परिवहन में हेरफेर कर करोड़ों का नुकसान, आदेश जारी कर 24 घंटे में तोड़ा गया नियम
इंट्रो- जिले
में उपार्जित धान के परिवहन में बड़े पैमाने पर अनियमितता और गोलमाल का मामला एक
बार फिर सामने आया है। परिवहनकर्ता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पहले क्रॉस
मूवमेंट गेम खेला गया और अब इसका दूसरा चरण क्रॉस मूवमेंट गेम 2
उजागर हुआ है। इसमें नजदीकी भंडारण
केंद्रों की जगह लंबी दूरी वाले गोदामों में धान भेजा गया, जिससे
परिवहन लागत कई गुना बढ़ गई। क्रॉस मूवमेंट गेम 2 ने
जिले की उपार्जन और भंडारण व्यवस्था की पोल खोल दी है। ट्रक रूट बदलकर, चालान ओवरराइट कर और नजदीकी गोदाम छोड़कर लंबी दूरी पर धान
भंडारित कराना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि
सरकार को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाने वाला संगठित तंत्र का हिस्सा प्रतीत
होता है।
अमित शुक्ला / अनूपपुर। जिले में हो रहे उपार्जित
धान को भंडारण केन्द्र तक ले जाने के खेल में परिवहन कर्ता बृजेश पांडेय को
करोड़ों का लाभ दिलाने के लिये प्रभारी डीएम नॉन एवं खाद्य अधिकारी अनीता
सोरते ने परिवहन रूट की जबरजस्त प्लानिंग की गई। जहां नजदीकी खाली पड़े
गोदामों को पहले नजर अंदाज कर लंबी दूरी वाले गोदामों को धान
के भंडारण के लिए प्राथमिकता दी गई और बाद में उस लंबी दूरी वाले भंडारण केन्द्र
को भी नजर अंदाज कर क्रॉस मूवमेंट गेम 2 का खेल खेला गया है। मामले के अनुसार कई ट्रक
धान को इस पूरे खेल में उपार्जन केन्द्रों से भंडारण केन्द्रों तक ले जाने के
लिए जारी ट्रक चालान को उनके गतंव्य स्थान भेजा गया, उसके बाद अन्यंत्र गोदाम में
खाली कराते हुए परिवहन कर्ता को लाभ दिलाया जा रहा है। यानि कागजों में धान एक वेयरहाउस के नाम दर्ज, लेकिन माल किसी दूसरे जगह पहुंचाया गया। इससे न सिर्फ सरकारी
निर्देशों की अवहेलना हुई, बल्कि उपार्जन और परिवहन व्यवस्था की
जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया हैं।
यह है मामला
जिले में धान उपार्जन और परिवहन सिस्टम की पारदर्शिता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। 5 दिसंबर को जिला खाद्य अधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि ट्रक चालान जिस गोदाम के लिए जारी होगा, धान की अनलोडिंग उसी गोदाम में अनिवार्य रूप से करवाई जाएगी। लेकिन परिवहन कर्ता को लाभ दिलाने के उद्देश्य से उक्त आदेश के 24 घंटे बाद 6 दिसम्बर को ही डीएसओं वा प्रभारी नॉन प्रबंधक अनीता सोरते ने अपने ही आदेश की अनदेखी कर दी गई। एक तरफ उपार्जन नीति की खुलआम धज्जियां उड़ाकर गलत मैपिंग को अंजाम देते हुए वाहनों को क्रॉस मूवमेंट कराया गया। तो दूसरी तरफ जब क्रॉस मूवमेंट से भी बात नही बनी तो आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटनाकला खरीदी केंद्र रामकथा मैदान एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा खरीदी केंद्र पालीटेक्निक ग्राउंड से धान की खेप ओम सिंह वेयरहाउस के नाम का ट्रक चालन तैयार किया गया था, परंतु धान की वास्तविक अनलोडिंग मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन कोतमा में करवा दी गई। जब अधिकारी स्वयं अपने आदेशों का पालन नहीं करा पा रहे, तो सिस्टम से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जाए।
ऐसे खेला गया क्रॉस मूवमेंट गेम 2 का खेल
जानकारी के अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा
खरीदी केंद्र पालीटेक्निक ग्राउंड से 6 दिसम्बर को ट्रक क्रमांक
एमपी 18 जीए 2119 में 800 बोरी धान लोड़ कर ट्रक चालान क्रमांक 593480800001,
एमपी 18 जीए 1075 बोरी 650, ट्रक चालान क्रमांक 593480800002 तथा ट्रक क्रमांक एमपी 18 जीए
3510 बोरी 650, ट्रक चालान क्रमांक 593480800003 में लोड़ कर ओंम सिंह वेयर हाउस
परासी के लिये भेजा गया, जहां अपने गतंव्य स्थान पर पहुंचने पर उक्त ट्रकों को बिना
किसी लिखित आदेश के रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर भेजा गया,
जहां फिर से ट्रक चालान में पेन से ओव्हर राइटिंग कर उसे एमपीडब्लूएलसी कोतमा भेज कर अनलोडिंग कराई गई।
इसी तरह से आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटनाकला खरीदी केंद्र रामकथा मैदान से 5 दिसम्बर
को ट्रक क्रमांक एमपी 18 एच 7788 में 800 बोरी धान, ट्रक चालान क्रमांक
593480690001 तथा 7 दिसम्बर को ट्रक क्रमांक एमपी 18 एच 8688 में 800 बोरी, ट्रक चालान क्रमांक
593480690004 को ओंक सिंह वेयर हाउस परासी भेजा गया और उक्त दोनो ट्रकों को भी रमेश
इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर और फिर वहां से मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एंड
लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन
कोतमा में खाली करवाया गया।
उपार्जन नीति के विपरीत परिवहन कार्य
परिवहन कर्ता को लाभ
दिलाने के चक्कर में डीएसओं पर उपार्जन नीति के विपरित जाकर गलत मैपिंग किये जाने तथा
क्रॉस मूवमेंट का खेल से कई सवाल खड़े हो चुके थे। लेकिन उसके बाद क्रॉस मूवमेंट गेम
2 का खेल भी सामने आया। कम दूरी वाले गोदाम उपलब्ध होने के बावजूद अधिक दूरी वाले
रास्ते चुना जाना तथा उसके बाद फिर से दोबारा और अधिक दूरी बढ़ाने के लिये ट्रक को
दो भंडारण केन्द्र भेजकर पूरा एक चक्कर लगाने के बाद तीसरे भंडारण केन्द्र में धान
खाली करवाकर लाभ दिलाया जाना संदेह के घेरे में आ चुका है। जानकारी के अनुसार परिवहन कर्ता को उपार्जन केन्द्र
से 8 किमी की दूरी पर 1 हजार क्विंटल धान के परिवहन में 16 हजार 968 रूपये की राशि
देय है, जबकि 50 किमी दूरी पर उक्त धान को अनलोड़ करने पर यह राशि
बढ़कर 54 हजार 840 रूपये बढ़ जाती है।
प्रशासन की कार्यशैली पर
सवाल
प्रभारी प्रबंधक नॉन वा डीएसओं
अनीता सोरते ने 5 दिसम्बर को एक आदेश जारी किया गया था, उक्त आदेश के बिन्दु क्रमांक 3 में स्पष्ट उल्लेख था
कि परिवहनकर्ता को जिस उपार्जन केन्द्र से जिस गोदाम में लिये चालान जारी किया गया
है, उसी के अनुसार संबंधित गोदाम में ट्रक अनलोड़ कराया जाएगा।
लेकिन उक्त आदेश के 24 घंटे के अंदर ही प्रभारी डीएम नॉन ने 6 दिसम्बर को कई ट्रक
धान को तीन भंडारण गोदाम का एक पूरा चक्कर लगवाते हुए ट्रक चालान में जारी गोदाम की
जगह अन्यंत्र गोदाम में धान मौखिक आदेश से धान खाली करवा दिया गया। फर्क साफ की अपने
ही आदेश के विरूद्व जाकर परिवहन कर्ता को लाभ दिलाने के लिये कार्य किया गया।


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