भ्रष्टाचार में विभाग ने परिवहनकर्ता व तत्कालीन जिला प्रबंधक का नही जोड़ा था नाम, जांच प्रारंभ
अनूपपुर। वर्ष २०१६-१७ के दौरान धान उपार्जन केन्द्र छिल्पा तथा पयारी नम्बर १ से सजहा गोदाम के लिए निकली तीन ट्रक धान के रास्त से गायब होने के मामले में अब भालूमाड़ा पुलिस ने जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग की शिकायत पर ७ जनवरी की शाम ५ लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। जिसमें छिल्पा समिति प्रबंधक मदन मोहन मिश्रा सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर पयारी अमलाई अवनीश द्विवेदी, समिति प्रबंधक पयारी अमलाई सय्याद नफीस अहमद, कम्प्यूटर ऑपरेटर पयारी अमलाई दिलीप कुमार मिश्रा तथा नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन लेखापाल अखिलेश श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा ४२०, ५११, ४६७, ४६८, ४७१, १२० बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
परिवहनकर्ता व नॉन प्रबंधक पर भी गिरेगी गाज
पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति विभाग ने परिवहनकर्ता व तत्कालीन जिला प्रबंधक अधिकारी के नामों को क्लीनचिट दे दी है। जिसके कारण मामले से संबंधित व्यक्तियों के नामों को शामिल तक नहीं किया गया है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन के अनुसार मामला दर्ज के उपरांत पुलिस टीम द्वारा जांच प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी से पूर्व जिला प्रबंधक सहित परिवहनकर्ता के नाम मामले में जोड़े जाने का कारण भी पूछा गया, वहीं पूरे मामले की जांच की जाएगी। विदित हो कि १२ व १५ दिसम्बर २०१६ तथा १ जनवरी २०१७ को तीन ट्रक धान गायब मामले का खुलासा विभागीय जांच में सामने आई थी। जिसमें तीनों ट्रक क्रमांक एमपी १८ जीए ०६४५, ट्रक क्रमांक एमपी १८ जीए ०६४५, एवं सीजी १० ३८९१ में कुल १६०० बोरी (६४०) क्विंटल धान भंडारण केन्द्र सजहा नहीं पहुंची थी।
परिवहनकर्ता को निगम ने पाया दोषी, किया था ब्लैक लिस्टेड
मामले में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग पीएस ने तीन ट्रक धान गायब मामले में परिवहनकर्ता को दोषी पाते हुए शहडोल सम्भाग में आयोजित बैठक पर १० नवम्बर २०१७ को पहुंच नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को दिए थे। लेकिन बाद में स्वयं मप्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड भोपाल ने गंभीरता दिखाते हुए १३ दिसम्बर को परिवहन से जुड़े परिवहनकर्ता मे. पंकज चतुर्वेदी को अफरा-तफरी मामले में दोषी पाते हुए परिवहन सेवाओं में ब्लैक लिस्टेड (काली सूची) कर दिया है। यहीं नहीं परिवहनकर्ता द्वारा जानबूझ कर परिवहन में विलम्ब तथा खाद्यान्नों की हेरा-फेरी के मामले में कारपोरेशन की समस्त परिवहन निविदाओं में किसी भी हैयिसत से भाग नहीं लेने के लिए अयोग्य घोषित करते हुए आगामी १० वर्षो तक उसके द्वारा किए जाने वाले परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लेखापाल ने विभागीय अधिकारी पर लगाए थे आरोप
धान गायब मामले में जहां विभागीय लेखापाल कर्मचारी अखिलेश श्रीवास्तव आरोपी बनाए गए हैं, वहीं लेखापाल ने ७ मार्च २०१७ को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित कलेक्टर, क्षेत्रीय प्रबंधक, जिला प्रबंधक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी सहित एमडी भोपाल को अपने विभागीय तत्कालीन अधिकारी व परिवहनकर्ता द्वारा ५ मार्च रविवार २०१७ को कार्यालय बुलाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के साथ दवाब बनाकर मुझसे विवादित डब्ल्यूएचआर व एसी नोट काटे जाने के सम्बंध में पत्र लिखवा कर हस्ताक्षर करवाए जाने की लिखित शिकायत की थी। जिसमें लेखापाल ने बताया था कि डब्ल्यूएचआर व एसी नोट जारी करने के कार्य का दायित्व लेखापाल का नहीं होता है। इस कार्य के लिए विभाग द्वारा कनिष्ठ सहायक व ऑपरेटर पदस्थ किए गए हैं।
इनका कहना है
विभाग द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत पर भालूमाड़ा थाना में ५ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के शामिल होने पर कार्यवाही की जाएगी।
सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
अनूपपुर। वर्ष २०१६-१७ के दौरान धान उपार्जन केन्द्र छिल्पा तथा पयारी नम्बर १ से सजहा गोदाम के लिए निकली तीन ट्रक धान के रास्त से गायब होने के मामले में अब भालूमाड़ा पुलिस ने जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग की शिकायत पर ७ जनवरी की शाम ५ लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। जिसमें छिल्पा समिति प्रबंधक मदन मोहन मिश्रा सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर पयारी अमलाई अवनीश द्विवेदी, समिति प्रबंधक पयारी अमलाई सय्याद नफीस अहमद, कम्प्यूटर ऑपरेटर पयारी अमलाई दिलीप कुमार मिश्रा तथा नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन लेखापाल अखिलेश श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा ४२०, ५११, ४६७, ४६८, ४७१, १२० बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
परिवहनकर्ता व नॉन प्रबंधक पर भी गिरेगी गाज
पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति विभाग ने परिवहनकर्ता व तत्कालीन जिला प्रबंधक अधिकारी के नामों को क्लीनचिट दे दी है। जिसके कारण मामले से संबंधित व्यक्तियों के नामों को शामिल तक नहीं किया गया है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन के अनुसार मामला दर्ज के उपरांत पुलिस टीम द्वारा जांच प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी से पूर्व जिला प्रबंधक सहित परिवहनकर्ता के नाम मामले में जोड़े जाने का कारण भी पूछा गया, वहीं पूरे मामले की जांच की जाएगी। विदित हो कि १२ व १५ दिसम्बर २०१६ तथा १ जनवरी २०१७ को तीन ट्रक धान गायब मामले का खुलासा विभागीय जांच में सामने आई थी। जिसमें तीनों ट्रक क्रमांक एमपी १८ जीए ०६४५, ट्रक क्रमांक एमपी १८ जीए ०६४५, एवं सीजी १० ३८९१ में कुल १६०० बोरी (६४०) क्विंटल धान भंडारण केन्द्र सजहा नहीं पहुंची थी।
परिवहनकर्ता को निगम ने पाया दोषी, किया था ब्लैक लिस्टेड
मामले में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग पीएस ने तीन ट्रक धान गायब मामले में परिवहनकर्ता को दोषी पाते हुए शहडोल सम्भाग में आयोजित बैठक पर १० नवम्बर २०१७ को पहुंच नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को दिए थे। लेकिन बाद में स्वयं मप्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड भोपाल ने गंभीरता दिखाते हुए १३ दिसम्बर को परिवहन से जुड़े परिवहनकर्ता मे. पंकज चतुर्वेदी को अफरा-तफरी मामले में दोषी पाते हुए परिवहन सेवाओं में ब्लैक लिस्टेड (काली सूची) कर दिया है। यहीं नहीं परिवहनकर्ता द्वारा जानबूझ कर परिवहन में विलम्ब तथा खाद्यान्नों की हेरा-फेरी के मामले में कारपोरेशन की समस्त परिवहन निविदाओं में किसी भी हैयिसत से भाग नहीं लेने के लिए अयोग्य घोषित करते हुए आगामी १० वर्षो तक उसके द्वारा किए जाने वाले परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लेखापाल ने विभागीय अधिकारी पर लगाए थे आरोप
धान गायब मामले में जहां विभागीय लेखापाल कर्मचारी अखिलेश श्रीवास्तव आरोपी बनाए गए हैं, वहीं लेखापाल ने ७ मार्च २०१७ को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित कलेक्टर, क्षेत्रीय प्रबंधक, जिला प्रबंधक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी सहित एमडी भोपाल को अपने विभागीय तत्कालीन अधिकारी व परिवहनकर्ता द्वारा ५ मार्च रविवार २०१७ को कार्यालय बुलाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के साथ दवाब बनाकर मुझसे विवादित डब्ल्यूएचआर व एसी नोट काटे जाने के सम्बंध में पत्र लिखवा कर हस्ताक्षर करवाए जाने की लिखित शिकायत की थी। जिसमें लेखापाल ने बताया था कि डब्ल्यूएचआर व एसी नोट जारी करने के कार्य का दायित्व लेखापाल का नहीं होता है। इस कार्य के लिए विभाग द्वारा कनिष्ठ सहायक व ऑपरेटर पदस्थ किए गए हैं।
इनका कहना है
विभाग द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत पर भालूमाड़ा थाना में ५ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के शामिल होने पर कार्यवाही की जाएगी।
सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
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