जिले भर के पत्रकारों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन, वीडियो की फॉरेंसिक जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग
अनूपपुर। जिले में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो ने पत्रकारिता जगत को हिला कर रख दिया है। 2 जून को वायरल हुए इस वीडियो में पशु तस्करी के आरोप में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान उर्फ बल्लू ने पांच पत्रकारों पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में आरोपी द्वारा पत्रकारों के नाम स्पष्ट रूप से लिए गए हैं, जिससे पूरे मीडिया जगत में रोष और चिंता की लहर दौड़ गई है।
इस
प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार परिषद जिला इकाई अनूपपुर जिलाध्यक्ष अमित
शुक्ला के नेतृत्व में जिले के समस्त पत्रकारों की उपस्थिति में पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
मोती उर्र रहमान को एक ज्ञापन सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पत्रकारों का
कहना है कि यह वीडियो न केवल पत्रकारिता की साख को चोट पहुंचा रहा है, बल्कि समाज में भ्रम और अविश्वास का माहौल भी बना रहा है।
पत्रकारों ने ज्ञापन में रखी यह प्रमुख मांगें
उक्त मामले में पत्रकारों ने तथ्यात्मक
जांच समिति का गठन कर
वायरल वीडियो और उसमें लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच किए जाने,
वीडियो की फॉरेंसिक जांच कर यह पता लगाया जाए कि उसमें किसी
प्रकार की एडिटिंग या छेड़छाड़ तो नहीं की गई है के संबंध में,
आरोपी अब्दुल रहमान उर्फ बल्लू से यह स्पष्ट कराया जाए कि उसने किन परिस्थितियों
में यह बयान दिया है, यदि पत्रकारों के
विरुद्ध कोई प्रमाण हैं तो उन्हें सार्वजनिक किया जाए, अन्यथा मानसिक उत्पीड़न से राहत दी जाए, यह भी जांच की जाए कि कहीं इस वीडियो
के पीछे राजनीतिक या
प्रशासनिक दबाव तो
नहीं है, यदि वीडियो पुलिस हिरासत के
दौरान बनाया गया है, तो उसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की
पहचान कर जवाबदेही तय की जाए, अगर यह वीडियो कोतमा थाना से
लीक हुआ है, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई किये जाने तथा मामले की सच्चाई सामने
लाने के लिए पुलिस द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित
कर आधिकारिक प्रेस
विज्ञप्ति जारी
किये जाने की मांग की गई है।
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि पशु तस्करी के मामले में गिरफ्तार आरोपी बल्लू ने अपने बयान में कुछ पत्रकारों पर लेन-देन के आरोप लगाए हैं। हालांकि, वीडियो में किसी नेता, पुलिस अधिकारी या अन्य प्रभावशाली व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है। इससे यह संदेह भी गहराता है कि कहीं यह वीडियो एकतरफा उद्देश्य से तो प्रसारित नहीं किया गया।सार्वजनिक विश्वास बनाए रखने की चुनौती
इस पूरे मामले ने पत्रकारिता की गरिमा और विश्वसनीयता को एक बार फिर कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह बिना किसी दबाव के निष्पक्ष जांच कराते हुए सत्य को उजागर करे। पत्रकारों ने प्रशासन से अपील की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच प्रारंभ की जाए, ताकि सच सामने आए और दोषी चाहे जो भी हो, उसे दंड मिले, तथा निर्दोषों की प्रतिष्ठा सुरक्षित रह सके।ये रहे उपस्थित
ज्ञापन
के दौरान जिले के समस्त पत्रकार जिनमें संभागीय अध्यक्ष शहडोल चैतन्य मिश्रा,
जिला अध्यक्ष अमित शुक्ला सहित कैलाश पांडेय, अरूण
ओटवानी, प्रेम अग्रवाल, कमलेश
मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, भगवान
दास मिश्रा, संतोष मिश्रा, आशीष
द्विवेदी, रमाकांत शुक्ला, संदीप
द्विवेदी, शैलेन्द्र द्विवेदी,
अभिषेक द्विवेदी, रामभुवन गौतम,
सत्य प्रकाश उपाध्याय, संस्कार गौतम, अधिकलाल
यादव, मदनमोहन मिश्रा, अमित
तिवारी, निगमदास चौधरी,
नीरज द्विवेदी, दुर्गा प्रसाद यादव, अजीत तिवारी, आर.सी. मिश्रा, प्रकाश
तिवारी(मोंटी), राजेश सिंह, सुनील
मिश्रा, प्रमोद तिवारी, धनंजय
तिवारी, बृजेश द्विवेदी,
बृजेश राठौर, रामबाबू चौबे, राजनारायण द्विवेदी, आशुतोष सिंह,
अजय रस्तोगी, संजीव पांडेय, संजय साहू, राजकुमार चौधरी, यशपाल जाट,
सुशील कुमार सोनी, पुनीत सेन, श्याम तिवारी,
चंदन केवट, इंद्रपाल यादव,
बबलू मिश्रा सहित अन्य पत्रकार शामिल रहे।
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