दो सूत्रीय मांगों को लेकर 457 कर्मचारी एक साथ बैठे धरने पर, जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराई
अनूपपुर। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर 7 दिसंबर से आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर की गई। लेकिन उनकी मांगो को अनुसना करने पर 15 दिसम्बर गुरूवार से जिले के 457 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन इंदिरा तिराहे पर स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे और हनुमान जी को ज्ञापन सौंप कर सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करने के बाद जिला चिकित्सालय के गेट के पास अनिश्चितकालीन धरना में बैंठ गयें हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 20 साल से वे कार्यरत हैं। कोरोना काल में अपनी परवाह न करते हुए शहरी और ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दी।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि कर्मचारियों को 5 जून 2018 की नीति लागू कर उसके अनुसार नियमित कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 90 फीसदी वेतन एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाने, जिन संविदा कर्मचारी को निष्कासित किया गया है उन्हें बहाल करने की मांग की हैं। जहां संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अनूपपुर के इस अनिश्चितकाॅलीन हड़ताल पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संगठन अनूपपुर द्वारा भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अनूपपुर के जिलाध्यक्ष शिवेन्द्र द्विवेदी को अपना समर्थन देते हुये उनके साथ ही अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर बैठ गये है। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संगठन की मांगो जिनमें एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को अन्य राज्यों की भांति नियमित किया जाने एवं सीएचओं को एमएलएचपी केडर में नियमित किया जाने, एनएचएम के समस्त प्रोग्रामों के जिनके केडर निर्धारित नही है उनके भी केडर बनाकर नियमित किया जाने तथा नियमिति की प्रक्रिया के प्रचलन में सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र 5 जून 2018 की नीति लागू कर उसके अनुसार नियमित कर्मचारियों को न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन एवं अन्य सुविधायें आज दिनांक तक एरियर सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समस्त संविदा कर्मचारियों को तत्काल आदेश करने, एनएचएम सपोर्ट स्टाॅफ को आउट सोर्सिंग से हटाकर तत्काल एनएचएम में वापस लिया जाने तथा बी. माॅक लेखापाल, मलेरिया, एमपीडब्ल्यू व अप्रेजल से निष्कासित कर्मचारियों को तत्काल एनएचएम में वापस लिये जाने की मांग की गई।
जिला चिकित्सालय में मरीजों को हो रही परेशानी
संविदा कर्मियों की हड़ताल के बाद जिला चिकित्सालय में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार एक ओर 2025 तक टीबी मुफ्त करने की योजना बना रही हैं। वहीं संविदा कर्मियों की हड़ताल के बाद जिला चिकित्सालय अनूपपुर में टीबी का इलाज करने वाले कक्ष में ताला लटका हुआ हैं। इसके साथ ही अन्य कार्यों में लगे संविदा स्टाफ के धरने के बाद स्थाई कर्मचारियों पर भी बोझ बढ़ गया है।
योजनाएं होगी रही प्रभावित
संविदा कर्मचारियों का हड़ताल के बाद शासन की ओर से चलाई जा रही योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सीएससी और पीएससी में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों पर शासन की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को लोगों तक पहुंचाते का कार्य करते हैं। लेकिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होने से कार्य में देरी होगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एससी राय ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल में जाने से जिले भर की स्वास्थ्य संस्थाओं की सेवाओं में फर्क पड़ेगा, अगर इनकी हड़ताल लंबी चली तो इसका असर मरीजों पर पड़ेगा। इसके लिए बुधवार को सिविल सर्जन एवं खंड चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर स्थाई कर्मचारियों से सेवाएं लेने की बात कही गई है।
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