शाहिद और राजू सिंह को संबंधित थाने में हाजिरी लगाने के दिए निर्देश
अनूपपुर। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सोनिया मीना ने शाहिद पिता बदरूद्दीन मुसलमान उम्र 48 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 11 बिजुरी को वर्ष 1991 से 2020 तक व राजू सिंह पिता जगत प्रताप सिंह उम्र 46 वर्ष निवासी माईनस कॉलोनी बिजुरी को वर्ष 2001 से 2019 तक आपराधिक गतिविधियों में संलग्न पाए जाने पर म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा-5(क) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्व जिला अनूपपुर तथा उसकी सीमा से सम्बद्ध म.प्र. राज्य के राजस्व जिले शहडोल, उमरिया एवं डिंडौरी की सीमाओं से एक वर्ष की कालावधि के लिए बाहर चले जाने का आदेश दिया गया है साथ ही उन्होंने शाहिद व राजू सिंह को उक्त अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत यह आदेश दिया है कि उपरोक्त वे जिस-जिस थाना क्षेत्र में निवास करें या आवागमन करें उसमें अपनी आने तथा प्रस्थान करने की सूचना दें तथा प्रत्येक दिन दोपहर 12 बजे क्षेत्राधिकार वाले थाना में अपनी उपस्थिति दर्ज करावें। उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि नियत कालावधि में दोनो आरोपी बिना अनुमति के उपरोक्त जिलों की सीमाओं के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे और न ही क्षेत्राधिकार वाले थाने में हाजिरी देना बंद करेंगे। उपरोक्त आदेश का पालन न करने, उल्लंघन करने या विरोध करने पर म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के अंतर्गत अनावेदकों को गिरफ्तार किया जावेगा तथा तीन वर्ष के कारावास व जुर्माने से दंडनीय होंगे।
जिले में कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण हेतु कलेक्टर एवं कार्यपालिक दंडाधिकारियों द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है। अनावेदक शाहिद वर्ष 1991 से लगातार अवैध कारोबार एवं आपराधिक गतिविधियों में संगठित गिरोह बनाकर संलिप्त होने व आये दिन कोयला चोरी, मारपीट, गुंडागर्दी का अपराध घटित करता चला आ रहा है। अनावेदक शाहिद के विरुद्ध थाना बिजुरी में 13 गंभीर अपराध पंजीबद्ध होकर न्यायालय में विचाराधीन है। इसी तरह अनावेदक राजू सिंह वर्ष 2001 से लगातार बिजुरी एवं आसपास के क्षेत्र में जुंआ, शराब एवं सट्टे का अवैध कारोबार कर रहा है। अनावेदक राजू सिंह एक संगठित गिरोह बनाकर लगातार आपराधिक घटनाएं घटित कर रहा है। अनावेदक राजू सिंह के अवैध सट्टा के कारोबार से आम जन के जीवन एवं सम्पत्ति अपहानिकारित हो रही है। उक्त दोनो अनावेदकों के विरुद्ध लगातार प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां की गईं, किन्तु दोनो अनावेदकों के आपराधिक कृत्यों में कोई सुधार नहीं आया है, बल्कि लगातार अपराधों में संलिप्त हैं। दोनो अनावेदकों के आपराधिक कृत्यों के कारण संबंधित क्षेत्रों की आम जनता भयभीत रहते हैं, जिसके कारण अनावेदकों के आपराधिक कृत्यों की थाने में रिपोर्ट करने एवं गवाही देने से डरते हैं। दोनो अनावेदकों के स्वछंद रहने पर जनता अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है। उक्त प्रकरणों में आरोपियों को जवाब साक्ष्य का पर्याप्त अवसर देते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं थाना प्रभारी व अन्य साक्षियों के कथन एवं परीक्षण उपरांत आदेश पारित किया गया है।
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