13 दिसंबर को करेगी 108 हनुमान चालीसा पाठ
अनूपपुर। नगर के बहुप्रतीक्षित फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण में पिछले 9 वर्षों
से हो रही लगातार देरी से जनता में गहरा आक्रोश है। निर्माण कार्य की सुस्त रफ्तार
को लेकर भारतीय गण वार्ता पार्टी (भगवा
पार्टी) ने इस बार आध्यात्मिक मार्ग से प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने
का निर्णय लिया है। इसी उद्देश्य से पार्टी द्वारा
13 दिसंबर शनिवार को प्रातः 11 बजे फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण स्थल वन विभाग कार्यालय के सामने सद्बुद्धि
हेतु 108 हनुमान चालीसा पाठ
का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत
में हवन और प्रसाद वितरण भी रखा गया है।
भगवा पार्टी के जिला अध्यक्ष पं.
कन्हैयालाल मिश्रा ने कहा कि सनातन परंपरा में किसी महत्वपूर्ण कार्य में निरंतर
बाधा आने पर यज्ञ, मंत्रोच्चारण और हनुमान चालीसा के माध्यम से दिव्य मार्गदर्शन
लिया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान
राम के सभी कार्य पवनपुत्र हनुमान के माध्यम से सिद्ध हुए। इसी विश्वास के साथ यह
अनुष्ठान रखा गया है।
फ्लाईओवर 9 वर्षों से अधूरा, नगर का जनजीवन प्रभावित
नगरवासियों, व्यापारियों
और जनप्रतिनिधियों की लगातार मांगों के बावजूद फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण
निर्धारित समय सीमा में पूरा नहीं हो सका है। इसके कारण नगर का विकास बाधित है। व्यापारिक
गतिविधियाँ प्रभावित हैं, एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाओं में
भारी परेशानी, मुख्य बाजार क्षेत्र में लगातार जाम की
स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए भगवा पार्टी ने
निर्माण एजेंसी, रेलवे प्रशासन,
मध्यप्रदेश शासन, सेतु
निर्माण विभाग और ठेकेदारों की
सद्बुद्धि के लिए यह आध्यात्मिक प्रयास करने की
बात कही है, ताकि कार्य में तेजी आए और जनता को राहत मिल सके।
आयोजकों की जनमानस से मार्मिक अपील
धर्मावलंबियों एवं समाजसेवियों ने करतार
केवलानी, राकेश गौतम, अशोक राठौर, वरुण
चटर्जी, रामसजीवन गौतम,
साजनदास केवलानी, विवेक
सरावगी, सुजीत मिश्रा ने जिले के धर्मप्रेमियों, युवाओं, सामाजिक
संगठनों और मीडिया प्रतिनिधियों से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर इस
शांतिपूर्ण, सकारात्मक आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।
विकास के लिए आध्यात्मिक चेतना का संदेश
आयोजकों का कहना है कि यह आयोजन केवल
धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वर्षों से अटके विकास कार्य को गति देने का सामूहिक
संकल्प है। उनका विश्वास है कि हनुमान चालीसा की दिव्य ऊर्जा से बाधाएँ दूर होंगी
और संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों में कार्य के प्रति जिम्मेदारी और
सद्बुद्धि जागृत होगी।

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