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Anuppur News : तो क्या अब अपने ही गृह जिले में खाद्य मंत्री स्वयं करेंगे धान खरीदी ?

Anuppur News : तो क्या अब अपने ही गृह जिले में खाद्य मंत्री स्वयं करेंगे धान खरीदी ?

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

/ by News Anuppur

खरीदी केन्द्र स्मार्ट ग्राउंड अनूपपुर

नाॅन एवं खाद्य अधिकारी लापता, अव्यस्थाओं के बीच उपार्जन केन्द्र में हो रही खरीदी

इंटो - जिले में बनाये गये 34 धान उपार्जन केन्द में अव्यवस्थाओं के बीच किसानो से धान खरीदी जा रही है। जहां शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केन्द्रों की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखने वाले जिले के दो प्रमुख अधिकारी ही नदारद है। ऐसी स्थिति में अव्यवस्थाओं के बीच किसानों से धान की खरीदी की जा रही है। जहां सवाल उठ रहा है कि क्या जिले से दो जिला प्रमुखों के नदारद होने पर अब खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह स्वयं अपने गृह जिले के किसानों से उनकी धान की खरीदेगें या फिर किसानो को उपार्जन केन्द्रों में ही अव्यवस्थाओं के बीच परेशान होकर धान बेचने के लिये मजबूर होना पड़ेगा। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल के गृह जिला अनूपपुर की हालत सबके सामने है, जो अपने ही विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं को संभालने में नाकाम साबित हो रहे है।

अनूपपुर। कृषि को बढ़ावा देने व किसानो को उनकी फसल का सही लागत मिले इस हेतु प्रदेश शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानो से धान खरीदी जा रही है। जहां 12 दिन से अनूपपुर जिले में बनाये गये 34 धान उपार्जन केन्द्र किसानो से धान की खरीदी की जा रही है। उपार्जन केन्द्र में अपनी धान लेकर पहुंचने वाले किसानो को परेशानियों का सामना न करना पड़ रहा है। जिसका मुख्य कारण खरीदी केन्द्रो में शासन के नियमानुसार कई भौतिक, मानव संसाधन, तौल कांटा तथा अन्य सुविधायें प्रदान की गई है। लेकिन जिले के दो प्रमुख अधिकारी जिनमें नोडल विभाग बने खाद्य अधिकारी एस.एल. प्रजापति जो 7 दिसम्बर बुधवार की दोपहर से अचानक कहीं लापता हो गये, वहीं उपार्जन एजेंसी नाॅन के जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति अरूण कुमार रावत भी उपार्जन जैसी महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़कर छुट्टी का आनंद ले रहे है। इस विशेष परिस्थति में दोनो जिला प्रमुखों का जिले से ही गायब होने की परिस्थिति में किसान उपार्जन केन्द में अव्यस्थाओं के बीच अपनी धान बेच रहे है।

837 किसानो ने बेची 43 हजार 40 क्विंटल धान

जिले में बनाये गये 34 धान उपार्जन केन्द्र में 17 हजार 138 पंजीकृत किसानो से धान की खरीदी की जानी है। जहां अब तक 837 किसानो से 43040.59 क्विंटल टन धान की खरीदी हो सकी है। वहीं उपार्जन केन्द्र में धान बेचने आये किसानो को परेशान ना होना पड़े इसके लिये शासन ने सख्त निर्देश दिये है। जिसके लिये जिला स्तर पर समिति का गठन भी किया गया है। जिसमें नागरिक आपूर्ति विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, वेयर हाउस, सहकारिता विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को उपार्जन कार्य का शासन की गाइड लाईन के अनुसार शत प्रतिशत पर्यवेक्षण एवं पालन करना था। लेकिन महत्वपूर्ण उपार्जन कार्य को छोड़कर अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू है। जिसके कारण उपार्जन केन्द्रों में धान की सुरक्षा व्यवस्था, चोरी, कीटग्रस्तता, मौसम से विपरित परिस्थितियों में उसकी सुध लेना वाला जिले में कोई नही है।

अव्यवस्थाओं के बीच हो रही उपार्जन केन्द्रों  में  खरीदी

जिसमें उपार्जन केन्द्रों में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन एवं निर्बाध विद्युत या जनरेटर की सुविधा, इलेक्ट्राॅनिक उपकरणो में कम्प्यूटर या लैपटाॅप, प्रिंटर, डोंगल, यूपीएस, बैटरी, किसानों के लिये दरी, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, छाया, बिजली आदि, छनना, पंखे, परखी तथा सुरक्षात्मक सुविधाओं में तिरपाल, कवर, अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टियां, फास्टएड बाॅक्स, किसानो की उपज की साफ सफाई हेतु कस्टम हाईरिंग, आउटसोर्सिंग के माध्यम से सफाई उपकरण की उपलब्धता, बायोमेट्रिक डिवाईस आवश्यक है। लेकिन इन व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी लिये उपार्जन एजेंसी व नोडल अधिकारी के गायब होने से किसानो को परेशानियों के बीच धान बेचना पड़ रहा है। इतना ही नही उपार्जन केन्द्रों में किसानो के लिये न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और किसानो के आधार लिंक बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान की कोई समय सीमा, यहां तक की किसानो को उनकी धान खरीदी के तुरंत न तो कृषक तौल पर्ची उपलब्ध कराई जा रही है पर्याप्त तौल मशीन की व्यवस्था है।

अब तक नही हुआ परिवहन आदेश जारी

उपार्जन एजेंसी नागरिक आपूर्ति विभाग के जिला प्रबंधक अरूण कुमार रावत नोडल अधिकारी खाद्य विभाग के डीएसओं एस.एल. प्रजापति के जिले से नदारद होने पर जिले में बनाये गये 34 उपार्जन केन्द्रो की गोदाम से मैपिंग तक नही की गई है। जिसके कारण नाॅन के जिला प्रबंधक द्वारा अब तक धान परिवहन आदेश जारी नही किया गया है। जिसके कारण परिवहनकर्ता के वाहन बीते कई दिनों से उपार्जन केन्द्र में खाली खड़ी हुई है। उपार्जन जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़कर दोनो जिलाधिकारियों का जिले से गायब होना भी उनके कर्तव्यों व विभाग के कार्यो के प्रति साफ लापरवाही उजागर हो रहा है। जिसका खमियाजा जिले के किसानो को उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार उपार्जन केन्द्र खोड़री व मेला ग्राउंड देवगवां का गोदाम स्तरीय मैपिंग भी मनमानी तरीके से की गई है, जहां खोड़री उपार्जन से धान का परिवहन गढ़ी कैप खोड़री में न करते हुये अन्नपूर्णा राईसमिल देवगवां तो वहीं मेला ग्राउंड देवगवां उपार्जन केन्द्र की को अन्नपूर्णा राईसमिल देवगवां न करते हुये गढ़ी कैप खोडरी की मैपिंग कर परिवहन की दूरी को बढ़ा दिया गया है। 

इनका कहना है

पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियो के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी, धान उपार्जन केन्द्रों में फैली अव्यवस्थाओं को दुरूस्त कराया जायेगा।

सोनिया मीना, कलेक्टर अनूपपुर


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