जल अभाव ग्रस्त जिला घोषित के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा बोर उत्खनन
अनूपपुर। जिले में भीषण गर्मी के कारण लगातार घटते जल स्तर को देखते हुए जहां कलेक्टर ने जिले को मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के अंतर्गत जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया है। वहीं संपूर्ण जिले में बिना अनुमति बोर उत्खनन करने के साथ ही जल स़्त्रोत, नदी, बंधान, जलधारा, जलाशय बंधान से सिंचाई एवं अन्य औद्योगिक प्रयोजन हेतु उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी संपूर्ण जिले में रात के समय बिना अनुमति बोर उत्खनन किया जा रहा है। जहां 14 जून की रात लगभग 1.30 बजे कोतवाली पुलिस ने खम्परिया तालाब के पास प्रतिबंध के बावजूद बोर उत्खनन करते पाए जाने पर बोरिंग मशीन एवं कम्प्रेशर मशीन के दो वाहनो को जब्त कर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 संशोधित नियम 19 सितम्बर 2000 के तहत कार्यवाही की गई। मामले की जानकारी देते हुए सहायक उप निरीक्षक रविकांत शर्मा ने बताया की कोतवाली निरीक्षक के निर्देशन में रात्रि गश्त के दौरान रात लगभग 1 बजे खम्परिया तालाब के पास सुदर्शन शाह की जमीन पर अवैध तरीके से बिना अनुमति के बोर उत्खनन किया जा रहा था, जहां मौके पर पहुंच कर बोर मशीन के संचालक सत्येन्द्र कुमार पटेल पिता रामदास पटेल एवं जमीन मालिक से बोर उत्खनन से संबंधित अनुमति मांगी गई, जहां बोर उत्खनन से संबंधित किसी भी प्रकार की अनुमति नही दिखाए जाने पर वाहन क्रमांक केए 01 एमआई 3444 एवं केए 01 एसी 6644 बोरिंग एवं कंप्रेशर मशीन को जब्त कर थाना में खड़ा कराया गया है।
जल अभाव ग्रस्त के बाद भी धड़ल्ले से हो रहे बोर उत्खनन
कलेक्टर द्वारा अनूपपुर जिले का जल अभाव ग्रस्त जिला घोषित करने के बाद भी जिले के चारो विकासखंड अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ में बोरिंग मशीन के संचालक द्वारा रात के समय बिना अनुमति के लगातार बोर उत्खनन की शिकायते मिलती रही है। जहां इसके पूर्व भी फुनगा क्षेत्र के कमदटोला में 8 जून को भालूमाड़ा पुलिस ने बोर उत्खनन करते बोरिंग मशीन को जब्त किया गया था। बावजूद इसके जल स्तर में लगातार गिरावट के बाद भी राजस्व विभाग द्वारा जिले में चल रहे अवैध तरीके से बोर उत्खनन पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। जिसके कारण क्षेत्र में जगह-जगह बोरिंग मशीन द्वारा बोर कर क्षेत्र को छलनी किया जा रहा है।
पेयजल एवं निस्तार के पानी के लिए भटक रहे आमजन
एक ओर भीषण गर्मी में जहां जल स्तर कम हो जाने के कारण जहां आगामी ग्रीष्म ऋतु में जिलेवासियों के लिए पीने के पानी एवं निस्तार की आवश्यकता पूर्ति के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाने की कार्ययोजना कलेक्टर द्वारा बनाई गई है। वहीं इन कार्ययोजनाओं पर बोरिंग मशीन के संचालको द्वारा पानी फेरा जा रहा है। जिसके कारण इसका असर प्राकृतिक स्त्रोतो के साथ ही नलकूप, नदी, नालो की जलधार टूट गई है। वहीं कुआं एवं तालाब पूरी तरह सूख चुके है। वहीं बोरिंग मशीन के संचालको द्वारा नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार संपूर्ण जिले में बिना अनुमति प्रतिदिन रात के समय लगातार बोर उत्खनन किया जा रहा है। जिसके कारण संबंधित अधिकारियों पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
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