बिना सुरक्षा उपकरण पर ठेकेदार करा रहा था कार्य, कोतमा नपा पर भी उठे सवाल
अनूपपुर। नगर पालिका कोतमा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 7 में आरसीसी नाली निर्माण के दौरान दो मजदूरों के ऊपर नाली से सटी कच्ची दीवाल गिर गई। जिससे मौके पर ही दोनो मजदूर गंभीर घायल हो गये। घटना के बाद आसपास के लोगो द्वारा दोनो मजदूरों को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा ले जाया गया, जहां रास्ते में ही सरमन चौधरी पिता स्व. कनकदास चौधरी 32 निवासी बदरा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से घायल मजदूर गुलाब चैधरी उम्र 30 वर्ष निवासी बदरा की हालत गंभीर देखते हुये डाॅक्टरों द्वारा उसका प्राथमिक उपचार करते हुये उसे शहडोल रेफर कर दिया गया है। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण करते हुये पंचनामा तैयार कर शव को पीएम के लिये भेजा गया है। वहीं पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुटी हुई है।
यह है मामला
मामले की जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 7 में अफसर अली के मकान से रेलवे तालाब तक नपा द्वारा आरसीसी नाली का निर्माण कार्य सिंह कंट्रक्शन को मिला था। जहां निर्माण कार्य के दौरान 16 जनवरी की दोपहर लगभग 12.30 बजे दो मजदूरों द्वारा खुदाई का कार्य कर रहे थे। जहां नाली से सटी कच्ची दीवाल अचानक दो मजदूरों के ऊपर गिर गई। जिसमें मजदूर सरमन चैधरी के सिर पर गंभीर चोट आने से उपचार हेतु अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं कार्य के दौरान मजदूर की मौत पर नपा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गये है। जिसमें नपा द्वारा कार्य करवाये जाने के दौरान मजदूरों की सुरक्षा पर किसी तरह का ध्यान नही दिया गया था। कार्य के दौरान मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरण दिये ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया जा रहा था।
उपयंत्री को कार्य प्रारंभ होने की नही थी जानकारी
पूरे मामले में उपयंत्री ओमवती तिवारी ने बताया कि वार्ड क्रमांक 7 में आरसीसी नाली निर्माण का कार्य सिंह कंट्रेक्शन को मिला था। जहां ठेकेदार जीतेन्द्र सिंह निवासी वार्ड क्रमांक 17 हाॅलो ब्लाॅक कोतमा काॅलरी भालूमाड़ा को 21 नवम्बर 2022 को आरसीसी नाली निर्माण कार्य के लिये वर्क आर्डर जारी हुआ था। लेकिन उक्त कार्य के प्रारंभ होने की कोई भी जानकारी व सूचना परिषद को ठेकेदार द्वारा नही दी गई थी।
नपाध्यक्ष ने दिया था मौखिक आदेश
नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ ने कहा कि आरसीसी नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ होने की जानकारी उन्हे थी, लेकिन जैसे ही उनसे उपयंत्री ओमवती तिवारी द्वारा दिये गये बयान के बारे में बताया गया तो उन्होने तत्काल ही अपना बयान को पलटते हुये गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि ठेकेदार को मौखिक रूप से स्थल निरीक्षण कर वार्ड क्रमांक 7 में आरसीसी नाली निर्माण के कार्य को चालू करने कहा गया था। पूरे मामले मंे नपाध्यक्ष अजय सराफ ने स्वयं स्वीकार किया है कि उपयंत्री को उक्त कार्य के संबंध में किसी भी तरह की कोई जानकारी नही थी।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें