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नेपाली संसद ने विवादित नक्षे को दी मंजूरी, संविधान संशोधन विधेयक पारित

नेपाली संसद ने विवादित नक्षे को दी मंजूरी, संविधान संशोधन विधेयक पारित

बुधवार, 10 जून 2020

/ by News Anuppur


नेपाल की संसद प्रतिनिधि सभा ने देश के नए और विवादित नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया है। यह संविधान संशोधन विधेयक अब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर करते ही नया नक्शा कानून की शक्ल ले लेगा। बता दें कि इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया गया है।

हाइलाइट्स

  • नेपाली संसद ने नए और विवादित नक्षे को दी मंजूरी, राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजने की तैयारी
  • नए नक्षे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया, 395 किलोमीटर भारतीय इलाका शामिल
  • भारत से बातचीत को बेताब नेपाल, विदेष मंत्री ने की अपील, भारन ने कहा- पहले भरोसा पैदा करें

काठमांडू

नेपाल की निचली संसद प्रतिनिधि सभा ने देष के नए और विवादित नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया है। भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच इस नए नक्शे में लिपुलेश, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल में अपने क्षेत्र में दिखाया है। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमाया थुम्भांगफे ने देश के नक्शे में बदलाव के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए इसे पेश किया था।

राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा

यह संविधान संशोधन विधेयक अब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर करते ही नया नक्शा कानून की शक्ल ले लेगा। नेपाली संसद ने मंगलवार देर शाम तक नक्शे को लेकर चर्चा हुई। वहीं, नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भारत से फिर बातचीत का अनुरोध किया है।

इसलिए पहले नही हुआ पारित

संविधान संशोधन प्रस्ताव पिछले महीने संसद में पेश किया जाना था लेकिन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि मामले पर चर्चा कि लिए वह सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते है, जिसके बाद इस पर आगे नही बढ़ा जा सकता। विधेयक में संविधान की तीसरी अनुसूची में शामिल नेपाल के राजनीतिक मैप में बदलाव का प्रस्ताव है। संविधान में संषोधन के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है।

रोड के जवाब में नया नक्शा 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब लिपुलेश से कलैश मानसरोवर जाने वाले रास्ते का उद्घाटन किया, तभी नेपाल ने इसका विरोध किया था। उसके बाद 18 मई को नेपाल ने नए नक्शा जारी कर दिया। भारत ने साफ कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। नेपाल के नेतृत्व को एैसा माहौल बनाना चाहिए जिससे बैठकर बात हो सके।

भारत ने कहा स्वीकार नही दावा 

भारत ने हाल मे इस पर क्षोभ जाहिर करते हुए कहा कि क्षेत्र पर कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दावा करने को वह स्वीकार नहीं करेगा और उसने पड़ोसी देश से कहा कि वह इस तरह के अनुचित मैप दावे से बचे। दोनों देशो के बीच संबंध तब तनावपूर्ण हो गए थे जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबे मार्ग का आठ मई को उद्घाटन किया था।

तल्ख होने लगे हैं दोनों देशो के रिश्ते 

नेपाल के इस कदम से भारत के साथ उसके रिश्तो पर गहरा असर पड़ रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेंगा। विदेष मंत्रालय की तरफ से कहा गया था  कि इस सीमा विवाद का हाल बातचीत के माध्यम से निकालने के लिए आगे बढ़ना होगा। इसके बाद नेपाल ने पिथौरागढ़ से सटे बार्डर पर बरसों पुराने एक रोड प्रोजेक्ट को शुरू करवा दिया। यह रोड रणनीतिक रूप से अहम है और उसी इलाके में है जहां पर नेपाल अपना कब्जा बताता रहा है।

नक्शे ने बचाई पीएम ओली की कुर्सी?

नेपाल की न्यूज साइट काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाली कम्यूनिस्ट पार्टी में पुष्प् कमल दहल और सीनियर लीडर माधव कुमार नेपाल के खेमे से ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही थी लेकिन अब यहां सन्नाटा छाया हुआ है। माधव के एक साथी के मुताबिक देष में हालात गंभीर है और ऐसे में पीएम का इस्तीफा मांगना अनैतिक होगा। हालांकि, विरोधी खेमे का साफ कहना है कि इस मांग को खत्म नहीं किया गया है, बजट और नक्शे के पारित होने तक के लिए रोक दिया गया है। पोस्ट ने पार्टी के अंदर कई लोगों के हवाले से दावा किया है कि भारत के साथ सीमा विवाद ने ओली को बचा लिया है।

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