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संकट के दौरान सोना निवेश बेहतर विकल्प- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल

संकट के दौरान सोना निवेश बेहतर विकल्प- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल

बुधवार, 25 मार्च 2020

/ by News Anuppur

नई दिल्ली। संकट की घड़ी में सेना निवेष का सबसे अच्छा विकल्प है, वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने यह बात कही है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर उसने कहा है कि सोना संकट के समय जरूरी नकदी उपलब्ध करा सकता है। इसमें साख का भी कोई जोखिम नही है। यह आपके समूचे पोर्टफोलियों के प्रदर्षन को भी बेहतर बनाता है।

इंडियन बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिषन के नेषन सेक्रेटरी सुरेन्द्र मेहता का कहना है कि सोने में आगे तेजी के संकेत है, विदेशी बाजार में सोना 1,800 डाॅलर तक चढ़ सकता है। कोरोना वायरस के चलते जोखिम बढ़ने और डाॅलर के मुकाबले रूपया 78 का स्तर पार करने से घरेलू बाजार में सोने की कीमतें 50,000 रूपए प्रति 10 ग्राम तक छू सकती है।

डब्लूयूजीसी की इस रिपोर्ट का नाम एक रणनीति संपत्ति के तौर पर सोने की उपयोगिता भारती परिप्रेक्ष्य में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप  से सोना पोर्टफोलियों से जुड़े रिटर्न के जोखिम को समन्वित करने में मदद करता है, सकारात्मक रिटर्न उपलब्ध काराता है और बाजार में दवाब पैदा होने की स्थिति में यह देनदारियों को पूरा करने की क्षमता रखता है।

एजेंसी के प्रबंध निदेषक (भारत) सोमासुंद्रम पीआर ने कहा भारतीय निवेषकों के लिए आज सोना पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है, अनिष्चितता के ऐसे समय में जब वैष्विक बाजारों में उठापटक चल रही है, सोना पोर्टफोलियों के विभिन्न स्तरों पर जोखिम और रिटर्न के बीच समायोजन में सुधार लाने की क्षमता रखता है, यह मुद्रास्फीति के समक्ष आपके लिए बचाव का भी साधन बनता है, हमारे आंकड़े इसकी पुष्टि करते है।

उन्होने कहा कि सोने के साथ ही विधिक स्टाॅक वाले पोर्टफोलियों में बाजार की घटबढ़ पर घबराहत पूर्ण प्रतिक्रिया का जोखिम नही रहता है, रिपोर्ट में कहा गया है वर्ष 1981 से लेकर अब तक सोने पर वार्षिक औसत रिटर्न 10 प्रतिषत रहा है, जबकि इस दौरान भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत 7.35 प्रतिषत रहा है।

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