सविंदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के धरना का तीसरा दिन, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
अनूपपुर। जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गुरूवार से अपनी दो सूत्री मांगो को लेकर जिला चिकित्सालय अनूपपुर के सामने अनिश्चितकाॅलीन हड़ताल पर बैठे है। जिसका असर पहले दिन से ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर दिखने लगा था। लेकिन हड़ताल के तीसरे दिन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगो को पूरा करवाने तथा शासन को सद्बुद्धि देने हेतु भगवान हनुमान जी का विधि विधान से पूजा-अर्चना कर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। वहीं लगातार तीसरे दिन तक चल रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर होने जिला चिकित्सालय सहित 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है, जहां उपचार के लिये परिजन परेशान होते देखे जा रहे है। वहीं जिले की 182 उप स्वास्थ्य केन्द्रो में कार्यरत 136 कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओं) के हड़ताल पर अपना समर्थन देने के बाद उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भी ताला जड़ा हुआ है।
स्वास्थ्य संबंधित कई योजनाएं पड़ी बंद
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कई स्वास्थ्य योजनाएं पूरी तरह प्रभावित है। जिसमें नियमित टीकारण, टीवी यूनिट, ब्लड बैंक, ओपीडी, आईपीडी, एएनसी जांच, पीएनसी जांच, आभा आईडी, ई-संजीवनी सहित समस्त आॅनलाईन रिपोर्टिंग जैसे महत्पूर्ण कार्य पूरी तरह से ठप पड़े है। इतना ही नही उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ताला तलटकने के कारण गर्भवती महिला बच्चों को टीकारण करवाने के लिये भटक रहे है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अनूपपुर के जिलाध्यक्ष शिवेन्द्र द्धिवेदी ने बताया कि प्रदेश शासन द्वारा कैबिनेट में 5 जून को पारित नीति को लागू करवाने, सपोर्ट स्टाॅफ की एनएचएच में पुनः बहाली एवं सभी निष्काषित कर्मचारियों की शत-प्रतिशत बहाली की मांग प्रमुख है। इसके तहत 7 दिसंबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। मांगो को पूरा कराने के लिए कर्मचारियों द्वारा पूर्व ही कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं। जब तक मांगो का निराकरण नहीं होगा कर्मचारी अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।
वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संगठन कोतमा ब्लाॅक की अध्यक्ष सुभद्रा सिंह ने बताया कि 5 सूत्री मांगो के बारे में बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को एमएलएचपी मिड लेबल हेल्थ प्रोवाइडर में नियमित किया जाये जैसा की हरियाणा, बिहार, उड़ीसा, राजस्थान अन्य राज्यों के अनुसार किया जाये, सेैलरी में पीबीआई समाहित करते हुये भुगतान किया जाये, महराष्ट्र की भांति म.प्र. के ट्रायबल जिसे जिलों में अतिरिक्त 15 हजार राशि का भुगतान किया जाए, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी से संबंधित कार्य दायित्व के स्पष्ट दिशा निर्देश जारी तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लंबे अवकाश दुर्घटना या लंबी बीमारी या मातृत्व अवकाश जैसी समस्याओं के चलते हुये एएनएम/एमपीडब्ल्यू की अनुपस्थित में कार्य को सुचारू से चलने के लिये वैकल्पिक रूप मंे समीप के एएनएम/एमपीडब्ल्यू को निर्देशित किया जाए एवं अस्थाई रूप से व्यवस्था बनी रही इसके लिये उचित निर्देश प्रदान करें। इस तरह से वैकल्पिक व्यवस्था बनाये जाने पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर गुणवत्ता के साथ प्रति पूर्ति की जा सकेगी। अगर शासन द्वारा हमारी मांगो का निराकरण नही करती है तो सभी कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर हड़ताल जारी रखेंगी।
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