⧭आज इंदौर में 4, भोपाल और उज्जैन में एक-एक मिले कोरोनो पाॅजिटिव
भोपाल\ म.प्र. की राजधानी भोपाल में बुधवार 25 मार्च को कोरोना वायरस के संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया। रविवार को प्रोफेसर काॅलोनी में निवास करने वाले लड़की के पिता जो पत्रकार है वो भी कोरोना संक्रमित पाए गए। जो 20 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रेस काॅन्फ्रेस में शामिल हुए। इसमें कमलनाथ ने इस्तीफे का एैलान किया था। पत्रकार में संक्रमण सामने आने पर कमलनाथ ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया है। सीएम हाउस में हुई प्रेस काॅन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के सभी विधायक और प्रदेष के वरिष्ठ अधिकारियों समेत लगभग 200 पत्रकार उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश के 6 जिलों में संक्रमण पहुंच चुका है। अब तक जबलपुर में 6, इंदौर में 4, भोपाल में 2, उज्जैन, ग्वालियर एवं षिवपुरी में एक-एक कोरोना पाॅजिटिव मामले मिल चुके है। इसके साथ ही प्रदेष में कोरोना के मरीजो की संख्या 15 हो गई है।
17 मार्च को लंदन से लौटी थी पत्रकार की बेटी
प्त्रकार की 26 वर्षीय बेटी 17 मार्च को लंदन से दिल्ली पहुंची थी। आईजीआई एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद डाॅक्टर्स ने उसे फिट घोषित किया। इसके बाद वह शताब्दी एक्सप्रेस से भोपाल पहुंची। जिसके बाद लड़की के परिजन ने कलेक्टर तरूण पिथौड़े से संपर्क कर उसकी कोरोना जांच की मांग की। इस पर जेपी अस्पताल के डाॅक्टर्स की टीम ने घर पहुंचकर जांच की गई, जहां जांच रिपोर्ट में पाॅजिटिव आई थी।
भोपाल हमीदिया अस्पताल में रखे गए 600 बेड रिजर्व
मुख्यमंत्री षिवराज सिंह ने आला अधिकारियों के निर्देष दिए है कि जहां से विदेषी मेहमान लौटे है ऐसे सभी राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यटन क्षेत्रों की सघन जांच की जाए। निजी अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल अमले का भी उपयोग करे। दूसरी ओर प्रषासन ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल को खाली कराने के आदेष दिए है। इसमें 600 बेड कोरोना मरीजो के लिए रिजर्व है। इसके साथ ही इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा मेडिकल काॅलेज से जुड़े अस्पतालों को इस महामारी के उपचार का संेटर बनाया जाएगा।
पांच विशेषज्ञ विषेषज्ञ डाॅक्टरों की यूनिट
हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एके श्रीवास्तव ने बताया की कोरोना मरीजों का उपचार के लिए तीन यूनिट बनाई गई है। प्रत्येक यूनिट में पल्मोनोलौजिस्ट, मेडिसिन, पीडियाटि?क, ईएनटी और एनीस्थीसिया विषेषज्ञ डाॅक्टर ड्यूटी करेगे। यूनिट में ड्यूटी करने वाले डाॅक्टर एक सप्ताह खत्म होने के बाद 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसकी वजह मरीज का उपचार करने वाले डाॅक्टर्स, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाॅफ को मरीजों का उपचार करने के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण होने का खतरा होता है।