थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस को निलंबित करने को लेकर करेगे अनिश्चितकॉलीन हड़ताल
अनूपपुर। पुलिस अभिरक्षा के दौरान मारपीट के बाद मिलहू केवट की मौत के जांच अधिकारी बदलने व दोषी थाना प्रभारी बिजुरी महेन्द्र ङ्क्षसह व अन्य कर्मचारियो को निलंबित कर निष्पक्ष जांच किए जाने को लेकर मृतक मिलहू केवट की पत्नी चंदाबाई केवट ने १५ जनवरी को पुलिस महानिदेशक भोपाल से लिखित शिकायत कर मांग की गई है। जिसमें चंदाबाई ने बताया कि थाना बिजुरी अंतर्गत ११ अक्टूबर को पुलिस द्वारा मिलहू केवट पिता पुसवा केवट उम्र ४० वर्ष निवासी मनटोलिया हाल निवास बिजुरी को थाने ले आई, जिसकी जानकारी मुझे शाम ५ बजे मेरे पति को गिरफ्तार होने जानकारी पुलिस ने दी, जिससके बाद उसी रात लगभग ९ बजे मेरा बेटा ओमप्रकाश अपने पिता को खाना खिलाने ले गया तब उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक था, फिर उसी रात लगभग ३ बजे मुझे थाना से फोन आया कि मिलहू की रात में अचानक तबियत खराब होने के कारण उसे अनूपपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अगले दिन सुबह मै अनूपपुर अस्पताल गई तो मेरे पति की हालत गंभीर रही, उनके गर्दन सीधी नही हो रही थी, उनके सिर व हाथ पाव में मारपीट के चोट के निशान थे। पूछने पर उन्होने बताया कि थाना प्रभारी बिजुरी महेन्द्र सिंह के कहने पर उमेश तिवारी और चोटी वाले किसी पुलिस ने उन्हे जूते और डंडे से बहुत मारा तथा उठक कर पटक दिया जिसके बाद मै बेहोश हो गया। जिला चिकित्सालय में मेरे पति की हालत ठीक नही होने पर उन्हे जबलपुर रेफर कर दिया गया जहां पर वह ३ दिन भर्ती रहे, जहां कुछपुलिस वाले जिन्होने डॉक्टर से जबरजस्ती कर उन्हे रेफर कराकर नागपुर रवि चौक स्थित अस्पताल ले गए, जहां जबलपुर से नागपुर जाने के दौरान मेरे पति के सिर का ऑपरेशन हुआ जिसका खर्च २ लाख रूपए मुझे थाना प्रभारी ने दिया जब तक मेरे पति नागपुर में भर्ती थे तब कुछ पुलिस वाले पल-पल मेरे पति के साथ मौजूद थे और कुछ दिन बाद पुलिसवाले मुझे और मेरे पति को छुट्टी कराने के लिए बोलने लगे और अस्पताल से छुट्टी दिला दिया गया, जहां हम सब घर आने लगे जहां मेरे पति की हालत फिर अचानक बिगड गई, जहां एक दिन के लिए मेरे पति को बिलासपुर स्थित हेमंत चटर्जी हास्पिटल में भर्ती कराया गया, फिर हम सब घर आ गए, जहां ६-७ दिन बाद फिर से पुलिस द्वारा मेरे पति को भिलाई ले जाया गया वहां उनकी डॉक्टर साहब ने उनका चेकअप किया जहां ७ दिसम्बर २०१७ को मेरे पति की मृत्यु हो गइ्र। चूंकि हरपल पुलिस वाले हम लोगो के साथ रहते थे इसलिए अस्पतालो के सभी दस्तावेज वही रखते थे जिस दिन से मेरे द्वारा शिकायत की गई उस दिन से लगातार उमेश तिवारी, रामपाल मिश्रा व अन्य पुलिस द्वारा प्रतिदिन घर आकर शिकायत न करने की समझाईश दी जाती है अैर मेरे बेटो को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। जिसमें बाद चंदाबाई केवट ने शिकायत के माध्यम से बताया कि पति की गिरफ्तारी तिथि ११ अक्टूबर २०१७ से लेकर उनकी मृत्यु ०७ दिसम्बर २०१७ तक पुलिस द्वारा बताए जा रहे हर पहलू की सघनता से जांच हो जैसे मेरे पति की बिना उपस्थिति में उनकी जमानत कैसे हो गई, अनूपपुर, जबलपुर, नागपुर के अस्पतालो में टीआई व अन्य पुलिस कर्मियो की मौजूदगी के सीसीटीवी की रिकार्डिंग, महेन्द्र सिंह सहित अन्य लोगो के मोबाइल के कॉल डिटेल्स, मोबाइल लोकेशन, थाने बिजुरी में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग इन सभी सबूतो से पुलिस का झूठ व हत्या की साजिश एवं सबूत मिटाने सब सामने आ जाएगा। मृतक की पत्नी ने बताया कि अगर पुलिस दोषी नही है तो अस्पतालो के सभी दस्तावेज हमे क्यो नही दे रही है। इलाज के दौरान पल-पल हम लोगो के साथ पुलिस के रहने, पति के ऑपरेशन के लिए थाना बिजुरी महेन्द्र ङ्क्षसह द्वारा पैसे देने, मेरे पति के तेरहवी का खर्च व बेटो को नौकरी का लालच क्यो दिया गया, वहीं शिकायत करने पर हम लोगो को धमकी क्यो दी जा रही है उक्त बिन्दुओ की जांच कर कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त जांच अधिकारी एसडीओपी कोतमा विजय सिंह को हटाकर संभाग से बाहर किसी अन्य जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच करवाई जाए, वहीं उक्त दोनो मांगो को स्वीकार कर जांच अधिकारी बदल कर दोषियो को निलंबित तथा बिजुरी से हटाकर जांच प्रारंभ किए जाने की मांग की जिस पर ऐसा नही करने पर आज १७ जनवरी को सुबह ११ बजे से पुलिस महानिदेशक कार्यालय के बाहर हम केवट समाज के लोगो व गांव के लोगो द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
अनूपपुर। पुलिस अभिरक्षा के दौरान मारपीट के बाद मिलहू केवट की मौत के जांच अधिकारी बदलने व दोषी थाना प्रभारी बिजुरी महेन्द्र ङ्क्षसह व अन्य कर्मचारियो को निलंबित कर निष्पक्ष जांच किए जाने को लेकर मृतक मिलहू केवट की पत्नी चंदाबाई केवट ने १५ जनवरी को पुलिस महानिदेशक भोपाल से लिखित शिकायत कर मांग की गई है। जिसमें चंदाबाई ने बताया कि थाना बिजुरी अंतर्गत ११ अक्टूबर को पुलिस द्वारा मिलहू केवट पिता पुसवा केवट उम्र ४० वर्ष निवासी मनटोलिया हाल निवास बिजुरी को थाने ले आई, जिसकी जानकारी मुझे शाम ५ बजे मेरे पति को गिरफ्तार होने जानकारी पुलिस ने दी, जिससके बाद उसी रात लगभग ९ बजे मेरा बेटा ओमप्रकाश अपने पिता को खाना खिलाने ले गया तब उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक था, फिर उसी रात लगभग ३ बजे मुझे थाना से फोन आया कि मिलहू की रात में अचानक तबियत खराब होने के कारण उसे अनूपपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अगले दिन सुबह मै अनूपपुर अस्पताल गई तो मेरे पति की हालत गंभीर रही, उनके गर्दन सीधी नही हो रही थी, उनके सिर व हाथ पाव में मारपीट के चोट के निशान थे। पूछने पर उन्होने बताया कि थाना प्रभारी बिजुरी महेन्द्र सिंह के कहने पर उमेश तिवारी और चोटी वाले किसी पुलिस ने उन्हे जूते और डंडे से बहुत मारा तथा उठक कर पटक दिया जिसके बाद मै बेहोश हो गया। जिला चिकित्सालय में मेरे पति की हालत ठीक नही होने पर उन्हे जबलपुर रेफर कर दिया गया जहां पर वह ३ दिन भर्ती रहे, जहां कुछपुलिस वाले जिन्होने डॉक्टर से जबरजस्ती कर उन्हे रेफर कराकर नागपुर रवि चौक स्थित अस्पताल ले गए, जहां जबलपुर से नागपुर जाने के दौरान मेरे पति के सिर का ऑपरेशन हुआ जिसका खर्च २ लाख रूपए मुझे थाना प्रभारी ने दिया जब तक मेरे पति नागपुर में भर्ती थे तब कुछ पुलिस वाले पल-पल मेरे पति के साथ मौजूद थे और कुछ दिन बाद पुलिसवाले मुझे और मेरे पति को छुट्टी कराने के लिए बोलने लगे और अस्पताल से छुट्टी दिला दिया गया, जहां हम सब घर आने लगे जहां मेरे पति की हालत फिर अचानक बिगड गई, जहां एक दिन के लिए मेरे पति को बिलासपुर स्थित हेमंत चटर्जी हास्पिटल में भर्ती कराया गया, फिर हम सब घर आ गए, जहां ६-७ दिन बाद फिर से पुलिस द्वारा मेरे पति को भिलाई ले जाया गया वहां उनकी डॉक्टर साहब ने उनका चेकअप किया जहां ७ दिसम्बर २०१७ को मेरे पति की मृत्यु हो गइ्र। चूंकि हरपल पुलिस वाले हम लोगो के साथ रहते थे इसलिए अस्पतालो के सभी दस्तावेज वही रखते थे जिस दिन से मेरे द्वारा शिकायत की गई उस दिन से लगातार उमेश तिवारी, रामपाल मिश्रा व अन्य पुलिस द्वारा प्रतिदिन घर आकर शिकायत न करने की समझाईश दी जाती है अैर मेरे बेटो को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। जिसमें बाद चंदाबाई केवट ने शिकायत के माध्यम से बताया कि पति की गिरफ्तारी तिथि ११ अक्टूबर २०१७ से लेकर उनकी मृत्यु ०७ दिसम्बर २०१७ तक पुलिस द्वारा बताए जा रहे हर पहलू की सघनता से जांच हो जैसे मेरे पति की बिना उपस्थिति में उनकी जमानत कैसे हो गई, अनूपपुर, जबलपुर, नागपुर के अस्पतालो में टीआई व अन्य पुलिस कर्मियो की मौजूदगी के सीसीटीवी की रिकार्डिंग, महेन्द्र सिंह सहित अन्य लोगो के मोबाइल के कॉल डिटेल्स, मोबाइल लोकेशन, थाने बिजुरी में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग इन सभी सबूतो से पुलिस का झूठ व हत्या की साजिश एवं सबूत मिटाने सब सामने आ जाएगा। मृतक की पत्नी ने बताया कि अगर पुलिस दोषी नही है तो अस्पतालो के सभी दस्तावेज हमे क्यो नही दे रही है। इलाज के दौरान पल-पल हम लोगो के साथ पुलिस के रहने, पति के ऑपरेशन के लिए थाना बिजुरी महेन्द्र ङ्क्षसह द्वारा पैसे देने, मेरे पति के तेरहवी का खर्च व बेटो को नौकरी का लालच क्यो दिया गया, वहीं शिकायत करने पर हम लोगो को धमकी क्यो दी जा रही है उक्त बिन्दुओ की जांच कर कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त जांच अधिकारी एसडीओपी कोतमा विजय सिंह को हटाकर संभाग से बाहर किसी अन्य जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच करवाई जाए, वहीं उक्त दोनो मांगो को स्वीकार कर जांच अधिकारी बदल कर दोषियो को निलंबित तथा बिजुरी से हटाकर जांच प्रारंभ किए जाने की मांग की जिस पर ऐसा नही करने पर आज १७ जनवरी को सुबह ११ बजे से पुलिस महानिदेशक कार्यालय के बाहर हम केवट समाज के लोगो व गांव के लोगो द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें