मृतक की पत्नी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस टीम की तत्परता से खुली गुत्थी
अनूपपुर।
अनूपपुर जिले के ग्राम सकरिया में 31 अगस्त
को एक कुएं से बोरे और कंबल में लिपटी हुई लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई
थी। अब कोतवाली पुलिस ने इस अंधे हत्या कांड का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी
समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हत्या का कारण मृतक की
तीसरी पत्नी के अवैध संबंध रहे। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 103(1),
238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर दिया गया
है। पुलिस अधीक्षक ने 5 सितम्बर को प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी
गई।
यह था मामला
31 अगस्त की सुबह गुड्डी रजक पति भैयालाल रजक (60) निवासी सकरिया ने कोतवाली पहुंचकर सूचना दी कि उसके पति का शव घर के पीछे बने खेत के कुएं में उतराता हुआ देखा गया है। सूचना पर पुलिस, एफएसएल टीम, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया। शव बोरे और कम्बल में लिपटा हुआ था तथा रस्सी व साड़ियों से बंधा हुआ मिला। मृतक के सिर पर गहरी चोट पाई गई। पीएम रिपोर्ट में भी मौत का कारण सिर पर गंभीर चोट बताया गया। कोतवाली अनूपपुर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की और बाद में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
जांच में हुआ खुलासा
पुलिस उपमहानिरीक्षक शहडोल रेंज सविता सोहाने और पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने घटनास्थल का निरीक्षण कर विशेष टीम गठित की। गहन जांच और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मृतक की तीसरी पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक उम्र 38 वर्ष, उसके प्रेमी लल्लू उर्फ नारायणदास कुशवाहा पिता राम मनोहर कुशवाहा उम्र 48 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती वार्ड 13 अनूपपुर और मजदूर धीरज कोल पिता समय लाल कोल उम्र 25 वर्ष ग्राम सकरिया को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मृतक भैयालाल रजक की तीन शादियां हुई थीं। पहली पत्नी शादी के कुछ दिन बाद ही अलग हो गई थी। दूसरी पत्नी गुड्डी बाई से संतान न होने पर उसने उसकी छोटी बहन मुन्नी बाई से भी विवाह कर लिया, जिससे उसे दो संतान हुए। भैयालाल के पास सकरिया और परसवार में कीमती पैतृक जमीन थी। इसी सिलसिले में दलाल लल्लू कुशवाहा का आना-जाना बढ़ा और इसी दौरान उसका अवैध संबंध मुन्नी बाई से हो गया।
हत्या की साजिश और वारदात
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुन्नी
बाई अपने प्रेमी के साथ विवाह करना चाहती थी। इसके लिए उसने लल्लू कुशवाहा और
मजदूर धीरज के साथ मिलकर पति की हत्या की योजना बनाई। 30 अगस्त
की रात वह बहाना बनाकर बड़ी बहन गुड्डी के पास चली गई। रात करीब 2 बजे लल्लू और धीरज घर पहुंचे और निर्माणाधीन मकान की परछी में
सो रहे भैयालाल पर लोहे की रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी। शव को बोरे और कम्बल
में लपेटकर, साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे
खेत के कुएं में फेंक दिया। बाद में मृतक का मोबाइल फोन भी कुएं से बरामद किया
गया।
हत्या के लिए मजदूर को दिए थे 50 हजार
पुलिस के अनुसार, नारायणदास कुशवाहा ने पहले मजदूर धीरज कोल को मृतक के निर्माणाधीन मकान में काम पर लगवाया। इसी दौरान उसने धीरज को बताया कि भैयालाल की पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक से उसके अवैध संबंध हैं और पति के रहते वे दोनों साथ नहीं रह सकते। इसके बाद नारायणदास ने धीरज को हत्या की योजना में शामिल करते हुए उसे 50 हजार रुपये देने का वादा किया। योजना के तहत 30 अगस्त की रात नारायणदास ने धीरज कोल को पुलिस कॉलोनी के पास बुलाया। रात करीब 1 बजे दोनों वहां मिले और पैदल ही चंदास नाले को पार करते हुए ग्राम सकरिया पहुंचे। घर निर्माणाधीन होने से दरवाजे नहीं लगे थे। परछी पर खटिया में सो रहे भैयालाल रजक को दोनों ने लोहे की रॉड से सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को बोरे और कंबल में लपेटकर साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे कुएं में फेंक दिया गया।
पुलिस टीम की सराहना
इस सनसनीखेज अंधे हत्या कांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली निरीक्षक अरविंद जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक गिरजाशंकर गौतम, होमगार्ड प्लाटून कमांडर रामनरेश भवेदी, एएसआई सुरेंद्र प्रताप सिंह, महिला एएसआई हुरूननिशा, प्रधान आरक्षक शिवशंकर प्रजापति, शेख रसीद, राजेंद्र अहिरवार (साइबर सेल), आरक्षक प्रकाश तिवारी, अब्दुल कलीम, महिला आरक्षक कांति शर्मा एवं डॉग स्क्वाड वीरा के हैंडलर नारायण गोटिया शामिल रहे। डीआईजी शहडोल रेंज और एसपी अनूपपुर ने पूरी टीम को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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