अनूपपुर। राजस्व विभाग संबंधित हितग्राहियों के मामले में मुख्यमंत्री द्वारा अविवादित नामांतरण और बंटवारा प्रकरण लाने पर हितग्राही को १ लाख रूपए के इनाम देने तथा इनाम की राशि की वसूली संबंधित राजस्व अधिकारी से करने की घोषणा में २८ दिसम्बर को पारित आदेश को जिले के राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों ने तुगलकी आदेश मानते हुए मप्र. राजस्व अधिकारी संघ के बैनर तले इसे निरस्त करने की अपील करने के साथ मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर अजय शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। ५ जनवरी शुक्रवार की दोपहर को राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप न्यायालय के कटघरे में खुद न्यायाधीशों को ही आरोपी साबित करने की बात कही। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत राजस्व अधिकारी संघ ने प्रदेश के सीएस को ज्ञापन सौंपकर मामले से अवगत कराया था। जिसमें सीएस ने ऐसी नीतियां नहीं बनने तथा कोई आदेश जारी नहीं होने की जानकारी देते हुए आगामी दिनों भी इसप्रकार की कोई आदेश पारित नहीं होने का आश्वासन दिया था। इसमें खुद सीएस ने माना कि राजस्व अधिनियम में भू-अविवादित या अविवादित प्रकरण को श्रेणियों में नहीं विभक्त किया गया है। साथ ही राजस्व प्रकरण में अविवादित और नामांतरण की प्रक्रिया को पूर्ण करने का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी २८ दिसम्बर को सचिव द्वारा एक आदेश जारी कर पुन: आदेश को समस्त कलेक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारियों को पालनार्थ पत्र जारी कर दिए गए। राजस्व अधिकारियों का कहना है कि जब ग्राम पंचायत को अधिकार दिया गया है और एक माह के अंदर वे मामले का निराकरण नहीं करते तो इसमें राजस्व अधिकारी व कर्मचारी कैसे दोषी होंगे।
सीएम के तुगलकी आदेश को वापस लेने राजस्व अधिकारी-कर्मचारी संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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