एसपी से मिल गलत एफआईआर तत्काल रद्द करने की कि मांग
कोतमा। कोतमा पुलिस द्वारा जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस कार्यवाहक जिला अध्यक्ष मंगलदीन साहू के खिलाफ हुई एफआईआर पर अब कोतमा पुलिस पर ही सवाल खड़े हो गए है। जहां 23 जुलाई को शिकायतकर्ता जनपद सदस्य शारदा मरावी ने पुलिस अधीक्षक से मेरे नाम से किया गया फर्जी आवेदन पर पुलिस द्वारा बिना मेरा बयान लिए जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस जिला कार्यवाहक अध्यक्ष पर मामला पंजीबद्ध कर दिया गया जो गलत है और ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का अपमान है। वहीं 23 जुलाई को ही जनपद अनूपपुर सदस्य शारदा मरावी ने स्वयं पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा से मिल लिखित शिकायत दी जिसमें उसने बताया की वर्तमान समय में कोतमा विधानसभा क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को लेकर हम जैसे अनुसूचित जनजाति को आगे रख अपनी रोटी सेक रहे है। जहां मेरे हस्ताक्षर युक्त आवेदन के माध्यम से जिला पंचायत सदस्य मंगलदीन साहू के नाम झूठी रिर्पोट दिखाकर उनके ऊपर 469 के तहत मामला दर्ज किया है, जो गलत एवं हम ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधयों का अपमान है। वहीं मामले की जानकारी मुझे कल 22 जुलाई को नोटिस के माध्यम से हुई है। जिस पर शारदा मरावी ने पुलिस अधीक्षक से तत्काल उक्त एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए किसी भी प्रकार की कोई भी लिखित आवेदन नही करने की बात कही। वहीं इस पूरे मामले के बाद कोतमा पुलिस पर कई सवाल आकर खड़े हो गए है।
कोतमा। कोतमा पुलिस द्वारा जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस कार्यवाहक जिला अध्यक्ष मंगलदीन साहू के खिलाफ हुई एफआईआर पर अब कोतमा पुलिस पर ही सवाल खड़े हो गए है। जहां 23 जुलाई को शिकायतकर्ता जनपद सदस्य शारदा मरावी ने पुलिस अधीक्षक से मेरे नाम से किया गया फर्जी आवेदन पर पुलिस द्वारा बिना मेरा बयान लिए जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस जिला कार्यवाहक अध्यक्ष पर मामला पंजीबद्ध कर दिया गया जो गलत है और ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का अपमान है। वहीं 23 जुलाई को ही जनपद अनूपपुर सदस्य शारदा मरावी ने स्वयं पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा से मिल लिखित शिकायत दी जिसमें उसने बताया की वर्तमान समय में कोतमा विधानसभा क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को लेकर हम जैसे अनुसूचित जनजाति को आगे रख अपनी रोटी सेक रहे है। जहां मेरे हस्ताक्षर युक्त आवेदन के माध्यम से जिला पंचायत सदस्य मंगलदीन साहू के नाम झूठी रिर्पोट दिखाकर उनके ऊपर 469 के तहत मामला दर्ज किया है, जो गलत एवं हम ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधयों का अपमान है। वहीं मामले की जानकारी मुझे कल 22 जुलाई को नोटिस के माध्यम से हुई है। जिस पर शारदा मरावी ने पुलिस अधीक्षक से तत्काल उक्त एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए किसी भी प्रकार की कोई भी लिखित आवेदन नही करने की बात कही। वहीं इस पूरे मामले के बाद कोतमा पुलिस पर कई सवाल आकर खड़े हो गए है।
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