मृतक के परिजनों को उपलब्ध कराई 50
हजार की आर्थिक सहायता राशि
अनूपपुर। शहडोल संभाग की कमिश्नर सुरभि गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए बिजुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई कलेक्टर हर्षल पंचोली के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। जानकारी के अनुसार 31 अगस्त की रात लोहसरा (उप तहसील बिजुरी) निवासी 7 वर्षीय सुफियान कुरैशी को सर्पदंश की पर परिजन देर रात करीब 1.50 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी लेकर पहुँचे। ड्यूटी पर मौजूद वार्ड बाय ने तत्काल डॉक्टर को फोन पर सूचना दी, लेकिन डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुँचे। उन्होंने केवल बच्चे को निगरानी में रखने और सामान्य इंजेक्शन लगाने के निर्देश दिए। सुबह करीब 8.30 बजे डॉक्टर ने अस्पताल पहुँचकर एंटी-वेनम इंजेक्शन दिया, लेकिन उपचार में हुई देरी से बच्चे की स्थिति बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा द्वारा की गई जाँच में यह
स्पष्ट पाया गया कि समय पर उपचार न मिलने से बच्चे की मौत हुई। कलेक्टर ने संपूर्ण
प्रतिवेदन कमिश्नर को भेजा, जिसके आधार पर डॉक्टर मनोज सिंह को
निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर रहेगा तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया
जाएगा।
पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता
मानवीय संवेदना के तौर पर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने मृतक बालक के परिजनों को रेडक्रॉस समिति के माध्यम से 50 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। साथ ही शासन से प्राप्त होने वाली आर्थिक मदद के लिए भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

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