिंग होम बिजुरी भेज दिया। जहां परिजनों ने जब गर्भवती महिला को बिजुरी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां संगीता नर्सिंग होम द्वारा परिजनों से भर्ती के नाम, ऑपरेशन एवं ऑक्सीज़न के नाम पर 50 हजार रूपये जमा करवाते हुये गर्भवती महिला का आॅपरेशन किया गया, लेकिन अचानक रेनू का ऑपरेशन किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद रेनू की तबियत आचनक खराब हो गई और अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीज़न लेवल कम होने की बात कहते हुये उसे मेडिकल अस्पताल शहडोल रेफर कर दिया गया। जहां शहडोल ले जाते समय ही रास्ते में प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
मृतिका के पति श्रीदास ने बताया कि प्रसव कराने के नाम पर संगीता नर्सिंग होम द्वारा भर्ती के नाम पर 5 हजार, इसके बाद ऑपरेशन के नाम पर 40 हजार तथा ऑक्सीज़न लेवल कम होने पर अलग से 4 हजार रुपए ले लिये और रेनू को मरणासन्न हालत में रेफर कर दिया। जहां शहर से निकलने के 10 मिनट बाद ही रास्ते में उसकी व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। रास्ते में ही मौत होने की वजह से वह अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने परीक्षण के पश्चात मृत घोषित कर दिया। श्रीदास ने बताया कि 2021 में ही उसकी रेनू से शादी हुई थी। रेनू की मौत के बाद परिजन संगीता नर्सिंग होम पहुंचे। जहां उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। रविवार को तहसीलदार एवं पुलिस की उपस्थिति में महिला का शव परीक्षण एवं पंचनामा की कार्रवाई की गई। नवविवाहिता होने के कारण मामले की जांच कोतमा एसडीओपी द्वारा की जाएगी। नवविवाहिता के भाई ने जीजा पर रेनू से मारपीट करने व उसके इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि दहेज के लिए उसकी बहन के साथ मारपीट की जाती थी। कोतमा बीएमओ मनोज सिंह ने कहा कि शासकीय चिकित्सालय से निजी चिकित्सालय में इलाज के लिए नहीं भेजना था। नर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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